Almora seat Lok Sabha Election: अल्मोड़ा सीट पर अजय टम्टा ने कायम रखी प्रतिष्ठा
अल्मोड़ा संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा ने अपनी प्रतिष्ठा कायम रखी। उन्होंने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की।
अल्मोड़ा, जेएनएन। अल्मोड़ा संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा ने इस बार अपनी प्रतिष्ठा कायम रखी। उन्होंने लगातार दूसरी बार अल्मोड़ा सीट से जीत दर्ज की। शाम पांच बजे तक हुई मतगणना में उन्हें उन्हें 444651 वोट मिले। उन्हें 64.03 प्रतिशत वोट मिले।
बता दें कि वर्ष 2014 में उत्तराखंड राज्य में अल्मोड़ा संसदीय सीट से अजय टम्टा का विजयी हुए थे। उन्हें 348186 वोट मिले थे। उन्होंने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को 95690 वोटों से हराया। निकटतम प्रतिद्वंद्वी की पार्टी कांग्रेस थी। 2014 में कुल 52.41 प्रतिशत वोट पड़े थे।
अल्मोड़ा सीट
चीन और नेपाल के साथ-साथ गढ़वाल सीमा से सटी चार जिलों में फैली अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट अपने अलग मिजाज के लिए जानी जाती है। यहां काली, गोरी, पूर्वी व पश्चिमी रामगंगा, सरयू, कोसी नदियों वाले क्षेत्र में हिमालय का भू-भाग भी है। वर्ष 1977 में इस सीट से भाजपा के दिग्गज नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी ढाई साल तक इसका प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसके अलावा पूर्व सीएम हरीश रावत तीन बार इस क्षेत्र के सांसद रहे।
हालांकि वर्ष 1991 से यह सीट भाजपा के खाते में चली गई। भाजपा के जीवन शर्मा एक बार और बची सिंह रावत तीन बार यहां के सांसद चुने गए। सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने के बाद भी भाजपा और कांग्रेस ही आमने-सामने रहे। वर्ष 2009 में कांग्रेस के प्रदीप टम्टा सांसद चुने गए तो वर्ष 2014 से भाजपा के अजय टम्टा सांसद हैं। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय क्षेत्र में भले ही चार जिले आते हैं, परंतु मतदाताओं का मिजाज लगभग एक जैसा ही रहता है। सैनिक के बाहुल्य वाली इस सीट पर राष्ट्रीय मुद्दे हावी रहते हैं। संसदीय क्षेत्र में केवल एक बार क्षेत्रीय दल उक्रांद ने जबरदस्त चुनौती दी थी। क्षेत्र में राष्ट्रीय दलों का ही बोलबाला है।
अजय टम्टा
- जन्मतिथि---16 जुलाई 1972
- पद------सांसद (2014)
- परिवार------पत्नी सोनल टम्टा, एक पुत्री
- शिक्षा------इंटर पास
- संपत्ति------63.66 लाख
- व्यवसाय------राजनीति
- पत्नी का व्यवसाय लेक्चरर
- 2007 से 2012 तक उत्तराखंड विधान सभा के सदस्य रहे। 2007 से 2008 तक उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री रहे। 2008 से 2009 तक उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। मई, 2014 में 16वीं लोक सभा के लिए निर्वाचित हुए। 14 अगस्त 2014 से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण संबंधी समिति के सदस्य हैं।
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