Loksabha Election 2019 : बुंदेले नहीं किसी से कम, दिखाएंगे '90 प्लस' का दम
जिला निर्वाचन अधिकारी ने पिछले दो माह में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया है।
बांदा, जेएनएन। बांदा संसदीय सीट पर सोमवार को चुनाव का पांचवां चरण सिर्फ प्रत्याशियों के लिए नहीं बल्कि यहां जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीएम के लिए भी परीक्षा की घड़ी लेकर आया है। यहां लोगों की नजर सिर्फ प्रत्याशियों के मुकाबले पर ही नहीं है बल्कि डीएम के मिशन '90 प्लसÓ पर भी है। हालांकि बुंदेलखंड की तपती धरती और सूरज की तपिश के बीच बढ़ता मतदान तो यही इशारा कर रहा है कि बांदा मिशन की ओर बढ़ रहा है।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने में प्रशासनिक इच्छा शक्ति भी उतनी महत्वपूर्ण होती है, जितना एक वोटर का मतदान करके लोकतंत्र को मजबूत बनाना। शायद इसी को बांदा के जिलाधिकारी हीरालाल ने आत्मसात किया और अधिक से अधिक मतदान कराने को अपना लक्ष्य बना लिया। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद वह अपने मिशन '90 प्लस' में जुट गए। अगर उनका यह लक्ष्य कामयाब रहा तो बुंदेलियों के बीच यह पहला अनोखा रिकार्ड होगा। पिछली बार जिले में 53 फीसद के करीब मतदान हुआ था।
इस तरह मिशन की सफलता को हुई कवायद
जिला प्रशासन ने इस बार मतदान फीसद को बढ़ाने के लिए खूब कवायद की है। मतदाता जागरुकता कार्यक्रम (स्वीप) के अंतर्गत कई क्रियाकलाप हुए तो स्वयं सेवी संगठनों ने भी जागरूकता के कई कार्यक्रम किए। उन बूथों पर सबसे ज्यादा होमवर्क हुआ, जहां पिछले चुनावों में कम वोङ्क्षटग हुई थी। नुक्कड़ नाटक, जागरूकता रैलियों के माध्यम से लोगों में मतदान करने की प्रेरणा जगाई गई। मतदान प्रतिशत बढ़ाने को चलाया गया अभियान चर्चा का विषय रहा।
यह रहीं मुख्य गतिविधियां
- जिलाधिकारी ने 20 हजार से अधिक जागरुकता पत्र लिखे।
- 500 से अधिक बूथों में मतदान मेला।
- 471 ग्राम पंचायतों में मतदान प्रेरक कार्यक्रम।
- 40 जागरुकता टीमों का गठन हुआ, जो मतदाताओं को मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करती रहीं।
- 618 बूथों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन रखा गया।
जिला निर्वाचन अधिकारी हीरालाल कहते हैं कि वर्ष 2015 में दो ग्राम पंचायतों में 90 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था, तब मुझे लगा यह जिले में भी हो सकता है। इसे ही मिशन बनाकर पिछले दो महीने से प्रयास शुरू कराए। मुझे पूरा भरोसा है कि जिले के मतदाता इस बार लोकसभा चुनाव में इतिहास जरूर बनाएंगे। एक मजबूत लोकतंत्र के लिए नागरिकों ने पूरे उत्साह के साथ जागरूकता अभियान में सहभागिता निभाई है। मतदाताओं को बूथों में आने वाली हर समस्या से जिला प्रशासन निपट रहा है।
बाहर से भी मतदाताओं को बुलवाया
मिशन पूरा करने के लिए गैर प्रांत और जिलों में नौकरी करने वालों को भी मतदान के लिए बुलाया गया है। उन्हें मतदान के लिए जागरूक किया गया। ठेकेदारों और स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें मतदान के लिए प्रेरित किया गया। एक अनुमान है कि इस अभियान से अभी तक 40 फीसदी लोग मतदान के लिए आ गए हैं। इस काम में जुड़े लोगों प्रशंसा-पत्र भी दिए जा रहे हैं। महिलाओं का प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिले में सखी समूह भी बनाए गए हैं।
सर्वाधिक मतदान प्रतिशत वाले गांवों को मिलेगा तोहफा
लोकसभा चुनाव में जिन ग्राम पंचायतों में मतदान का प्रतिशत 90 या इससे ज्यादा रहा, वहां जिलाधिकारी की ओर से ग्रामीणों को तोहफा दिया जाएगा। इसके तहत क्रिटिकल गैप मद से यहां सोलर लाइटें लगेंगी, जिससे पूरा गांव रोशन होगा। मतदान कर्मियों को भी प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
बूथों पर दिवारी नृत्य और गीत गायन से खींचे मतदाता
मिशन के तहत डीएम ने बूथों पर विशेष इंतजाम कराए हैं। यहां पर लोक गीत गायन के साथ दिवारी नृत्य का भी इंतजाम किया गया है। कलाकार लोक गीतों से मतदाताओं को बूथों की ओर खींचने का प्रयास कर रहे हैं तो दिवारी नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र बना रहा। बूथों पर मौजूद बूथ मित्र बुजुर्गों की मदद में तत्पर हैं। असहाय वृद्धों को गोद में उठाकर मतदान कराने में मदद कर रहे हैं। मतदान केंद्रों की व्यवस्था को देखते हुए मतदाता भी एक के बाद एक पहुंच रहे हैं।
दोपहर एक बजे तक कई बूथ पार गए 60 फीसद मतदान का आंकड़ा
सोमवार को मतदान शुरू होने के बाद कुछ बूथों पर अभियान का असर भी दिखाई दिया है। पूरे लोकसभा क्षेत्र में दोपहर एक बजे तक 44.31 प्रतिशत वोटिंग हो जाना मिशन के लिए बेहतर संकेत रहा। बांदा जिले में दोपहर तक दस बूथ ऐसे थे जहां पचास से साठ फीसद तक मतदान हो चुका था। इससे साफ है कि डीएम का अभियान रंग ला रहा है और मिशन पूरा होने की पूरी उम्मीद बंधती नजर आ रही है।
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