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LokSabha Election 2019: सपा के गढ़ से आया फीरोजाबाद में भाजपा का सूरमा

सिरसागंज के पुराने भाजपाई डॉ. चंद्रसेन जादौन के सामने होगा चुनौतियों का पहाड़। 21 साल से लड़ाई के मैदान से बाहर है भाजपा पिछली बार दिखाया था दम।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 11:45 AM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 11:45 AM (IST)
LokSabha Election 2019: सपा के गढ़ से आया फीरोजाबाद में भाजपा का सूरमा
LokSabha Election 2019: सपा के गढ़ से आया फीरोजाबाद में भाजपा का सूरमा

आगरा, डॉ. राहुल सिंघई। दिग्गजों को पछाड़ते हुए सपा का गढ़ माने जाने वाले सिरसागंज के डॉ. चंद्रसेन जादौन भाजपा के सूरमा बन गए। चर्चाओं के बाजार से बाहर चल रहे डॉ. जादौन को दिल्ली तक पहुंचने के लिए चुनौतियों का पहाड़ पार करना होगा। पार्टी के पुराने सिपाही को जिस तरीके से सीट दी गई, उसको लेकर भी चर्चाओं का बाजार गरमाया हुआ है।

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फीरोजाबाद सीट पर सैफई परिवार के भतीजे अक्षय यादव और चाचा शिवपाल सिंह यादव के आमने-सामने आने के बाद भाजपा प्रत्याशी पर सबकी निगाहें टिक गई थीं। दोनों प्रत्याशियों के नामांकन के बाद भी भाजपा का प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ था। नामांकन के प्रथम दिन से ही अटकलों का बाजार गरमाया हुआ था। रोज नए नाम आ रहे थे। नामांकन के आखिरी दिन से पूर्व बुधवार दोपहर भाजपा ने प्रत्याशी के नाम पर एलान कर दिया। सिरसागंज के प्राइवेट प्रैक्टिसनर डॉ. चंद्रसेन जादौन को प्रत्याशी बनाया गया है। दोपहर अचानक प्रत्याशी का नाम घोषित होने के बाद पार्टी कार्यकर्ता भी चौंक गए। इसके पीछे वजह यह रही कि डॉ. जादौन का नाम दावेदारों की कतार में भी नहीं था। प्रत्याशी घोषित होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया।

भाजपा के पुराने कार्यकर्ता डॉ. चंद्रसेन जादौन के सामने एक तरफ जहां पार्टी के पुराने कार्यकर्ता होने के अनुभव के साथ मोदी के नाम का फायदा होगा, वहीं सपा के गढ़ की विधानसभाओं में अपनी तरफ वोट पाना चुनौती होगा, क्योंकि इस बार गढ़ में सपा के साथ प्रसपा भी मैदान में है। पार्टी के मूल वोट बैंक को दोनों अपनी-अपनी तरफ बिठाने में जोर-आजमाइश कर रहे हैं। वहीं सपा के साथ बसपा का गठबंधन भी है।

सपा का गढ़ रहा सिरसागंज

सिरसागंज विधानसभा क्षेत्र सपा का गढ़ माना जाता है। 2012 में अस्तित्व में आई सिरसागंज विधानसभा में पहला चुनाव सपा ने जीता था और भाजपा तीसरे नंबर पर रही थी। 2014 में मोदी लहर में भी सपा यहां से 73 हजार वोटों की लंबी लीड लेकर आगे निकली थी और 2017 विस चुनाव में भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था। जिले की पांच विस सीटों में से चार भाजपा ने जीती थीं।

1998 में आखिरी बार जीती थी भाजपा

फीरोजाबाद लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक बनाने वाली भाजपा आखिरी बार 1998 में चुनाव जीती थी। इसके बाद 1999 में हुए लोस चुनाव में शुरू हुआ हार का सिलसिला पिछले चुनाव की मोदी लहर में भी नहीं रुका। 2014 के चुनाव में भाजपा दूसरे नंबर तक पहुंची, मगर एक लाख से ज्यादा वोटों का अंतर रहा। जबकि 2009 और उपचुनाव मेें भाजपा का शर्मनाक प्रदर्शन रहा था।

हैलो... आपको फीरोजाबाद से प्रत्याशी चुना गया है

एक तरफ भाजपा की टिकट के लिए दावेदारों की दिल्ली दौड़ चल रही है। वहीं डॉ. चंद्रसेन जादौन रोज की तरह अपने क्लीनिक पर बैठे थे। मोबाइल की घंटी बजी और दूसरी तरफ से आवाज आई, भाजपा कार्यालय से बोल रहा हूं। आपको फीरोजाबाद लोकसभा का प्रत्याशी चुना गया है। थोड़ी देर बार सूचना लगने पर भाजपा जिला महामंत्री अविनाश सिंह भोले क्लीनिक पर पहुंचे और उन्हें जिला मुख्यालय ले गए।

जनसंघ के जमाने से जुड़े डॉ. चंद्रसेन जादौन ने 1996 में घिरोर विस से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था, मगर तीसरे नंबर पर रहे थे। 2002 में डॉ. चंद्रसेन जादौन भाजपा के जिला महामंत्री रहे। वर्तमान में सिरसागंज विस के संयोजक थे। चंद्रसेन को टिकट मिलते ही भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। क्लीनिक पर पहुंचे समर्थकों ने उनका स्वागत किया। हैवतपुर रोड स्थित क्लीनिक पर मिष्ठान वितरित कर डॉ. चंद्रसेन जादौन का फूलमालाओं से स्वागत किया। डॉ. चंद्रसेन ने कहा कि पार्टी का सच्चा सिपाही हूं। आखिरी सांस तक पार्टी के लिए कार्य करता रहूंगा।


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