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CEC सुनील अरोड़ा ने कहा-देश में समय से होंगे लोकसभा चुनाव, हमारी तैयारी पूरी

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि देश में लोकसभा के चुनाव समय से होंगे। उन्होंने चुनाव की तारीख आगे बढऩे की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 01 Mar 2019 01:37 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2019 01:43 PM (IST)
CEC सुनील अरोड़ा ने कहा-देश में समय से होंगे लोकसभा चुनाव, हमारी तैयारी पूरी
CEC सुनील अरोड़ा ने कहा-देश में समय से होंगे लोकसभा चुनाव, हमारी तैयारी पूरी

लखनऊ, जेएनएन। देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने साफ किया कि देश में लोकसभा चुनाव 2019 समय से ही होंगे। लखनऊ में उन्होंने तीन दिन तक जिलों व मंडल के शीर्ष प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद आज केंद्र सरकार के तमात अधिकारियों के साथ बैठक की।

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पाकिस्तान के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच भारत निर्वाचन आयोग ने साफ किया कि देश में लोकसभा चुनाव तय समय पर होंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनाव आगे बढऩे की संभावनाओं से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग समय पर चुनाव कराने के लिए पूरी तरह सक्षम है। 

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आगामी चुनाव में फार्म 26 में दिए जाने वाले शपथपत्र में अब प्रत्याशियों को पत्नी अथवा पति, आश्रित पुत्र, पुत्री व एचयूएफ (अविभाजित हिंदू परिवार) की पांच वर्षों की आय का विवरण देना होगा। नई अधिसूचना के अनुसार अब प्रत्याशियों को देश में स्थित संपत्तियों के साथ-साथ विदेश में भी स्थित जायदाद के बारे में जानकारी देनी होगी। आयकर विभाग इन विवरणों की जांच करेगा और अगर किसी तरह की विसंगति मिलती है तो उसे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। 

यूपी की चुनावी तैयारियां परखने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर लखनऊ आयी चुनाव आयोग की टीम ने अंतिम दिन पत्रकारों से कहा कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण कराये जाएंगे। चुनाव के दौरान आचार संहिता का कड़ाई से पालन होगा और हर शिकायत पर तत्काल कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि आयोग के साथ बैठक में राजनीतिक दलों ने जातीय व सांप्रदायिक भाषणों पर रोक लगाने, चुनाव में शत प्रतिशत केंद्रीय बलों को तैनात करने, मतदाता सूची में गड़बडिय़ां सुधारने, मतदाता सूची को आधार से जोडऩे और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से मतदान की गोपनीयता सुनिश्चित करने समेत कई मुद्दे उठाये। आयोग इन मसलों पर गंभीरता से विचार कर रहा है। 

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनीटङ्क्षरग कमेटी (एमसीएमसी) में एक-एक सोशल मीडिया विशेषज्ञ की तैनाती होगी। इस बार प्रदेश के सभी 1,63,331 मतदान केंद्रों में ईवीएम व वीवीपैट के जरिए चुनाव कराये जाएंगे। इस मौके पर चुनाव आयुक्त अशोक लवासा व सुशील चन्द्रा, उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा मुख्य रूप से उपस्थित थे।  

सी-विजिल एप पर कर सकते हैं शिकायत 

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत सी-विजिल मोबाइल एप्लीकेशन पर की जा सकेगी। इसमें शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखने का भी विकल्प होगा। आयोग उन शिकायतों पर हुई कार्रवाई को अपने खर्च पर अखबारों में प्रकाशित करवाएगा। 

आचार संहिता लगने तक आइपीसी के तहत हो कार्रवाई

एक प्रश्न के जवाब में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि जब तक आदर्श आचार संहिता प्रभावी नहीं होती है तब तक पुलिस आइपीसी के तहत कार्रवाई कर सकती है। इसके लिए मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह व पुलिस महानिदेशक को भी जरूरी निर्देश दिए हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि पिछले चुनावों के दौरान दर्ज मामलों में क्या कार्रवाई हुई उसका भी जायजा लिया गया। 

