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Lok Sabha Election: ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उतरा पूरा कुनबा, पत्नी और छोटा भाई प्रचार मैदान में बहा रहे पसीना

चुनाव प्रचार के दौरान लोकसभा क्षेत्र बड़ा होने के कारण सभी प्रत्याशी पूरे क्षेत्र में नहीं पहुंच पाते हैं। इस स्थिति में उनके परिजन भी पूर्व से निर्धारित दौरे के अनुसार दूसरे क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। सिंधिया परिवार की तरफ से उनकी पत्नी और पुत्र ने कमान संभाली है तो राव परिवार की तरफ से भी मां और मंझले पुत्र को छोड़कर पूरा कुनबा मैदान में उतर चुका है।

By Praveen Malviya Edited By: Jeet Kumar Published: Tue, 30 Apr 2024 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 06:00 AM (IST)
ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ चुनाव मैदान में उतरा पूरा कुनबा

जेएनएन, अशोकनगर। राजनीति से जुड़े लोगों के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धताएं और पार्टी ही सब कुछ होती है। अगर इस बात को कोई चरितार्थ करता दिखता है तो वह गुना लोकसभा क्षेत्र है। जहां पांच साल पहले भाजपा प्रत्याशी सिंधिया कांग्रेस से चुनाव लड़ते थे तो उनकी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया और राजस्थान की मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे सिंधिया भाजपा में होने के चलते हमेशा अपने भतीजे के चुनाव प्रचार से दूरिया बना कर रखीं।

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कुछ ऐसी ही स्थितियां इस बार गुना लोकसभा क्षेत्र से

कुछ ऐसी ही स्थितियां इस बार गुना लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी यादवेंद्र सिंह यादव के साथ देखने को मिल रही हैं। आज से करीब छह माह पहले हुए विधानसभा चुनावों के दौरान जहां पूरा परिवार मुंगावली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रहे यादवेंद्र सिंह यादव के पक्ष में प्रचार उतरा था तो वहीं इस बार उनको अपनी मां पूर्व जिपं अध्यक्ष बाईसाहब यादव और मंझले भाई जिपं अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह यादव के बगैर जनता के बीच पहुंचना पड़ रहा है।

दरअसल जनवरी माह में हुए जिपं अध्यक्ष पद के चुनाव से ठीक पहले बाईसाहब यादव और अजय प्रताप सिंह ने एक बार फिर से प्रदेश नेतृत्व के समक्ष भाजपा का दामन थाम लिया था। शायद परिवार को भी यह अंदाजा नहीं था कि ही माह बाद बदले राजीतिक समीकरणों में उनको अपने ही पुत्र के प्रचार से दूरियां बनानी होंगी।

भाजपा को जिताने की अपील

हाल ही में कुछ दिन पहले ईसागढ़ में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की यादव समाज के सम्मेलन में जिपं अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह यादव न केवल सिंधिया के मंच पर मंचासीन रहे बल्कि पार्टी की मर्यादाओं में बंधे अजय प्रताप सिंह ने मंच से भाजपा को जिताने की अपील भी की।

हालांकि पार्टी ने भी उनकी मुश्किलों और हालातों को समझते हुए उन्हें प्रदेश के दूसरे जिलों में प्रभारी के तौर पर भेज दिया। लेकिन ऐसे मुश्किल हालातों के बीच अब यादवेंद्र सिंह के सबसे छोटे भाई अक्षय यादव और उनकी पत्नी जिपं सदस्य अल्का यादव ने चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है।

इस दौरान यादवेंद्र सिंह यादव की बहनें भी अपने भाई के प्रचार में लगातार जुटी हुई है। यानी गुना लोकसभा क्षेत्र में जहां दोनों प्रमुख प्रत्याशी अपनी पूरी ताकत झोंकने में लगे हैं तो वहीं दोनों तरफ से उनके परिजन भी प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं।

सिंधिया का परिवार भी झोंक रहा पूरी ताकत

चुनाव प्रचार के दौरान लोकसभा क्षेत्र बड़ा होने के कारण सभी प्रत्याशी पूरे क्षेत्र में नहीं पहुंच पाते हैं। इस स्थिति में उनके परिजन भी पूर्व से निर्धारित दौरे के अनुसार दूसरे क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। सिंधिया परिवार की तरफ से उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया और पुत्र महाआर्यमन ने कमान संभाली है तो राव परिवार की तरफ से भी मां और मंझले पुत्र को छोड़कर पूरा कुनबा मैदान में उतर चुका है।


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