भाजपा को चाहिए हरियाणा की सात लोकसभा सीटों पर जीत, 'चमत्कारी' चेहरों की तलाश
भारतीय जनता पार्टी किसी भी हाल में हरियाणा की सभी लोकसभा सीटों को जीतना चाहती है। इसके लिए उसे जीतने में सक्षम चमतकारी चेहरों की तलाश है।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। भाजपा किसी भी हालत में हरियाणा की सभी सात लोकसभा सीटों को अपनी झोली में डालना चाहती है और इसके लिए उसे 'चमत्कारी' चेहरों की तलाश है। भाजपा जीतने में सक्षम उम्मीदवारोें की तलाश कर रही है। अभी तक भाजपा के पास अंबाला सुरक्षित और गुरुग्राम व फरीदाबाद को छोड़कर बकाया सात सीटों पर जीतने वाले उम्मीदवार तय नहीं हैं। इसलिए पार्टी के लोकसभा चुनाव समिति के प्रभारी कलराज मिश्र राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के 25 फरवरी को हिसार दौरे से पहले ही करनाल, कुरुक्षेत्र, सोनीपत, सिरसा, रोहतक, हिसार सहित भिवानी-महेंद्रगढ़ के लिए मंथन में जुटे हैं।
अमित शाह के हिसार दौरे से पहले लोकसभा चुनाव समिति के प्रभारी कलराज मिश्र करेंगे नामों पर मंथन
पार्टी ने 2014 का चुनाव तत्कालीन हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन में दस में से आठ सीट पर लड़ा था। हरियाणा जनहित कांग्रेस सिरसा और हिसार दोनों ही सीट हार गई थी, जबकि भाजपा ने आठ में से सात सीटों पर विजय हासिल की थी। भाजपा तब केवल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ रोहतक की सीट नहीं जीत पाई थी। रोहतक से हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र हुड्डा ने मौजूदा राज्य के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ को हराया था।
मेनका गांधी, पूर्व सेनाध्यक्ष सुहाग और जनरल वीके सिंह के भी चुनाव लडऩे की है संभावना
भाजपा इस बार जिन सात सीटों पर चमत्कारिक चेहरों की तलाश में हैं उनमें करनाल से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, रोहतक से पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह के नाम चर्चा में हैं। सूत्रों की मानें तो मेनका गांधी इस बार अपनी परंपरागत सीट पीलीभीत से बेटे वरुण गांधी को उतार सकती हैं। पिछली बार वरुण उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से चुनाव जीते थे और मेनका पीलीभीत से।
वरुण को पीलीभीत से उतारे जाने के पीछे यह बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में बने महागठबंधन के चलते सुल्तानपुर सीट भाजपा खासतौर पर वरुण के लिए सुरक्षित नहीं रह गई है। मेनका गांधी का करनाल से पुराना नाता बताया जा रहा है। उनके परनाना सरदार दातार सिंह बंटवारे के बाद पाकिस्तान से आकर करनाल ही बसे थे। पार्टी के रणनीतिकारों की रोहतक में हुड्डा को घेरने के लिए काफी समय से पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग पर नजर है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जब जनरल सुहाग के घर केंद्र सरकार के चार साल पूरे होने पर पार्टी के जनसंपर्क अभियान के तहत गए थे तो इस बात को और बल मिला था। इसके अलावा जनरल वीके सिंह के लिए भी पार्टी रणनीतिकार भिवानी-महेंद्रगढ़ को ही ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं।
भिवानी वीके सिंह की जन्मस्थली है। हालांकि जींद उपचुनाव के बाद भिवानी महेंद्रगढ़ सीट से मौजूदा सांसद धर्मबीर सिंह फिर से चुनाव लडऩे के इच्छुक हो गए हैं और उन्हें अहीरवाल के नेता राव इंद्रजीत सिंह का समर्थन प्राप्त है। इसके साथ ही नांगल चौधरी से भाजपा विधायक डॉ. अभय सिंह यादव भी इस सीट से अपना दावा कर रहे हैं। इसी तरह सोनीपत सीट से मौजूदा सांसद रमेश कौशिक ने भी फिर से चुनावी मैदान में ताल ठोक दी है, जबकि जींद उपचुनाव से पहले वे लोकसभा की बजाए विधानसभा चुनाव लडऩा चाहते थे।
सिरसा, हिसार, कुरुक्षेत्र से भी नए नामों पर हो रहा है मंथन
भाजपा हरियाणा में इस बार चूंकि किसी अन्य दल के साथ गठबंधन में नहीं जा रही है, इसलिए पार्टी को सिरसा, हिसार सहित कुरुक्षेत्र सीट पर भी नए चेहरे चाहिए। सिरसा सुरक्षित से पार्टी महिला नेता व राज्य सरकार में चेयरपर्सन सुनीता दुग्गल को चुनाव लड़ा सकती है।
भारतीय राजस्व सेवा की नौकरी छोड़कर भाजपा में आई सुनीता दुग्गल को पिछली बार गठबंधन के चलते टिकट नहीं मिल पाई थी। हिसार से पार्टी किसी नए चेहरे की तलाश में है। कुरुक्षेत्र से भाजपा के मौजूदा सांसद राजकुमार सैनी चूंकि अपनी अलग पार्टी बना चुके हैं। इसलिए अब इस सीट से भी बड़े कद्दावर नेता को लड़ाने पर विचार किया जा रहा है।