मतदान केंद्रों में तत्काल हो बिजली की व्यवस्था

चुनाव आयोग ने समीक्षा के दौरान पाया कि प्रदेश में 1.63 लाख मतदान केंद्रों में से 88.89 फीसद में ही बिजली कनेक्शन हैं। यानी 11.11 प्रतिशत मतदान केंद्रों में बिजली नहीं है। आयोग ने मुख्य सचिव से इन केंद्रों में तत्काल बिजली कनेक्शन करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शेड, रैंप, पेयपल व शौचालय की भी सभी जगह व्यवस्था करने के लिए कहा है। 

शस्त्र लाइसेंस की संख्या पर जताई चिंता

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने यूपी में इतनी अधिक संख्या में शस्त्र लाइसेंस होने पर चिंता जताई। उन्होंने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी से सभी शस्त्र लाइसेंस धारकों का सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। जिला स्तरीय समिति द्वारा छूट प्राप्त करने वालों को छोड़कर बाकी सभी के शस्त्र थानों में जमा कराए जाएं। आयोग ने आपातकाल में त्वरित कार्रवाई के लिए एयर एंबुलेंस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

तीन दिनी लखनऊ दौरे के अंतिम दिन उन्होंने योजना भवन में मीडिया से भी वार्ता की। इसमें इलेक्शन कमिश्नर अशोक लवासा, सुशील चंद्रा व उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार भी मौजूद थे। अरोड़ा ने बताया कि जितने भी सेंट्रल एजेंसी है उनके अधिकारियों के साथ बैठक हुई। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों के साथ एसपी, एडीजे और संभागीय आयुक्तों के साथ बैठक की। सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बात हुई है। इस प्रेस वार्ता में चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुनील अरोड़ा के साथ लखनऊ में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ ही राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, विभिन्न विभाग के अधिकारियों और सरकार के शीर्ष अधिकारियो के साथ बैठक की थी।  देश में सबसे ज्यादा सीटों वाले उत्तर प्रदेश के बारे में बात करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि यूपी एक राज्य नहीं देश है। यहां सांप्रदायिकता, जातिवाद, कानून व्यवस्था और बाहुबल चुनाव कराने की चुनौतियां हैं, लेकिन हमारी तैयारियां चुनाव को सफल बनाने के लिए पूरी हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने सबसे पहले राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। इस बैठक में यूपी के मुख्य सचिव, यूपी पुलिस के डीजीपी के साथ कई अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि बैठक में जातिगत भाषणों पर रोक, राजनीतिक दलों ने खर्चे की समय तय करने की मांग, कानून व्यवस्था के साथ-साथ चुनाव प्रभावित करने वाले तरीकों पर ध्यान दिए जाने को लेकर भी चर्चा की गई।

ईवीएम को बनाया गया फुटबाल

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि लोकसभा के साथ ही साथ विधानसभा चुनावों में ईवीएम को फुटबॉल बना दिया गया है। अगर रिजल्ट अच्छा है तो ईवीएम अच्छी है अगर रिजल्ट खराब है तो ईवीएम खराब है। उन्होंने कहा कि इस बार प्रत्याशियों को अपनी पांच वर्ष की आय का विवरण देना होगा। जिसमें स्वयं, पत्नी, बच्चों (बेटा-बेटी) सभी की संपत्ति का विवरण देना होगा। अब पहली बार ऐसा हो रहा है कि विदेश की संपत्ति का विवरण भी देने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें पैन कार्ड के साथ शपथ पत्र में देना होगा। इसकी आयकर विभाग से जांच कराई जाएगी। इसमें विसंगतियां मिलने पर इसे आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पोलिंग बूथ पर पानी टॉयलेट शेड बिजली की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है। इसे और बेहतर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने हमें आश्वासन दिया है कि ज्यादातर गैप को हम जल्द ही पूरा कर लेंगे मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट कमेटी में एक एक सोशल मीडिया एक्सपर्ट को भी शामिल किया जाएगा। चुनाव के दौरान धार्मिक उन्माद वाले भाषणों पर उन्होंने कहा कि मैंने पिछले दिनों जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था उनकी जानकारी ली है। इसके साथ ही कल जनप्रतिनिधियों के साथ भी हमने बैठक की थी। उन लोगों ने जातिवाद फैलाने पर चुनाव रोकने की सलाह दी थी। इसके साथ ही मतदाता सूची में नाम ना होने की शिकायत आम होने की भी बात कही है। चुनाव में केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग भी रखी गई है। 

