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प्रयागराज का एक ऐसा परिवार जिसमें हैं 66 वोटर, जानें इस बड़ी फैमिली की दिलचस्‍प कहानी

प्रयागराज जिले के ग्राम भरैचा के राम नरेश भारतीय का परिवार चुनावी मौसम में उम्‍मीदवारों के लिए बेहद खास बन जाता है। जानिए 82 सदस्‍यों वाले इस परिवार की दिलचस्‍प कहानी....

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 01:16 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 02:04 PM (IST)
प्रयागराज का एक ऐसा परिवार जिसमें हैं 66 वोटर, जानें इस बड़ी फैमिली की दिलचस्‍प कहानी
प्रयागराज का एक ऐसा परिवार जिसमें हैं 66 वोटर, जानें इस बड़ी फैमिली की दिलचस्‍प कहानी

प्रयागराज, आईएएनएस। हर बार चुनावों के मौसम में प्रयागराज जिले के ग्राम भरैचा के राम नरेश भारतीय का परिवार उम्‍मीदवारों के लिए बेहद खास बन जाता है। इसके पीछे परिवार के सदस्‍यों की बड़ी संख्‍या है। इस बार जिले के सबसे बड़े कुल 82 सदस्‍यों वाले इस परिवार से 66 लोग वोट डालेंगे। इसी वजह से हर बार चुनावों में प्रत्‍याशी राम नरेश भारतीय के घर वोट मांगने जरूर आते हैं।

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दो सदस्‍यों को छोड़कर राम नरेश का पूरा परिवार खेती करता है। परिवार के दो सदस्‍य मुंबई में एक निजी कंपनी में काम करते हैं। 98 वर्षीय राम नरेश भारतीय बड़े परिवार को लेकर गर्व महसूस करते हैं। वह कहते हैं कि पूरे परिवार का भोजन एक ही जगह बनता है। इतने बड़े परिवार को खिलाने के लिए एक दिन में 20 किलो सब्‍जी, 15 किलो चावल और 10 किलो गेहूं लगता है। भोजन पकाने की जिम्‍मेदारी परिवार की महिलाएं संभालती हैं।

राम नरेश कहते हैं कि मुझे खुशी इस बात की है कि परिवार के एक भी सदस्य ने कभी नहीं कहा कि वे अलग रहना चाहते हैं। मैं चाहता हूं कि लोग हमें एक उदाहरण के तौर पर लें और राष्ट्र को एकजुट रखें। मेरे परिवार के आठ सदस्‍य ऐसे हैं जो कल यानी सोमवार को पहली बार मतदान करेंगे। ये मेरे पोते हैं जो पहली बार वोट देने को लेकर बेहद उत्‍साहित हैं। अमूमन, पूरा परिवार लंच करने के बाद ही मतदान करने के लिए निकलता है। तब तक मतदान केंद्र पर भीड़ भी छट चुकी होती है।

बकौल राम नरेश, मतदान केंद्र पर जब पूरा परिवार वोट करने पहुंचता है तब चुनाव अधिकारी उनका स्‍वागत करते हैं। जैसा की कोई भी सोच सकता है, मतदान केंद्र जाने के लिए परिवार कोई भी बस किराए पर नहीं लेता। परिवार के बुजुर्गों को दोपहिया वाहनों के जरिए ले जाया जाता है, जबकि अन्य लोग पैदल ही मतदान केंद्र तक पहुंचते हैं। पूरा परिवार मिट्टी की दीवार के कच्‍चे मकान में रहता है। परिवार के लोग इस खपरैल के मकान को पक्‍का बनवाने की योजना बना रहे हैं। लेकिन, उनकी इस योजना के सामने एक समस्‍या आ गई है। 

परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्‍य शंकर बताते हैं कि घर के पास से ही गुजर रहे हाई टेंशन तार मकान को पक्‍का बनवाने की राह में बाधा बन रहे हैं। जब भी चुनाव का समय आता है हम प्रत्‍याशियों से हाई टेंशन तार को हटाने की गुहार लगाते हैं। प्रत्‍याशी हर बार इसे हटाने का आश्‍वासन देते हैं लेकिन चुनाव बीतने के बाद कोई भी इस ओर ध्‍यान नहीं देता। 

शंकर के मुताबिक, उन्‍होंने कई बार बिजली विभाग को इस बारे में लिखा लेकिन विभाग की ओर से आज तक कोई जवाब नहीं आया। इस बार भी हमने उम्‍मीदवारों से हाई टेंशन तारों को हटाने की गुहार लगाई है लेकिन अगली बार हम वोट तभी करेंगे जब हमारी समस्‍या का समाधान हो जाएगा। वहीं राम नरेश कहते है कि परिवार में लड़कियों के लिए अलग कमरों की जरूरत है लेकिन हाई टेंशन तारों के कारण हम पक्‍के मकान का निर्माण नहीं करा सकते हैं। 

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