हरिद्वार लोकसभा सीट: यहां हाथी बना रहा मुकाबले को त्रिकोणीय
हरिद्वार सीट पर 15 प्रत्याशी डटे हुए हैं लेकिन मुकाबला तिकोनीय बना हुआ है। भाजपा और कांग्र्रेस को सपा-बसपा महागठबंधन अलग-अलग क्षेत्रों में चुनौती देते दिख रहे हैं।
हरिद्वार, जेएनएन। हरिद्वार संसदीय सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है। वैसे तो यहां मैदान में 15 प्रत्याशी डटे हुए हैं, लेकिन मुकाबला तिकोनीय बना हुआ है। भाजपा और कांग्र्रेस को सपा-बसपा महागठबंधन अलग-अलग क्षेत्रों में चुनौती देते दिख रहे हैं। संसदीय सीट की सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा का प्रचार अन्य की तुलना में अधिक व्यवस्थित दिखा, जबकि कांग्र्रेस और बसपा की रणनीति जनाधार वाले क्षेत्रों को ही अधिक मथने की रही। भाजपा के रमेश पोखरियाल निशंक, कांग्रेस के अंबरीष कुमार और बसपा के अंतरिक्ष सैनी ने मतदाताओं को रिझाने और दावेदारी को पुख्ता करने को खासी मशक्कत की। जनता के तीखे सवालों से भी उनका सामना हुआ। कुछ इलाकों में नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए मशक्कत भी करनी पड़ी।
स्टार प्रचारकों का असर
नरेंद्र मोदी, राहुल व मायावती ने मुद्दों को दी धार
हरिद्वार सीट पर स्टार प्रचारकों ने भी जनसभा कर मुद्दों को धार दी। भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री थावर चंद्र गहलौत और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रचार किया। कांग्र्रेस के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने जनसभा की। सपा-बसपा महगठबंधन के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने सभा की। प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी हवा में राष्ट्रवाद, सुरक्षा, निर्मल गंगा और विकास का रंग भरा। कांग्र्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल को लेकर पीएम पर हमला करते हुए कार्यकर्ताओं से खूब नारे लगवाए। बसपा सुप्रीमों मायावती ने कांग्रेस-भाजपा को कोसा और नजरें सोशल इंजीनियरिंग पर फोकस रखा।
सामाजिक समीकरण
हरिद्वार का सामाजिक ताना-बाना गंगा जमुनी है। हर धर्म, जाति, वर्ग के लोग इस सीट को खूबसूरती देते हैं। करीब 18 लाख मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में किसान, श्रमिक, नौकरीपेशा, संत-महात्मा, व्यापारी भी बड़ी संख्या में है। महिला मतदाताओं की मौजूदगी भी 46 फीसद से ज्यादा है। संसदीय क्षेत्र की तीन विधानसभाओं में यह वर्ग ठीकठाक है। मुस्लिम बहुल क्षेत्र हैं तो अनुसूचित जाति का बड़ा तबका है। कुल मिलाकर हरिद्वार सीट मिनी भारत का प्रतिनिधित्व करते दिखती है।
मत व्यवहार
हरिद्वार संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाली 14 विधानसभा सीटों में मतदाता का अलग-अलग मिजाज रहा है। इसके बावजूद मतदाता राष्ट्रीय धारा के साथ ही खड़ा दिखाई दिया है। स्थानीय मुद्दों को लेकर मुखर है तो राष्ट्रवाद और सुरक्षा के मामलों से भी खुद को पूरी तरह से जोड़े हुए है। किसान के अपने सवाल हैं तो युवा रोजगार को लेकर चिंतित है। श्रीराम मंदिर को लेकर भी दलों को मतदाता कस रहा है।
अतीत के आईने में
