Lok Sabha Election 2019: जनता के सवालों से कन्नी काट रहे प्रत्याशी
सुतरीबेड़ा निवासी खलील अंसारी ने कहा कि अब दलों व प्रत्याशियों ने अपना ट्रेंड बदल लिया है। जनता की मजबूरी का फायदा उठाना बखूबी जान चुके हैं।
चंदनकियारी, जेएनएन। लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराने व मत प्रतिशत में वृद्धि के लिए जहां चुनाव आयोग व प्रशासन लगातार मतदाताओं को विभिन्न माध्यमों से जागरूक करने का प्रयास कर रही है। वहीं विभिन्न राजनैतिक दल व इनके प्रत्याशी समर्थक लगातार अपने पक्ष में मतदान के लिए आमजनों से अपील करते दिख रहे हैं। बावजूद मतदाताओं में कोई खास उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है।
धनबाद लोकसभा क्षेत्र के चंदनकियारी स्थित बैंक ऑफ इंडिया शाखा के समीप गुरुवार की सुबह चाय दुकान के सामने दर्जनभर ग्रामीण चाय पीकर गप्पे लड़ा रहे थे। जिसका मुख्य विषय लोकसभा चुनाव के परिणाम व इसके गतिविधियों पर केंद्रित था। इस दौरान चंदनकियारी निवासी राजेश दास ने कहा कि पहले आम चुनाव के दौरान प्रत्याशी गांव मुहल्लों में समर्थन मांगते अक्सर दिखाई देते थे, लेकिन जब से जनता ने उनके द्वारा किये गए कार्यों का हिसाब मांगने की परंपरा शुरू की, तब से वे स्वयं उन जगहों पर नहीं जाकर किसी तरह से चुनाव को पार करना चाह रहे हैं।
सुतरीबेड़ा निवासी खलील अंसारी ने कहा कि अब दलों व प्रत्याशियों ने अपना ट्रेंड बदल लिया है। जनता की मजबूरी का फायदा उठाना बखूबी जान चुके हैं। इसी दौरान कमाल अंसारी बताते हैं कि मतदान करना लोकतंत्र में हमारी मजबूरी बनकर रह गयी है। हलधर राय बोलते हैं कि अभी के समय मे जनप्रतिनिधि अपने अधिकारों की जानकारी तो रखते हैं, परन्तु कर्तव्यों के निर्वहन की जवाबदेही इनमें नहीं होती। रजाक अंसारी ने चुटकी लेते हुए कहा कि जब से मतदाताओं ने वोट की खरीद फरोख्त और जातियता का रास्ता अपनाया, तब से ही राजनीति व राजनेता में समाजसेवा की प्रवृति का पतन हुआ है। इसी बीच मिनहाज अंसारी ने कहा कि क्षेत्र में समस्याएं तो हैं, परंतु लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा व विकास को अहमियत देनी चाहिए। साथ ही जातियता व सम्प्रदायवाद को गौण कर सशक्त राष्ट्र व विकसित राष्ट्र के निर्माण में हमे सहायक होना चाहिए। वहीं हासिम अंसारी बोलते हैं कि आज ग्रामीण क्षेत्र में समस्याओं का मुख्य कारण ग्रामीणों में अशिक्षा व अदूरदर्शिता है।
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