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Loksabha Election: कांग्रेस ने तय किया टिकटों का फॉर्मूला, जानिए कौन होंगे रेस से बाहर

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भोपाल प्रवास के दौरान लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के प्रत्याशी चयन का फॉर्मूला लगभग तय कर लिया गया है।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 10:17 AM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 10:17 AM (IST)
Loksabha Election: कांग्रेस ने तय किया टिकटों का फॉर्मूला, जानिए कौन होंगे रेस से बाहर
Loksabha Election: कांग्रेस ने तय किया टिकटों का फॉर्मूला, जानिए कौन होंगे रेस से बाहर

रवींद्र कैलासिया, भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भोपाल प्रवास के दौरान लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के प्रत्याशी चयन का फॉर्मूला लगभग तय कर लिया गया है। राहुल से प्रदेश के दिग्गज नेताओं की औपचारिक-अनौपचारिक चर्चा के बाद उसी दिन मुख्यमंत्री निवास में छह मंत्रियों सहित 26 नेताओं की एक बैठक में इसको लेकर विमर्श हुआ।

प्रत्याशी चयन के चार बिंदुओं पर लगभग एक राय बनी है, जिसमें कुछ मामलों में फॉमरूले को नजरअंदाज किए जाने पर भी सहमति बन गई है। पिछले दिनों राहुल गांधी किसान आभार सम्मेलन के लिए जब भोपाल आए तो विमानतल पर उन्होंने करीब एक घंटा बिताया। 

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यहां मुख्यमंत्री कमलनाथ, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और एआइसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) महासचिव व प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया से चर्चा भी की। इसमें राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में उतारे जाने वाले प्रत्याशियों को लेकर नेताओं को लाइन दी थी जिस पर उसी रात मुख्यमंत्री निवास में चुनिंदा नेताओं की बैठक हुई।

सूत्र बताते हैं कि सीएम हाउस में हुई बैठक को लोकसभा चुनाव समिति की बैठक बताया गया। लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन पर चर्चा शुरू हुई तो नेताओं को राहुल की लाइन बताई गई। मोटे तौर पर यह राय बनी कि जो लोग लगातार दो या इससे ज्यादा चुनाव हार चुके हैं, उन्हें टिकट नहीं दिया जाए। 

फॉर्मूले की दूसरी महत्वपूर्ण राय वर्तमान विधायकों में से किसी को भी टिकट नहीं देना रही। तीसरा बिंदू दूसरे राजनीतिक दलों या अन्य क्षेत्रों से चुनाव के पहले आ रहे लोगों से टिकट देने का वादा नहीं किया जाए और उन्हें अंतिम विकल्प के रूप में ही प्रत्याशी बनाया जाए।

इसी तरह बैठक में आम राय बनी कि जो भी नेता जिस प्रत्याशी की सिफारिश करता है तो उसके हारने पर सिफारिश करने वाले नेता के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए। भविष्य में चुनाव में उस नेता की सिफारिश के दौरान उस रिकॉर्ड को भी देखा जाए।


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