चुनाव सीरियस चीज है, मजाक का विषय नहीं

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने मुरादाबाद के कमिश्नर के एक सवाल का जवाब न देने पर कहा कि चुनाव सीरियस चीज है, मजाक का विषय नहीं। वहीं, नोएडा के जिलाधिकारी के प्रजेंटेशन को सराहा और कहा कि आयोग की टीम आपके जिले में जाएगी और जमीनी हकीकत देखेगी। आयोग ने आजमगढ़, प्रतापगढ़ और बांदा में पुलिस की लचर कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की। आजमगढ़ के एसएसपी ने कहा कि पिछले दिनों चले अभियान में 24 कट्टे बरामद किए गए हैं। आयोग ने कहा कि आजमगढ़ में सिर्फ 24 अवैध शस्त्र, यह संभव नहीं है कि आजमगढ़ में केवल 24 ही अवैध शस्त्र हों।

चुनावी मामलों में फाइनल रिपोर्ट की जांच के आदेश

प्रतापगढ़ में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के दर्ज 12 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगाने पर आयोग ने नाराजगी जाहिर की। कमिश्नर व आईजी को निर्देश दिए कि खुद जाकर इसकी जांच करें। आयोग की मंशा थी कि इन मामलों में चार्जशीट दाखिल होनी चाहिए थी। बांदा में भी पुलिस की कार्रवाई से आयोग संतुष्ट नहीं दिखा। 

तैयारी पर नाराजगी भी

केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के कई जिलों में लोकसभा चुनाव की तैयारी पर नाराजगी जताई है। डेढ़ दर्जन जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस कप्तानों की तैयारी पर असंतोष जताते हुए आयोग ने सभी आवश्यक तैयारियां सात दिन में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि अधिकारी चुनाव को गंभीरता से लें। उत्तर प्रदेश का चुनाव सबसे कठिन माना जाता है, यहां सकुशल चुनाव हो गया तो पूरे हिंदुस्तान में अच्छा संदेश जाता है, यहां खराब होता है तो पूरे देश में गलत मेसेज जाता है। फ्री, फेयर, फूलप्रूफ व एथिकल चुनाव आयोग की शीर्ष प्राथमिकता है। इसमें किसी भी स्तर पर कोताही नहीं होनी चाहिए।

निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों से लिंगानुपात, इपिक रेशियो, 18 से 19 वर्ष के मतदाता की संख्या, पूर्व के मतदान प्रतिशत, मतदान प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी, जिले में शस्त्र लाइसेंस की संख्या, दिव्यांग मतदाताओं की संख्या, उनके लिए की गई तैयारी, अवैध शराब की बिक्री को रोकने की चुनौती, पोलिंग स्टेशन पर तनाव से जुड़ी पूर्व की स्थिति और वर्तमान हालात जैसे तमाम सवाल किए। कई अधिकारी इन सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इनमें मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे। आयोग ने इस पर नाराजगी जताते हुए उनकी खिंचाई भी की। आयोग ने कहा कि समय पर तैयारी पूरी करें, लोकसभा चुनाव से पहले आयोग की टीम एक बार फिर यूपी का दौरा करेगी। आयोग ने पूरी तैयारी के साथ न आने पर आगरा के जिलाधिकारी को आड़े हाथों लिया। वहीं बांदा, बस्ती और गोंडा के जिलाधिकारियों के प्रजेंटेशन में कमियों पर असंतोष जताया। वहीं, कई जिलाधिकारियों के प्रजेंटेशन की प्रशंसा भी की।


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