Lok Sabha Election 2024: दिग्गजों की सीट पर गठबंधन से आस, जातियों के जाप से जीत का पहाड़ा पढ़ रहे दल
Bijnor Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव के तहत यूपी की आठ सीटों पर पहले चरण में मतदान होगा। इसमें बिजनौर संसदीय क्षेत्र भी शामिल है। यहां से कई दिग्गज चुनाव जीतकर संसद पहुंच चुके हैं। इस बार भाजपा-रालोद एवं कांग्रेस- सपा का गठबंधन चुनावी समीकरण को दिलचस्प बना रहा है। सभी दल अलग-अलग जातियों को साधने का प्रयास कर रहे हैं।
अनुज शर्मा, बिजनौर। Bijnor Lok Sabha Election 2024: बिजनौर लोकसभा सीट इतिहास गढ़ने के लिए चर्चा में रही है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष कांग्रेस की मीरा कुमार ने बिजनौर से संसदीय पारी का आगाज किया, वहीं अपने समय के दिग्गज दलित नेता एवं कई बार केंद्रीय मंत्री बने राम विलास पासवान भी यहां से चुनाव लड़े।
बिजनौर सीट पर गठबंधन का गुल खिलता रहा है। ऐसे में भाजपा और रालोद अपनी गणित को जीत की गारंटी बता रहे हैं। वहीं सपा और कांग्रेस गठबंधन ने अपने समीकरण में जीत का सपना देखा है। यहां जाट, गुर्जर, सैनी और मुस्लिम मतदताओं के इर्द-गिर्द ही चुनावी परिणाम का चक्र घूमता है।
जातीय शोरगुल में गुम हुए मुद्दे
इसी गणित पर चुनाव लड़ते हुए रालोद प्रत्याशी चंदन चौहान के पिता संजय चौहान ने 2009 में जीत दर्ज की थी। बसपा मुस्लिम और जाट मतों के बीच जीत की रोशनी देख रही है। बिजनौर में बाढ़, तेंदुओं का हमला, गन्ना भुगतान, पर्यटन, शिक्षा, चिकित्सा समेत कई मुद्दे उठे, लेकिन जातीय शोरगुल में गुम हो गए।
बसपा का दांव
भाजपा-रालोद का साथ मिलने और जयन्त चौधरी की कई जनसभाओं के बाद जाट और गुर्जर वोटों के एकजुट होने का दावा किया जा रहा, लेकिन बसपा ने जाट और सपा ने सैनी चेहरा उतारकर भाजपा को घेरने का पूरा प्रयास किया है। चंदन चौहान अपने पिता की विरासत और जनाधार को नए सिरे से मथने में जुटे हैं। गठबंधन के बाद यह सीट रालोद के खाते में चले जाने और चुनाव लड़ने का मौका न मिलने का गम भाजपा के तमाम कद्दावर नेताओं के मन में है। उन्हें प्रदेश इकाई ने पूरी ताकत से चुनाव में सक्रिय होने के लिए कहा है।
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