इलेक्शन ट्रेवल: एयर स्ट्राइक और रोजगार हैं आम जनता के मुद्दे
इन दिनों कोई मोदी सरकार का हिमायती नजर आ रहा है तो कोई सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल कर रहा है। आइए जानते हैं इलेक्शन ट्रैवल में हुई चुनावी चर्चा।
देहरादून, गौरव ममगाईं। इन दिनों हर कोई चुनावी चर्चा में मशगूल है। कोई मोदी सरकार का हिमायती नजर आ रहा है तो कोई सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल कर रहा है। असल में आम मतदाता के मन में चुनाव को लेकर चल क्या रहा है, इसकी थाह लेने के लिए मैंने बस से देहरादून से हरिद्वार तक सफर करने का फैसला किया और मंगलवार सुबह निकल पड़ा अपने मिशन पर।
सुबह के सवा दस बजे हैं। मेरी निगाहें हरिद्वार जाने वाली बस को खोज रही हैं। तभी कुछ ही फासले पर कंडक्टर आवाज देता नजर आया, हरिद्वार-हरिद्वार। बस में सीटें फुल होने लगी हैं, यह देख मैं भी तेजी से बस की ओर लपका। संयोग से बैठने के लिए सीट भी मिल गई। बस पांच मिनट बाद हरिद्वार के लिए रवाना हुई। मैं पांच-दस मिनट आंख बंद कर तसल्ली से बैठा रहा और फिर बगल की सीट पर बैठे एक व्यक्ति, जिनका नाम राजेंद्र गुरुंग था, से पूछा, 'भाई साहब! चुनाव को लेकर क्या लगता है आपको, कौन-सी पार्टी की संभावना नजर आ रही है।' उनका जवाब था, 'लग रहा है कि लोग मोदी सरकार के समर्थन में हैं। पहले सर्जिकल स्ट्राइक और अब एयर स्ट्राइक से मोदी ने विपक्ष पर बढ़त ली है। साथ ही उनका यह भी कहना था, 'देश में बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है। जागरूक मतदाता इस पर भी सोच रहे हैं।'
मैंने घड़ी पर नजर डाली तो 11.05 हो चुके थे और बस डोईवाला पहुंचने वाली थी। अब मैं दो सीट आगे बैठे एक युवक की राय जानने उनके पास पहुंचा। औपचारिक परिचय के बाद उन्होंने अपना नाम अभिनव सिंह बताया और फिर बोले, 'कांग्र्रेस न्याय योजना से गरीबों को लुभाने में कामयाब होती दिख रही है।' इस पर मैंने मोदी सरकार के कार्यकाल के बारे में पूछा तो जवाब मिला, 'सरकार ने रोजगार का वायदा पूरा नहीं किया, इसलिए युवाओं में निराशा है।' अन्य युवाओं से बात की तो वो भी दो करोड़ सालाना रोजगार के वायदे पर निराश दिखे। हालांकि, उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक की सराहना भी की।
अब घड़ी दोपहर 11.40 बजा रही है और बस लाल तप्पड़ से आगे पहुंच चुकी है। अब मैं सबसे पीछे की सीट पर बैठे सेना के जवान (आमोद कुमार) से मुखातिब हूं। मेरा सवाल वही है कि, 'मोदी सरकार का कार्यकाल आपकी नजर में कैसा रहा।' जवान तपाक से बोला, 'अन्य उपलब्धियों पर तो मुझे ज्यादा कुछ नहीं कहना, मैं एक जवान हूं और सेना के बारे में ही ज्यादा बता सकता हूं। मोदी ने भारतीय सेना को फ्री-हैंड छोड़ा है। पहले ऐसा नहीं हुआ करता था।' एयर स्ट्राइक पर विपक्ष के रवैये को लेकर उनकी आंखों में गुस्सा साफ नजर आ रहा था। बोले, 'सेना की वीरता एवं क्षमता पर किसी को भी शक नहीं होना चाहिए।'
इसके बाद मैंने कुछ और लोगों से भी बात की, जिनका मानना था कि इस चुनाव में एयर स्ट्राइक बड़ा मुद्दा बन सकता है। दोपहर 12 बजकर छह मिनट पर बस हरिद्वार पहुंच गई और इसी के साथ मेरा मिशन भी पूरा हुआ। इस सफर में मेरी लोगों से जो भी बातचीत हुई, उसका निष्कर्ष यही था कि इस चुनाव में एयर स्ट्राइक और रोजगार, दोनों ही महत्वपूर्ण मुद्दे बन सकते हैं।
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