Lok Sabha Election 2019 : चंपई हर दिन जाते स्ट्रांग रूम, विद्युत गए दो बार
Lok Sabha Election 2019. स्ट्रांग रूम के बाहर झामुमो ने मतदान के दिन ही शिविर लगा लिया था। भाजपा ने दो दिन बाद शिविर लगाया।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र का स्ट्रांग रूम जमशेदपुर को-आपरेटिव कालेज परिसर में बनाया गया है, जहां भाजपा व झामुमो का शिविर लगा है। झामुमो ने मतदान के दिन ही शिविर लगा लिया था, तो उसी दिन से वहां जम गए थे। भाजपा ने दो दिन बाद शिविर लगाया, जहां मंडलवार कार्यकर्ता 12-12 घंटे की ड्यूटी बजा रहे हैं।
इन शिविर में बड़े नेता भी गाहे-बगाहे जाते रहते हैं। महागठबंधन के शिविर में झामुमो के प्रत्याशी चंपई सोरेन हर दिन किसी भी समय अवश्य जाते हैं। कार्यकर्ताओं का हालचाल पूछते हैं और उनके खाने-पीने का ख्याल रखते हैं। वहीं एनडीए के शिविर में भाजपा प्रत्याशी विद्युत वरण महतो अब तक दो ही बार पहुंचे हैं। भाजपा के जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष दिनेश कुमार ने बताया कि जिस दिन जिस मंडल की ड्यूटी रहती है, उस क्षेत्र के बड़े नेता भी वहां जाते हैं। वे भी दिन में एकाध बार जाते हैं। खान-पान की व्यवस्था उसी मंडल की ओर से की जाती है, जिसकी ड्यूटी लगती है। वैसे महानगर स्तर पर इसकी निगरानी की जाती है।
अभी तक नहीं पहुंचे 21 उम्मीदवार
स्ट्रांग रूम के बाहर शिविर में भाजपा के नेता व कार्यकर्ता।
स्ट्रांग रूम के बाहर दो ही दल या प्रत्याशी के शिविर लगे हैं, जबकि जमशेदपुर लोकसभा चुनाव में इस बार 23 उम्मीदवार खड़े थे। शेष 21 उम्मीदवार कभी को-आपरेटिव कालेज परिसर गए ही नहीं। इस बाबत झारखंड पीपुल्स पार्टी के प्रत्याशी सूर्य सिंह बेसरा ने बताया कि उन्हें प्रशासन पर पूरा भरोसा है। वहां बैठकर क्या करेंगे। चुनाव आयोग ने इतना पुख्ता इंतजाम किया है कि कोई उसमें छेड़छाड़ कर ही नहीं सकता। अन्य प्रत्याशियों ने भी लगभग यही बात दोहराई।
भाजपा कार्यकर्ता पी रहे मिनरल वाटर, झामुमो के शिविर में टैंकर का पानी
स्ट्रांग रूम के बाहर शिविर में झामुमो के नेता व कार्यकर्ता।
स्ट्रांग रूम की निगरानी कर रहे कार्यकर्ताओं के खान-पान की भी अलग-अलग व्यवस्था है। भाजपा के शिविर में होटल से खाना पैक होकर आता है, जबकि झामुमो कार्यकर्ताओं का भोजन शिविर के पास ही बनता है। वेज-नानवेज दोनों तरह के भोजन बनते हैं। जहां तक पानी की बात है, तो भाजपा के शिविर में मिनरल वाटर का जार रहता है, जबकि झामुमो कार्यकर्ता जुस्को से टैंकर मंगाकर पानी पीते हैं। दोनों शिविर में लगभग एक सौ मीटर की दूरी है, लिहाजा एक-दूसरे से संवाद स्थापित नहीं होता।
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