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दूसरे चरण में कल फिर मतदाता बनेंगे नेताओं के भाग्य विधाता, जानें कहां कितनी सीट पर पड़ेंगे वोट

18 अप्रैल को लोकसभा की 96 सीटों पर मतदान होगा। उत्तर प्रदेश की आठ बिहार की पांच छत्तीसगढ़ की तीन जम्मू-कश्मीर की दो ओडिशा की पांच और पश्चिम बंगाल की तीन सीटों पर वोट डाले जाएंगे

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 09:11 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 01:55 PM (IST)
दूसरे चरण में कल फिर मतदाता बनेंगे नेताओं के भाग्य विधाता, जानें कहां कितनी सीट पर पड़ेंगे वोट

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। दूसरे चरण के मतदान का शोर थम गया है। कल यानी 18 अप्रैल को लोकसभा की 96 सीटों पर मतदान होगा। तमिलनाडु की वेल्लोर सीट का मतदान चुनाव आयोग ने स्थगित कर दिया है। वहीं उत्तर प्रदेश की आठ, बिहार की पांच, छत्तीसगढ़ की तीन, जम्मू-कश्मीर की दो, ओडिशा की पांच और पश्चिम बंगाल की तीन सीटों पर वोट डाले जाएंगे। हेमामालिनी, राजबब्बर, तारिक अनवर, एसपी सिंह बघेल, फारूक अब्दुल्ला, जितेंद्र सिंह जैसे बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है।

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उत्तर प्रदेश ( 8/80 )
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में उप्र की जिन आठ सीटों पर गुरुवार को मतदान होगा वहां सपा व रालोद गठबंधन की असल परीक्षा होगी। भाजपा अपना वर्चस्व बचाए रखने को एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : बिजनौर जिले की नगीना सुरक्षित सीट है। इस क्षेत्र से बसपा प्रमुख मायावती स्वयं चुनाव लड़ना चाह रही थीं, परंतु ऐन वक्त पर फैसला बदल दिया गया। गठबंधन प्रत्याशी के रूप में बसपा के गिरीश चंद्र लड़ रहे हैं और भाजपा ने सांसद यशवंत को ही उतारा है। यहां मुकाबले को कांग्रेस की ओमवती ने तिकोना बना दिया है।

अलीगढ़ : अलीगढ़ से भाजपा के सांसद सतीश गौतम को चुनौती देने के लिए कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। गठबंधन से डा. अजीत बालियान उम्मीदवार हैं। कांग्रेस के बिजेद्र सिंह और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से दीपक चौधरी मैदान में हैं।

आगरा: आगरा सुरक्षित सीट से भाजपा ने सांसद रामशंकर कठेरिया के स्थान पर पशु धन मंत्री एसपी सिंह बघेल को उतारा है। बसपा ने मनोज कुमार सोनी और कांग्रेस ने प्रीता हरीत को मैदान में उतारकर भाजपा का वर्चस्व तोड़ने की कोशिश की है।

मथुरा : मथुरा सीट पर हेमा मालिनी अपनी सीट बचाने के लिए मैदान में है। गठबंधन चुनौती बना है। रालोद के खाते में गई इस सीट से कुंवर नरेंद्र सिंह उम्मीदवार हैं और कांग्रेस से महेश पाठक मैदान में हैं।

फतेहपुर सीकरी : फतेहपुर सीकरी सीट पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर मैदान में हैं। वहीं भाजपा ने सांसद बाबूलाल का टिकट काट नए चेहरे राजकुमार चाहर को उतारा है। बसपा ने पूर्व विधायक श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित को टिकट दिया है।

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बुलंदशहर : बुलंदशहर सीट से भाजपा ने सांसद भोला सिंह, गठबंधन से बसपा ने योगेश वर्मा व कांग्रेस ने बंशी सिंह पहाड़िया को मैदान में उतार कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

