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कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन पर सहमति, 20 और 8 सीट के फार्मूले पर समझौते के आसार

कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से पहले 12 पर दावा जता रही जेडीएस अब 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। जबकि कांग्रेस उसके लिए 8 सीटों से अधिक छोड़ने के पक्ष में नहीं है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 09:42 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 12:56 AM (IST)
कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन पर सहमति, 20 और 8 सीट के फार्मूले पर समझौते के आसार
कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन पर सहमति, 20 और 8 सीट के फार्मूले पर समझौते के आसार

संजय मिश्र, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में गठबंधन की गाडी दुरूस्त करने की कांग्रेस की पहल कर्नाटक में कामयाबी की पटरी पर आ गई है। कांग्रेस और जनता दल सेक्यूलर के बीच लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ने की सैद्धांतिक सहमति बन गई है। सीटों के बंटवारे पर दोनों पार्टियों में अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। हालांकि संकेत हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस 20 लोकसभा सीटों पर तो जदएस 8 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

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कर्नाटक में चुनावी गठबंधन को लेकर कांग्रेस-जेडीएस में यह सहमति राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री जेडीएस अध्यक्ष एचडी देवेगौडा के बीच बुधवार को हुई बैठक में बनी। कर्नाटक में गठबंधन सरकार के साझीदार होने के बाद भी सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों में काफी समय से रस्साकशी चल रही थी। इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष गठबंधन की गांठ खोलने के लिए देवेगौडा से मिलने उनके घर पहुंचे।

करीब दो घंटे की बैठक के दौरान लोकसभा चुनाव की चुनौतियों से लेकर सीटों के बंटवारे पर लंबी चर्चा हुई। दोनों पार्टियों ने सीटों को लेकर अपने-अपने दावे और तर्क रखे।

सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह बात उभर कर आयी कि सीटों की संख्या को लेकर आपसी सहमति की गुंजाइश अभी बाकी है। इसीलिए हफ्ते भर में चर्चा पूरी कर इसे अंतिम रुप दिया जाए।

सीट बंटवारे पर निर्णायक फैसला करने के लिए देवेगौड़ा ने जदएस की ओर से प्रधान महासचिव कुंअर दानिश अली को अधिकृत किया तो राहुल ने कर्नाटक के प्रभारी कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को यह जिम्मा सौंपा। हालांकि दोनों को जिम्मा सौंपते हुए राहुल और देवेगौड़ा ने साफ कर दिया कि दोनों पार्टियां साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी।

राहुल-देवगौड़ा की बैठक में वेणुगोपाल और दानिश अली दोनों मौजूद थे। दानिश ने गठबंधन को लेकर खींचतान के बारे में पूछे जाने पर कहा कि सीटों की संख्या से ज्यादा अहम यह बात कि जेडीएस-कांग्रेस लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे।

कांग्रेस ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के तालमेल के प्रस्ताव को भले मंगलवार को ठुकरा दिया मगर इस चुनाव में पार्टी के लिए गठबंधन की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राहुल खुद देवेगौडा से वार्ता के लिए उनके घर गए। दिलचस्प यह भी है कि यह राहुल और देवेगौड़ा की पहली आपसी बैठक थी।

कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से पहले 12 पर दावा जता रही जेडीएस अब 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। जबकि कांग्रेस उसके लिए 8 सीटों से अधिक छोड़ने के पक्ष में नहीं है। हालांकि कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री पद देने के फैसले को देवेगौडा लचीला मानते हैं और इसीलिए लोकसभा सीट बंटवारे में वे ज्यादा जिद नहीं करेंगे।

खासतौर पर यह देखते हुए कि चुनावी गठबंधन की वजह से जेडीएस 8 सीटों में से करीब 6 सीटें जीत सकती है जबकि मौजूदा लोकसभा में उसके केवल दो ही सांसद हैं। जेडीएस के सूत्रों ने भी माना कि कांग्रेस अधिक सीट छोड़ने पर राजी नहीं हुई तो अंतत: आठ सीटों पर जेडीएस को गठबंधन के लिए तैयार होना पड़ेगा।


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