Move to Jagran APP

चित्तौडग़ढ़ लोकसभा 2019: महाराणा की धरती पर कांग्रेस-बीजेपी में कांटे की टक्कर

Chittorgarh LokSabha News मेवाड़ की धरा चित्तौडग़ढ़ लोकसभा सीट सामान्य वर्ग की है। यहां कांग्रेस और बीजेपी में आजादी के बाद से ही मुकाबला बराबरी का रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 12:17 PM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 04:12 PM (IST)
चित्तौडग़ढ़ लोकसभा 2019: महाराणा की धरती पर कांग्रेस-बीजेपी में कांटे की टक्कर
चित्तौडग़ढ़ लोकसभा 2019: महाराणा की धरती पर कांग्रेस-बीजेपी में कांटे की टक्कर

चित्तौडग़ढ़, सुभाष शर्मा। विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने प्रयास शुरू कर दी है। प्रदेश में सत्ता से बाहर हुई भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में अपनी हार का बदला लेने के लिए पूरी तरह सक्रिय है, वहीं कांग्रेस जीत के हौंसले के साथ मैदान में डटी हुई है। 

loksabha election banner

मेवाड़ की धरा चित्तौडग़ढ़ लोकसभा सीट सामान्य वर्ग की है। यहां कांग्रेस और बीजेपी में आजादी के बाद से ही मुकाबला बराबरी का रहा है। यहां से भाजपा सरकार में विदेश मंत्री रहे जसवंतसिंह, पूर्व राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के दामाद नरपतसिंह राजवी तथा राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के अलावा, उदयपुर राजघराने के महेंद्रसिंह मेवाड़ और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास सांसद रह चुकी हैं। इस बार बीजेपी ने मौजूदा सांसद सीपी जोशी को दोबारा मौका दिया है, वहीं कांग्रेस ने पूर्व सांसद गोपाल सिंह इडवा को मैदान में उतारा है।

ऐतिहासिक चित्तौडग़ढ़ संसदीय सीट पर आजादी के बाद हुए पहले चुनाव में चित्तौडग़ढ़ लोकसभा सीट जनसंघ के खाते में गई। लेकिन उसके बाद साल 1957, 1962, 1967 के चुनावों में यहां कांग्रेस को जीत मिली। 1971 में जनसंघ ने एक बार फिर वापसी की। उसके बाद 1977 में जनता पार्टी ने इस सीट पर कब्जा जमाया। 1980 और 1984 में फिर कांग्रेस की वापसी हुई. जिसके बाद 1989, 1991, 1996 में भाजपा ने यहां जीत दर्ज की। साल 1998 में कांग्रेस, 1999, 2004 में बीजेपी तथा साल 2009 में एक बार फिर कांग्रेस विजयी रही।

फिलहाल यहां भाजपा के सीपी जोशी सांसद हैं। इस तरह यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला बराबरी का कहा जा सकता है। चित्तौडग़ढ़ लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें चित्तौडग़ढ़-प्रतापगढ़ की 6 सीटें कपासन, बेगूं, चित्तौडग़ढ़, निम्बाहेड़ा, बड़ी सादड़ी और प्रतापगढ़ के अलावा उदयपुर की दो सीट मावली और वल्लभनगर शामिल हैंं। तीन महीने पहले साल 2018 में संपन्न विधानसभा चुनाव में कपासन, चित्तौडग़ढ़, बड़ी सादड़ी और मावली सीट पर भाजपा, जबकि बेगूं, निम्बाहेड़ा, प्रतापगढ़ और वल्लभगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया। इस तरह चित्तौडग़ढ़ संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 8 विधानसभाओं में से दोनों दलों ने 4-4 सीटों पर जीत दर्ज की। इस लिहाज से भी यहां लोकसभा चुनाव में कांटे  मुकाबला होने के पूरे आसार हैं। 

राजपूत और ब्राह्मण मतदाता सर्वाधिक

चित्तौडग़ढ़ लोकसभा सीट पर 85 प्रतिशत मतदाता ग्रामीण और 15 प्रतिशत शहरी हैं। कुल आबादी का 13 फीसदी अनुसूचित जाति और 23.42 फीसदी अनुसूचित जनजाति हैं। सर्वाधिक मतदाता राजपूत और ब्राह्मण वर्ग से हैं जो प्रत्याशी की जीत और हार तय करते हैं। इसीलिए भाजपा ने सांसद सीपी जोशी को प्रत्याशी बनाया, जो ब्राह्मण वर्ग से हैं, जबकि कांग्रेस ने इस बार गोपालसिंह को प्रत्याशी बनाया, जो राजपूत समुदाय हैं। जबकि पिछले चुनाव में दोनों प्रत्याशी सीपी जोशी और डॉ. गिरिजा व्यास ब्राह्मण समुदाय से थे। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में यहां से डॉ. गिरिजा व्यास ने जीत दर्ज की थी। 2014 का जनादेश साल 2014 के लोकसभा चुनाव में चित्तौडग़ढ़ में 64.5 फीसदी वोटिंग हुई थी, जिसमें बीजेपी को 60 फीसदी और कांग्रेस को 33 फीसदी वोट पड़े। इस चुनाव में बीजेपी से चंद्र प्रकाश जोशी ने कांग्रेस सांसद गिरिजा व्यास को 3,16,857 मतों के भारी अंतर से हराया था। बीजेपी से जोशी को 7,03,236 और कांग्रेस से गिरिजा व्यास को 3,86,379 वोट मिले थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.