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Chunavi किस्‍सा: जब दो युवा नेताओं ने तांगे और बैलगाड़ी से किया चुनाव प्रचार, आगे चलकर दोनों बने मुख्यमंत्री

Lok Sabha Election 2024 Special चुनावी किस्सों की सीरीज में आज हम आपको बताने जा रहे हैं उस चुनाव के बारे में जब जनसंघ के एक प्रत्याशी का प्रचार करने के लिए दो युवा नेता क्षेत्र में पहुंचे थे। दोनों नेता उस वक्त तांगे और बैलगाड़ी से प्रचार किया करते थे। आगे चलकर दोनों नेता प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और राजनीति में बड़ा नाम कमाया। पढ़ें पूरा किस्सा...

By Sachin Pandey Edited By: Sachin Pandey Published: Tue, 30 Apr 2024 07:54 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 07:54 PM (IST)
Chunavi किस्से: कल्याण सिंह व राम प्रकाश गुप्त आगे चलकर यूपी के मुख्यमंत्री बने।

जागरण संवाददाता, हाथरस। हाथरस की सिकंदराराऊ विधानसभा सीट पर 1969 का चुनाव रोचक था। इसमें जनसंघ के प्रत्याशी का चुनाव प्रचार करने दो युवा नेता कल्याण सिंह और रामप्रकाश गुप्त सात दिन तक डेरा डाले रहे। बाद में दोनों प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए।

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उस चुनाव में जनसंघ की ओर से रघुवीर प्रसाद त्रिवेदी को टिकट दिया गया। चुनाव प्रचार के लिए कल्याण सिंह व राम प्रकाश गुप्त को भेजा गया। दोनों नेता राय साहब राधेश्याम गुप्ता के मोहल्ला पूरनगंज स्थित आवास पर सात दिन रुके थे।

रामप्रकाश गुप्ता को चिठ्ठी लिखकर बुलाया

स्वर्गीय राधेश्याम गुप्ता के पौत्र गिरीश मोहन गुप्ता बताते हैं कि जनसंघ से दीपक चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ रहे रघुवीर प्रसाद त्रिवेदी के प्रचार के लिए भेजे गए कल्याण सिंह बस से सिकंदराराऊ पहुंचे थे। उन्होंने रामप्रकाश गुप्ता को चिट्ठी लिखकर संदेश भेजा कि मैं पहुंच गया हूं। आप भी आ जाइए।

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तांगे और बैलगाड़ी से करते थे प्रचार

तीन दिन बाद रामप्रकाश गुप्ता भी बस से यहां से पहुंच गए थे। दोनों सुबह से तांगा और बैलगाड़ी में बैठकर प्रचार के लिए निकलते। गांव-गांव सभा करते और रात को वापस लौट आते। रात में लालटेन की रोशनी में बैठकें चलती थीं। कल्याण सिंह अक्सर धोती और बनियान में चुनाव पर चर्चा करते थे। चुनाव पूरा होने के बाद दोनों नेता वापस लौट गए। समय बदला और भाजपा का गठन किया गया। इसके बाद दोनों नेता प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए।

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