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Lok Sabha Elections 2019: राधाकृष्ण विखे पाटिल बोले, सुजय ने भाजपा में शामिल होने से पहले मुझसे सलाह नहीं ली

Radhakrishna Vikhe Patil in Mumbai. महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के मुताबिक मेरे पुत्र सुजय ने भाजपा में शामिल होने से पहले मुझसे सलाह नहीं ली।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 01:48 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 01:51 PM (IST)
Lok Sabha Elections 2019: राधाकृष्ण विखे पाटिल बोले, सुजय ने भाजपा में शामिल होने से पहले मुझसे सलाह नहीं ली
Lok Sabha Elections 2019: राधाकृष्ण विखे पाटिल बोले, सुजय ने भाजपा में शामिल होने से पहले मुझसे सलाह नहीं ली

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने वीरवार को कहा है कि मेरे पुत्र सुजय ने भाजपा में शामिल होने से पहले मुझसे सलाह नहीं ली। विपक्ष के नेता के पद से मेरे इस्तीफे के बारे में मैं कहूंगा कि कांग्रेस नेतृत्व मुझसे जो भी करने को कहेगा, मैं उसका पालन करूंगा। 

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कांग्रेस नेता और महामंत्री एलओपी राधाकृष्ण विखे पाटिल के मुताबिक, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मेरे दिवंगत पिता के खिलाफ एक बयान दिया, जिससे पता चलता है कि उनका मेरे या मेरे परिवार के प्रति कोई सम्मान नहीं है। इसलिए मेरे लिए अहमदनगर में राकांपा के उम्मीदवार के प्रचार के लिए जाने का कोई सवाल ही नहीं है। मैं किसी और के लिए भी प्रचार नहीं करूंगा। 

अहमदनगर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे सुजय विखे पाटिल
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विरोधी दल राधाकृष्ण विखे पाटिल के पुत्र सुजय विखे पाटिल गत मंगलवार को सीएम देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस नेता राधाकृष्ण का अहमदनगर और शिरडी लोकसभा क्षेत्रों पर उनका अच्छा प्रभाव है। सुजय पाटिल पिछले दो साल से अहमदनगर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। वह कांग्रेस से उम्मीदवारी चाहते थे, लेकिन बंटवारे में यह सीट राकांपा के पास चली गई। राकांपा यह सीट कांग्रेस से बदलने को तैयार नहीं हुई, बल्कि उसने सुजय को अपनी पार्टी के चिह्न पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया। लेकिन, पवार की विखे परिवार से पुरानी प्रतिद्वंद्विता के कारण सुजय पाटिल ने राकांपा के चिह्न पर चुनाव लड़ने की बजाय भाजपा में शामिल होना बेहतर समझा। हालांकि, भाजपा के दिलीप गांधी अहमदनगर से 2009 से सांसद हैं। संभव है उन्हें कहीं और समायोजित किया जाए।

शिवसेना-भाजपा गठबंधन का हिस्सा रह चुका है विखे परिवार
सुजय के भाजपा में आने से पूरी पार्टी उत्साहित है। नेता विरोधीदल के पुत्र को तोड़ने का सांकेतिक लाभ तो पार्टी को है ही, कांग्रेस पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का अवसर भी मिला है। विखे पाटिल परिवार पहले भी शिवसेना-भाजपा गठबंधन का हिस्सा रह चुका है। राधाकृष्ण खुद 1995 की शिवसेना-भाजपा सरकार में कृषि मंत्री रहे हैं। उनके पिता बालासाहब विखे पाटिल केंद्र की वाजपेयी सरकार में वित्त राज्यमंत्री रह चुके हैं।

राधाकृष्ण भी जल्द छोड़ सकते हैं कांग्रेस का साथ
सुजय पाटिल ने भाजपा में शामिल होते हुए कहा कि वह यह कदम अपने माता-पिता की मर्जी के विरुद्ध उठा रहे हैं। हालांकि, राजनीतिक हलके में यही चर्चा है कि अब स्वयं राधाकृष्ण भी ज्यादा दिनों तक कांग्रेस में नहीं टिकेंगे। भाजपा में सुजय को शामिल कराए जाने के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी वरिष्ठ पार्टी नेता उपस्थित थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन पिछली बार की 42 सीटों से ज्यादा पर जीत दर्ज कराएगी। 

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