Move to Jagran APP

चुनावी चौपाल : नेताजी ! बताओ सरयू मइया कै जल कब होई निर्मल

बदरंग हो गया सरयू का निर्मल स्वरूप। दैनिक जागरण के चुनावी चौपाल में सरयू नदी के प्रदूषण पर हुई चर्चा मतदाताओं का छलका दर्द।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 03:57 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 03:57 PM (IST)
चुनावी चौपाल : नेताजी ! बताओ सरयू मइया कै जल कब होई निर्मल

बहराइच, जेएनएन। नेपाल से निकलकर कलकल करती सरयू नदी बहराइच में प्रवेश करती है। पतित पावन सरयू नदी का जल विषाक्त हो जाने से हजारों जलजीव रोज मर रहे हैं। गंदा और जहरीला पानी कुपोषण को दावत दे रहा है। सरयू का जल न तो आचमन लायक रह गया है न पीने और न स्नान करने लायक। नरिया घाट से लेकर गोलवाघाट तक सरयू का निर्मल स्वरूप बदरंग हो गया है। नदी नाले में तब्दील हो गई है।

loksabha election banner

नरियाघाट पर अनारकली झील से आने वाले नाले का गंदा पानी गिरने से सरयू का जल काला हो गया है। शहर से सटी गरीब बस्ती नई बस्ती मीरपुर कस्बा कुपोषण से ग्रस्त है। सरकारी योजनाओं से महरूम है। यहां की महिलाओं में काफी जागरूकता है। नदी सफाई को लेकर महिलाएं काफी चिंतित हैं। सरकार की पीएम आवास व शौचालय योजना यहां धरातल पर नहीं उतर सकी है।

नगरपालिका भी शहर का कूड़ा नदी में डाल रहा है। पूर्व डीएम ने इस बस्ती को गोद लिया था, लेकिन मां के आंचल का पल्लू फटा होने और सुविधाओं के अभाव में कुपोषित होकर यह कस्बा दम तोड़ रहा है। मंगलवार सुबह दैनिक जागरण ने सरयू नदी के किनारे नरियाघाट पर चौपाल लगाकर इन लोगों का दर्द साझा किया। दर्द बयां करते-करते महिलाओं व पुरुषों के आंखों में आंसू छलक आए। रुंधे कंठ से लोगों ने कहा कि नेताजी बताओ सरयू मइया कै जल कब निर्मल होई। 

कस्बे की आबादी लगभग 5600 है। शहर से जुड़ा होने के नाते यह क्षेत्र अहम है। शासन की जो भी योजनाएं आती हैं उनका क्रियान्वयन होता है, लेकिन बरात घर यहां पर नहीं है। सरयू नदी जलकुंभी से पट गई है। नाले का गंदा पानी आने से इसका पानी विषाक्त हो गया है। सरयू की सफाई जरूरी है। विजय यादव 

सरयू नदी नाले में तब्दील हो गई है। जलीय जीव गंदे पानी के कारण खत्म होते जा रहे हैं। नदी में गिरने वाला जलशोधन के बाद ही गिराया जाना चाहिए। सरयू नदी को भगीरथ की तलाश है। सरयू नदी की सफाई के लिए जिला प्रशासन की ओर से भी कदम उठाया जाना चाहिए, क्योंकि कस्बे से सटा होने के कारण यहां के लोग इसी में स्नान भी करते हैं। पानी भी पीते हैं। इससे कुपोषण का दानव भी यहां मुंह फैला रहा है। मुहम्मद सलीम, सरयू बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष 

नगरपालिका की हठधर्मिता के कारण शहर का कूड़ा नदी के किनारे डंप कराया जा रहा है। कूड़े से उठने वाले दुर्गंध के कारण पूरा क्षेत्र प्रभावित है। गंदे नाले का पानी सीधे नदी में गिराया जा रहा है, जिससे नदी प्रदूषित हो चुकी है। नदी का पानी भी जहरीला हो गया है। सेवार जलकुंभी से नदी का बहाव रुक गया है। नदी का पानी पीने से आसपास के लोग बीमार हो रहे हैं। नदी को अविरल और निर्मल बनाने के लिए नेताओं को प्रयास करना चाहिए। सचिन श्रीवास्तव   

नदी में नाले के पानी से प्रदूषण फैल रहा है। यहां निवास करने वाले लोग इसका पानी पीने से बीमार हो रहे हैं। नदी की सफाई जरूरी है। पतित पावनी सरयू मइया का जल विषाक्त हो जाने से जलजीव मर रहे हैं। गंदा और जहरीला पानी से सरयू का स्वरूप बदल गया है। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते सरयू सफाई अभियान के लिए कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। धर्मपाल चौहान 

यहां के अधिकांश लोगों के पास रहने के लिए छत भी नहीं है। तिरपाल और मड़हे के सहारे जिंदगी काट रहे हैं। कोटेदार कम राशन दे रहा है। सरकारी योजनाएं धरातल पर नहीं उतर रही हैं। कस्बा के किनारे बहने वाली सरयू मइया भी नेताओं की उदासीनता का शिकार बन गई है। सफाई नहीं हो रही है। झाड़-झंखाड़ से नदी पटती जा रही है। क्षेत्र में बेसहारा पशु घूमते रहते हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कांती देवी 

कोटेदार पर गल्ला कम मिलता है। यहां बह रही नदी नाले में बदल गई है, जिसे संवारना जरूरी है। सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। नदी की सफाई निरंतर की जानी चाहिए, जिससे नदी की निर्मलता बनी रहे। बदरूल इस्लाम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.