LokSabha Election 2019: पहले आदर्शवादी राजनीति थी, अब अवसरवादी है..
शहर के बड़ा चौक में स्थित है बाबा टी स्टॉल। रोज की भांति मंगलवार शाम को भी ग्राहक चाय की चुस्कियां ले रहे थे। लोग आपस में बातचीत करने में भी मशगूल थे।
By Edited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 11:48 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 02:32 PM (IST)
गिरिडीह, ज्ञान ज्योति। शहर के बड़ा चौक में स्थित है बाबा टी स्टॉल। शाम 5:30 का वक्त है। रोज की भांति मंगलवार शाम को भी ग्राहक चाय की चुस्कियां ले रहे थे। चुनावी चर्चा भी जारी थी। जागरण की टीम ने इस चुनावी चर्चा में शामिल हो मतदाताओं की नब्ज को टटोलने का प्रयास किया।
चाय की चुस्की का आनंद ले रहे भंडारीडीह निवासी गुलाम महबूब ने कहा कि चुनाव को लेकर उनमें कोई उत्साह नहीं है। इस बार कोई भी प्रत्याशी स्थानीय नहीं हैं। मुस्लिम समुदाय से भी किसी ने उम्मीदवार नहीं दिया है। केंद्र सरकार की चर्चा पर कह उठे, भाजपा की विचारधारा से हम सहमत नहीं हैं। इसे आरएसएस चलाता है, जो गैर संवैधानिक संस्था है। गिरिडीह में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली जैसे कई मुद्दे हैं, लेकिन किसी भी दल का ध्यान इस ओर नहीं है। भंडारीडीह के मो. रियाज भी सामने आए, कुछ बोलना चाहा, लेकिन पता नहीं फिर क्यों शांत हो गए। उन दोनों के जाने के बाद वहीं चाय पी रहे महादेव तालाब रोड निवासी चंदन ¨सह ने कहा कि मोदी जी ने देश को जो दिया है, वह इसके पूर्व किसी भी सरकार ने नहीं दिया था। नरेंद्र मोदी ने ही भारत को पूरे विश्व में तीसरे स्थान पर लाकर हम भारतीयों का सिर ऊंचा किया है। हुट्टी बाजार के संजीत केसरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी जैसे नेता की देश को जरूरत है। शास्त्रीनगर के अख्तर हुसैन ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जो सही है, उसी को हमारा साथ मिलेगा। सधे शब्दों में कहा कि मुझे गठबंधन पर विश्वास है।
शाम 6:30 बजे, कचहरी रोड की अरमान चाय दुकान: बड़ा चौक से हम कचहरी रोड स्थित अरमान चाय दुकान का रुख करते हैं। वहां भी चर्चा वही थी, चुनाव की। हुट्टी बाजार निवासी 78 वर्षीय भागवत प्रसाद से बातचीत का सिलसिला शुरू होता है। चुनाव में वोट देने की बात पर वह मायूस हो जाते हैं। कहा, हम वोट कैसे दे सकते हैं? वोटर लिस्ट से मेरा नाम ही हटा दिया गया है। जब उन्हें वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने का तरीका बताया तो उन्होंने कहा कि राशन कार्ड नहीं है। सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है। हालांकि इसके बावजूद मोदी सरकार के कार्यकाल में काफी बदलाव आया है। भले ही उन्हें किसी योजना का लाभ नहीं मिला हो, लेकिन काफी जरूरतमंदों का इसका लाभ मिला है। बरगंडा के आफताब अहमद भी सामने आए। कहा- चुनाव में साफ-सुथरा प्रत्याशी होना चाहिए। देश में जाति और वर्ग समाप्त होना चाहिए। आरक्षण को भी हटा देना चाहिए। सभी जातियों को एक समान भाव से देखना चाहिए। वैसे वर्तमान केंद्र सरकार का कार्यकाल अच्छा रहा है। देश का काफी विकास हुआ है।
छाताटांड़ निवासी 63 वर्षीय ईश्वर प्रसाद शर्मा ने मायूसी के साथ अपनी बात शुरू की, लेकिन मायूसी में उत्साह भी छिपा था। कहा, राशन कार्ड नहीं रहने के कारण उन्हें किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है, लेकिन उनके गांव में अन्य लोगों को शौचालय, रसोई गैस, पीएम आवास मिला है। इससे गरीबों के जीवन में खुशियां आई हैं। बरमसिया के आशुतोष तिवारी ने वर्तमान राजनीतिक हालात को लेकर नाराजगी जताई। कहा, दुविधा और असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि पहले आदर्शवादी राजनीति होती थी, लेकिन अब अवसरवादी राजनीति होने लगी है। पहले हम पार्टियों के आदर्श को ध्यान में रखकर वोट देते थे, लेकिन अब पार्टियां अचानक प्रत्याशी बदल देती हैं, जिससे उनके आदर्श और विचार को हम समझ भी नहीं पाते हैं। सिरसिया के विशाल कुमार वर्मा ने कहा कि हम ऐसा प्रतिनिधि चाहते हैं, जो युवाओं और बुजुर्गो के बारे में सोचे। गिरिडीह में बेरोजगारी बड़ी समस्या है। मेडिकल-इंजीनिय¨रग कॉलेज की भी स्थापना होनी चाहिए। इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि मोदी सरकार ने विकास के कई कार्य किए हैं, लेकिन सरकार ने गिरिडीह के मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया, इसका मलाल हमें है।
