छत्तीसगढ़ में बसपा 10 और जकांछ केवल एक लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ सकती है
क्या जोगी गठबंधन को बरकरार रखते हुए बिलासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहेंगे।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) केवल एक सीट और बहुजन समाज पार्टी 10 लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ सकती है। जकांछ की झोली में कोरबा या बिलासपुर सीट जाएगी। इसमें से कौन सी सीट बसपा छोड़ेगी, अभी यह तय नहीं हुआ है। इस कारण तो जकांछ सुप्रीमो अजीत जोगी कोरबा से चुनाव लड़ने की घोषणा करने के बाद अपने बयान से पलट गए।
सोमवार को जोगी कोरबा दौरे पर थे, तब उन्होंने पहले बयान दिया था कि वे कोरबा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन पांच घंटे बाद उन्होंने यह कहा कि गठबंधन धर्म निभाना है। इस कारण बसपा सुप्रीमो मायावती से चर्चा के बाद ही अंतिम फैसला हो पाएगा।
पार्टी सूत्रों की मानें तो जोगी ने अपना बयान बसपा के प्रदेश प्रभारी एमएल भारती से चर्चा करने के बाद बदला। जोगी बसपा से कोरबा लोकसभा सीट मांग रहे हैं, लेकिन बसपा ने अब तक कोरबा सीट छोड़ने का अंतिम फैसला नहीं लिया है।
जोगी के पास कोरबा के अलावा बिलासपुर सीट का भी विकल्प है, क्योंकि बसपा ने अभी इन दोनों सीटों के प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। गठबंधन को लेकर दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि बरकरार रहेगा। केवल सीटों के लेकर बात नहीं हो पा रही है।
जोगी यह तो कह रहे हैं कि जल्द ही उनकी बसपा सुप्रीमो मायावती से चर्चा होगी, लेकिन तिथि और समय नहीं बता रहे हैं। ऐसे में अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि अगर, बसपा ने कोरबा सीट नहीं छोड़ी, तो क्या जोगी गठबंधन को बरकरार रखते हुए बिलासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहेंगे या फिर, जोगी बसपा सुप्रीमो मायावती को कोरबा सीट छोड़ने के लिए मना लेंगे? अब दोनों दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं की नजर जोगी और मायावती के फैसले पर टिकी है।
प्रभाव वाली एक सीट कोरबा, दूसरी बिलासपुर
जोगी के प्रभाव वाली एक विधानसभा सीट मरवाही कोरबा, तो दूसरी कोटा विधानसभा सीट बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। मरवाही जोगी की जन्मस्थली है। यहां से 2003 व 2008 में जोगी कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़कर विधायक बने। 2013 में उनके पुत्र अमित जोगी भी कांग्रेस के टिकट से विधायक चुने गए थे।
2018 में जोगी अपनी पार्टी जकांछ के टिकट से चुनाव लड़े और फिर से विधायक बन गए। ऐसे ही कोटा विधानसभा सीट को जोगी परिवार अपना गढ़ बताता रहा है। 2008 व 2013 में जोगी की पत्नी डॉ. रेणु जोगी कांग्रेस के टिकट से विधायक चुनी गई थीं। 2018 में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया, तो रेणु जोगी जकांछ के टिकट से चुनाव लड़ीं और फिर से विधायक बन गईं।