Move to Jagran APP

Loksabha Election 2019: इन राज्यों में कांग्रेस हुई धराशायी; जिन सूबों से थी उम्मीद, वहीं मिली कांग्रेस को हार

Loksabha Election 2019 कांग्रेस को जिन सूबों से उम्मीद थी वहीं सबसे ज्यादा हार हुई है। छत्तीसगढ मध्यप्रदेश राजस्थान में लोकसभा की कुल 65 सीटें हैं और यहां केवल तीन सीटें मिली हैं

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 10:25 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 10:27 PM (IST)
Loksabha Election 2019: इन राज्यों में कांग्रेस हुई धराशायी; जिन सूबों से थी उम्मीद, वहीं मिली कांग्रेस को हार
Loksabha Election 2019: इन राज्यों में कांग्रेस हुई धराशायी; जिन सूबों से थी उम्मीद, वहीं मिली कांग्रेस को हार

नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव में सौ का आंकडा पार करने की कांग्रेस की उम्मीद जिन राज्यों पर थी उन्हीं राज्यों ने पार्टी को सबसे ज्यादा गच्चा दे दिया। इसमें सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ से लगा है जहां अभी छह महीने पहले सत्ता में आयी पार्टी तीनों सूबों को मिलाकर भी आधा दर्जन सीट भी नहीं जीत पायी। इतना ही नहीं बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कांग्रेस का गठबंधन भी उसे सीटें दिलाने में बुरी तरह फेल हो गया। पार्टी की चुनावी दुर्गति का आलम यह रहा है कि 17 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया है।

loksabha election banner

तीन राज्यों में कांग्रेस को सिर्फ तीन सीट
कांग्रेस नेतृत्व को इन राज्यों के दम पर ही सत्ता न सही एक मजबूत विपक्ष के रुप में उभरने की उम्मीद थी। छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश और राजस्थान में लोकसभा की कुल 65 सीटें हैं और कांग्रेस को इसमें केवल तीन सीटें मिली हैं। छत्तीसगढ में दो और मध्यप्रदेश में एक जबकि राजस्थान में पार्टी का लगातार दूसरे लोकसभा चुनाव में खाता नहीं खुला। कांग्रेस की यह हालत तब हुई है जब पार्टी ने बीते दिसंबर में ही इन तीनों सूबों के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर अपनी सरकारें बनाई। साफ है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे पूरी तरह इसके उलट रहे हैं।

बिहार और महाराष्ट्र में कांग्रेस को एक-एक सीट
बिहार में गठबंधन के बूते कांग्रेस करीब आधा दर्जन सीट की उम्मीद लगा रही थी तो महाराष्ट्र में दहाई का आंकड़ा पार करने को लेकर आश्वस्त। मगर इन दोनों राज्यों की 88 लोकसभा सीटों में से करीब डेढ दर्जन सीट के लक्ष्य के मुकाबले कांग्रेस को बिहार में एक और महाराष्ट्र में एक सीट मिली है। जब दो बड़े प्रदेशों की इतनी सीटों में कांग्रेस को केवल दो सीटें मिलेंगी तो शतक का आंकड़ा छूना पार्टी के लिए माउंट एवरेस्ट चढ़ने से ज्यादा मुश्किल तो होगा ही।

इसी तरह कर्नाटक की 28 सीटों में से कांग्रेस कम से कम आधी सीट पर अपनी फतह तय मान रही थी मगर यहां केवल उसे एक सीट मिली है। इन छह सूबों की 181 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को केवल 6 सीटें मिलना साबित करता है कि पार्टी के पांव उन सूबों में भी उखड़ गए हैं जहां वह सीधे भाजपा से मुकाबला कर रही थी।

गुजरात में इस बार भी नहीं खुला कांग्रेस का खाता
झारखंड में भी कांग्रेस के प्रदर्शन की कहानी इसे अलग नहीं है जहां महज एक सीट वह जीत पायी जबकि इस बार उम्मीद कहीं ज्यादा थी। गुजरात के पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की वजह से कुछ सीटों की उम्मीद कर रही कांग्रेस का एक बार फिर इस सूबे में खाता नहीं खुला। लोकसभा में कांग्रेस 50 का आंकड़ा किसी तरह छू पायी तो उसका सबसे बड़ा श्रेय केरल, पंजाब और तमिलनाडु को जाता है जहां पार्टी ने उम्मीद के हिसाब से प्रदर्शन किया।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.