अशोक गहलोत-सचिन पायलट की जोड़ी ने संभाली कमान, मगर वसुंधरा राजे मुख्यधारा से दूर
राजस्थान में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और करीब तीन माह पूर्व सत्ता से बाहर हुई भाजपा की चुनावी तैयारी में काफी अंदर नजर आ रहा है।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर: राजस्थान में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और करीब तीन माह पूर्व सत्ता से बाहर हुई भाजपा की चुनावी तैयारी में काफी अंदर नजर आ रहा है। भाजपा के मुकाबले कांग्रेस काफी आगे निकलती हुई नजर आ रही है । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की जुगलबंदी प्रचार अभियान में भाजपा को पीछे छोड़ते हुए मैदान में कूद पड़ी है। वहीं, भाजपा में पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे अब भी मुख्यधारा से दूर हैं। भाजपा में राष्ट्रीय नेतृत्व फैसले ले रहा है।
प्रत्याशी चयन के लिए सहमति बनाने से लेकर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की पूरी जिम्मेदारी चुनाव पर्यवेक्षक और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर संभाल रहे हैं। प्रदेश भाजपा से जुड़े ज्यादातर फैसले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ले रहे हैं। ऐसे में पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि वसुंधरा राजे की दूरी से चुनाव में परेशानी आ सकती हैं।
भाजपा टिकट बंटवारे में उलझी तो कांग्रेस रैलियों में व्यस्त
भाजपा जहां टिकटों के बंटवारे में उलझी है, वहीं कांग्रेस चुनावी रैलियों में व्यस्त है । विधानसभा चुनाव प्रचार की तरह ही इस बार भी पायलट और गहलोत साथ-साथ प्रचार कर रहे हैं। मतदाताओं और कार्यकर्ता में ये संदेश जाए कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है। भाजपा में वसुंधरा राजे खेमे ने अभी चुनाव अभियान से दूरी बना रखी है।