1977 में अस्तित्व में आई इस संसदीय सीट से अब तक पांच-पांच बार भाजपा और कांग्रेस जीत दर्ज कर चुकी है, जबकि दो बार भारतीय लोकदल और एक बार समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की है। उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद यहां हुए तीन लोकसभा चुनाव में एक-एक बार सपा, कांग्रेस और भाजपा ने चुनाव जीता। वर्तमान में यहां से भाजपा नेता पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक सांसद हैं। यह सीट देश के मिजाज के साथ रही है।
भाजपा: रमेश पोखरियाल निशंक
ताकत
- कद्दावर नेता, मौजूदा सांसद और मोदी मैजिक का साथ।
- संसदीय क्षेत्र की 14 विधानसभाओं में से 11 में भाजपा विधायक
- पिछले कार्यकाल में क्षेत्र में सक्रियता, लोगों से सीधा संवाद।
कमजोरी
- सभी लोगों की अपेक्षाओं के पूरा नहीं होने से एंटी इनकंबेंसी
- पार्टी के भीतर उपजी गुटबाजी पर पूरी तरह निजात नहीं पा लेना
- ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित सक्रियता को लेकर सवाल
कांग्रेस- अंबरीष कुमार
ताकत
- कांग्रेस की न्याय योजना से उम्मीद
- अच्छा वक्ता होने के साथ ही जनता से संवाद कायम करने में माहिर
- ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर अच्छा नेटवर्क
कमोजोरी
- पार्टी का कमजोर संगठनात्मक ढांचा, पाला बदल छवि
- हरिद्वार को उत्तराखंड में शामिल करने को लेकर विरोध करना
- शहरी इलाकों में कम सक्रियता
बसपा-अंतरिक्ष सैनी
ताकत
- महागठबंधन के कैडर वोट का साथ होना
- समाज के सभी वर्गों में चिकित्सक के रूप में पहचान
- जाति-बिरादरी के लोगों के चुनाव में सक्रिय होना
कमजोरी
- सपा-बसपा का हरिद्वार में लगातार गिरता जनाधार
- नेता के तौर पर स्थापित पहचान नहीं होना
- सपा-बसपा का कमजोर संगठनात्मक ढांचा
मुद्दे
- राष्ट्रवाद, सुरक्षा, राम मंदिर और विकास
- गंगा को निर्मल बनाना
- किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान
- बढ़ती बेरोजगारी और घटते रोजगार
- बदहाल कानून-व्यवस्था और खनन, शराब माफिया का बढ़ता दबदबा
बोले प्रत्याशी
- रमेश पोखरियाल निशंक (भाजपा प्रत्याशी) का कहना है कि चुनाव में मेरे विपक्षी सिर्फ मौकापरस्त हैं, उन्होंने कभी कुछ नहीं किया है। बतौर हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री हरिद्वार संसदीय क्षेत्र के विकास और बेहतरी को मैंने पिछले पांच साल दिन-रात एक कर काम किया है। जनता इसलिए मुझे इस बार भी चुनेगी।
- अंबरीष कुमार (कांग्रेस प्रत्याशी) का कहना है कि यह ऐतिहासिक चुनाव है, जनता का समर्थन और जनता के साथ से मैं यह चुनाव जीतूंगा। यह चुनाव ढाई लाख के एक साधारण वर्कर निवर्तमान सांसद के बीच है। सांसद ने यहां के लिए कुछ नहीं किया। जनता बेहद नाराज है और कांग्रेस की नीतियों और मेरे काम का समर्थन कर रही है। इसके दम पर मैं चुनाव जीतूंगा।
- डा. अंतरिक्ष सैनी, बसपा (महागठबंधन) प्रत्याशी का कहना है कि बसपा-सपा-रालोद महागठबंधन का प्रत्याशी होने के साथ-साथ सर्व समाज के मत व समर्थन से मैं यह चुनाव जीतूंगा। मैं पिछले 20 वर्षों से हरिद्वार संसदीय क्षेत्र की बेहतरी व विकास के लिए काम कर रहा हूं,यही मुझे जीत दिलायेगी।
हरिद्वार सीट पर एक नजर
कुल मतदाता: 1840732
पुरुष: 980525
महिला: 854868
सर्विस वोटर: 5203
अन्य: 136
कुल उम्मीदवार: 15
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