चाय की चुस्की का आनंद ले रहे भंडारीडीह निवासी गुलाम महबूब ने कहा कि चुनाव को लेकर उनमें कोई उत्साह नहीं है। इस बार कोई भी प्रत्याशी स्थानीय नहीं हैं। मुस्लिम समुदाय से भी किसी ने उम्मीदवार नहीं दिया है। केंद्र सरकार की चर्चा पर कह उठे, भाजपा की विचारधारा से हम सहमत नहीं हैं। इसे आरएसएस चलाता है, जो गैर संवैधानिक संस्था है। गिरिडीह में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली जैसे कई मुद्दे हैं, लेकिन किसी भी दल का ध्यान इस ओर नहीं है। भंडारीडीह के मो. रियाज भी सामने आए, कुछ बोलना चाहा, लेकिन पता नहीं फिर क्यों शांत हो गए। उन दोनों के जाने के बाद वहीं चाय पी रहे महादेव तालाब रोड निवासी चंदन ¨सह ने कहा कि मोदी जी ने देश को जो दिया है, वह इसके पूर्व किसी भी सरकार ने नहीं दिया था। नरेंद्र मोदी ने ही भारत को पूरे विश्व में तीसरे स्थान पर लाकर हम भारतीयों का सिर ऊंचा किया है। हुट्टी बाजार के संजीत केसरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी जैसे नेता की देश को जरूरत है। शास्त्रीनगर के अख्तर हुसैन ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जो सही है, उसी को हमारा साथ मिलेगा। सधे शब्दों में कहा कि मुझे गठबंधन पर विश्वास है।
शाम 6:30 बजे, कचहरी रोड की अरमान चाय दुकान: बड़ा चौक से हम कचहरी रोड स्थित अरमान चाय दुकान का रुख करते हैं। वहां भी चर्चा वही थी, चुनाव की। हुट्टी बाजार निवासी 78 वर्षीय भागवत प्रसाद से बातचीत का सिलसिला शुरू होता है। चुनाव में वोट देने की बात पर वह मायूस हो जाते हैं। कहा, हम वोट कैसे दे सकते हैं? वोटर लिस्ट से मेरा नाम ही हटा दिया गया है। जब उन्हें वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने का तरीका बताया तो उन्होंने कहा कि राशन कार्ड नहीं है। सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है। हालांकि इसके बावजूद मोदी सरकार के कार्यकाल में काफी बदलाव आया है। भले ही उन्हें किसी योजना का लाभ नहीं मिला हो, लेकिन काफी जरूरतमंदों का इसका लाभ मिला है। बरगंडा के आफताब अहमद भी सामने आए। कहा- चुनाव में साफ-सुथरा प्रत्याशी होना चाहिए। देश में जाति और वर्ग समाप्त होना चाहिए। आरक्षण को भी हटा देना चाहिए। सभी जातियों को एक समान भाव से देखना चाहिए। वैसे वर्तमान केंद्र सरकार का कार्यकाल अच्छा रहा है। देश का काफी विकास हुआ है।
छाताटांड़ निवासी 63 वर्षीय ईश्वर प्रसाद शर्मा ने मायूसी के साथ अपनी बात शुरू की, लेकिन मायूसी में उत्साह भी छिपा था। कहा, राशन कार्ड नहीं रहने के कारण उन्हें किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है, लेकिन उनके गांव में अन्य लोगों को शौचालय, रसोई गैस, पीएम आवास मिला है। इससे गरीबों के जीवन में खुशियां आई हैं। बरमसिया के आशुतोष तिवारी ने वर्तमान राजनीतिक हालात को लेकर नाराजगी जताई। कहा, दुविधा और असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि पहले आदर्शवादी राजनीति होती थी, लेकिन अब अवसरवादी राजनीति होने लगी है। पहले हम पार्टियों के आदर्श को ध्यान में रखकर वोट देते थे, लेकिन अब पार्टियां अचानक प्रत्याशी बदल देती हैं, जिससे उनके आदर्श और विचार को हम समझ भी नहीं पाते हैं। सिरसिया के विशाल कुमार वर्मा ने कहा कि हम ऐसा प्रतिनिधि चाहते हैं, जो युवाओं और बुजुर्गो के बारे में सोचे। गिरिडीह में बेरोजगारी बड़ी समस्या है। मेडिकल-इंजीनिय¨रग कॉलेज की भी स्थापना होनी चाहिए। इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि मोदी सरकार ने विकास के कई कार्य किए हैं, लेकिन सरकार ने गिरिडीह के मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया, इसका मलाल हमें है।
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