Lok Sabha Election 2019: ... नाय एकला चोलते पार छेनन नाय बोलते, भोट दिये कोरिबो की
दुमका में गुरुजी के एकछत्र राज की बात चली तो बांग्ला भाषी सौगत का जवाब था गुरु जी नेता तो भोद्रो पोर नाय एकला चोलते परछेन पर नाय भालो कोरे बोलते तो भोट दियें कोरिबो की।
जामताड़ा, प्रमोद चौधरी। रविवार की सुबह साइबर अपराधियों के गढ़ के रूप में देश भर में चर्चित जामताड़ा का रेलवे स्टेशन। सुबह साढ़े 6 बजने को है। जहां तहां यात्रियों का समूह। सबी में समय पर गंतव्य तक पहुंचने की बेचैनी। ट्रेन कुछ विलंब से। वजह पता चली कि देश के सबसे बड़े समाज सुधारक और विधवा विवाह के पक्ष में अलख जगाने वाले पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मभूमि करमाटांड़ में ट्रेन खड़ी है। कुछ देर बाद ट्रेन आई तो बोगी में चढऩे की आपाधापी।
गुरु जी नेता तो भोद्रो पोर... : ट्रेन खुली तो बैठने की जगह पाने की मारामारी। सभी लोग सुविधानुसार जगह खोज लिए। 15 से 20 मिनट बाद पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश करने के पहले ट्रेन को चितरंजन स्टेशन पर रुकना था। तब तक चुनाव की चर्चा किसी कोने से नहीं उठी। चुनावी हवा जानने के लिए कुरेदने पर जामताड़ा के सरखेलडीह के सौगत महता बोले कि इस बार उतना उत्साह नहीं है। केटरिंग का कारोबार करने वाले सौगत दुमका लोकसभा क्षेत्र में वोट देते हैं। दुमका में गुरुजी के एकछत्र राज की बात चली तो बांग्ला भाषी सौगत का जवाब था, गुरु जी नेता तो भोद्रो पोर नाय एकला चोलते परछेन पर नाय भालो कोरे बोलते तो भोट दिये कोरिबो की (गुरुजी तो सम्मानित है, परंतु अब तो ना अकेले ठीक से चल पाते हैं न बोल पाते हैं, उन्हें वोट देकर क्या करेंगे)। आदिवासी तो गुरुजी को मानते हैं? उनके बगल में बैठे अधेड़ ने यह बात कही तो सौगत हिन्दी में बोले कि गुरुजी को वोट मिलेगा। आदिवासी के लिए आज भी भगवान से कम नहीं है। यह भी बता दें कि युवा सुनील सोरेन की तरफ दिख रहे हैं। मोदी के एयर स्ट्राइक का भी बोल बाला है।
वोट देकर क्या फायदा: सौगत के साथ शादी समारोह में जा रहे आदित्य महता बताते हैं, उनके परिवार से गुरुजी का पुराना नाता है। उनके चाचा स्वर्गीय संजीव महता के गुरुजी से घनिष्ठ संबंध थे। चिरुडीह कांड में गुरुजी एक माह तक यहां कैंप जेल में थे। अब तक गुरुजी को ही वोट देते रहे हैं। इस बार सोचा जाएगा। आदित्य के मुताबिक लोग आपस में यह चर्चा जरुर कर रहे हैं कि जो सदन में नहीं जा सकते, उन्हें वोट देकर क्या फायदा। वे बात को आगे बढ़ाते हैं कि इस बार गुरुजी दुमका में बसंत सोरेन को खड़ा कर देते तो मुकाबला एकतरफा हो जाता। झामुमो को नया चेहरा मिल जाता। अपने पुत्र सौरभ के साथ बगल में बैठी गृहिणी रूबी देवी चुनावी बहस को ध्यान से सुन रही थी। पूछने पर बोली कि मोदी को वोट देंगी। प्रत्याशी जो भी रहे। रूबी देवी जामताड़ा से रांची अपने दूसरे पुत्र से मिलने जा रही थी। सौरभ बोले कि अभी 18 के नहीं हुए हैं। होते तो मोदी को एक मौका और देते।
रात में जो पैसा देता है, सुबह वह उसी के पक्ष मेंः ट्रेन कुल्टी स्टेशन पहुंचने की थी। एक महिला बोली कि दु दिन पहिले दीदी छिलो एखोन मोदी-मोदी होएं गेलो। ठहराव नहीं है। फिर भी ट्रेन रुकी। कुंतल माझी अपने सहयोगी रवींद्र नाथ के साथ बोगी में सवार हुई। कुंतल आसनसोल और रवींद्र गोलसी के मतदाता हैं। दोनों आपस में बांग्ला भाषा में ही बात शुरू करते हैं। आसनसोल में चुनावी माहौल पर बात चली तो कुंतल बोली कि वोटर व्यापार बोलो गोंडोगोल दु दिन पहले दीदी छीलो एखोन खून मोदी मोदी होएं गेलछे (दो दिन पहले सबकी जुबान पर दीदी थी अब मोदी- मोदी हो गया है)। बताती हैं कि रात्रि बेलाय जे पोइसा दे, शोकाले वो बोदले जाए(रात में जो पैसा देता है, सुबह वह उसी के पक्ष में बदल जाता है)। बाबुल सुप्रियो स्थिति भालो। रवींद्र नाथ बोले कि गोलसी में अभी दीदी या मोदी में कोई स्पष्ट नहीं है।
मोदी जरुरी, पीएन मजबूरीः ट्रेन बराकर से गुजरती हुई धनबाद संसदीय क्षेत्र की सीमा में प्रवेश करने लगती है। हीरापुर का एक युवक कहता है, पीएन, आजाद और सिंह मेंशन के सिद्धार्थ गौतम की चर्चा सबसे अधिक है। मोदी जरुरी है इसलिए पीएन मजबूरी है। यह चर्चा पिछले चुनाव में थी। इस बार भी। लोग बोल रहे हैं कि ददई दुबे कभी मन से नहीं चाहेंगे कि कीर्ति जीत जाय। धैया निवासी राजेश बोले कि इस बार तो नया बंदा चाहिए, वह भी लोकल। चुनावी तर्क वितर्क के बीच ट्रेन धड़धड़ाते हुए धनबाद स्टेशन में प्रवेश कर गई। यात्रा विलंब से शुरू हुई थी। पूरी हुई समय पर।