अमरोहा : अमरोहा से भाजपा ने सांसद कुंवर सिंह तंवर पर ही विश्वास जताया है, गठबंधन की ओर से बसपा के कुंवर दानिश अली मैदान में हैं। कांग्रेस ने सचिन चौधरी और शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने मतलूब अहमद को उतारा है।

हाथरस : हाथरस से इस बार भाजपा ने सांसद राजेश कुमार दिवाकर के स्थान पर राजवीर दिलेर को प्रत्याशी बनाया है जबकि गठबंधन में सपा के रामजी लाल सुमन और कांग्रेस के त्रिलोकी राम समेत सात उम्मीदवार चुनौती बने हुए हैं।

बिहार ( 5/40 )
बिहार में पूरे देश की निगाह है। यहां की राजनीति ही ऐसी है। दूसरे चरण में सबसे बड़ा इम्तिहान नीतीश कुमार का ही है। दूसरे चरण में बिहार की पांच सीटों पर वोट पड़ेंगे। इस दौरे के पांच संसदीय क्षेत्रों (भागलपुरबांका, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार) में से चार अभी विपक्षी महागठबंधन के पाले में हैं। पूर्णिया राजग के खाते में है। 2014 में भाजपा और जदयू एक साथ नहीं थे। लेकिन इस बार समीकरण बदले हुए हैं। बांका से वर्तमान सांसद राजद के जय प्रकाश नारायण यादव हैं। वह पिछली बार मात्र पांच हजार वोटों से जीते थे। भागलपुर की सीट भी राजद के पास है। यहां से जदयू के अजय कुमार मंडल राजग के प्रत्याशी हैं। इसी तरह पूर्णिया की सीट जदयू के संतोष कुमार कुशवाहा के पास है। वह इस बार भी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार कटिहार से राकांपा के तारिक अनवर जीते थे। इस बार भी वह मैदान में हैं, लेकिन कांग्रेस के टिकट पर। राजग की तरफ से इस बार जदयू के दुलाल चंद्र गोस्वामी खम ठोक रहे हैं। किशनगंज से राजग के उम्मीदवार जदयू के सैयद महमूद अशरफ हैं।

पश्चिम बंगाल ( 3/42 )
दार्जिलिंगजलपाईगुड़ी व रायगंज में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल और माकपा के बीच तिकोना मुकाबला है।

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र में पहाड़ और मैदानी दोनों इलाके आते हैं। इसलिए यहां की समस्याएं भी अन्य संसदीय क्षेत्रों की तुलना में अलग हैं। पहाड़ में जहां गोरखाओं की अस्मिता का मुख्य मुद्दा है वहीं चाय बागानों की खस्ता हालत और वहां काम करने वाले श्रमिकों की दयनीय हालत भी चुनावी मुद्दा है। एनआरसी का मुद्दा भी प्रमुख है। इस सीट पर भाजपा का दस साल से कब्जा है।

जलपाईगुड़ी : यहां बंद चाय बागान, इसमें काम करने वाले श्रमिकों की समस्याएं ही प्रमुख मु़द्दों में शामिल हैं। टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) के टिकट पर 2014 के चुनाव में यहां से विजय चंद्र बर्मन विजयी हुए थे। सीपीएम दूसरे नंबर पर व भाजपा तीसर नंबर पर रही। विजय चंद्र बर्मन फिर तृणमूल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने डां जयंत राय को प्रत्याशी बनाया है।

रायगंज : 2014 के चुनाव में माकपा प्रत्याशी मोहम्मद सलीम ने कांग्रेस के दीपादास मुशी को हराया था। इस बार भी दोनों मैदान में हैं। इसके अलावा तृणमूल से कन्हैया लाल अग्रवाल व भाजपा से देवाश्री चौधरी उम्मीदवार हैं। भाजपा प्रत्याशी देवाश्री चौधरी का मुद्दा सबका साथ सबका विकास के अलावा बेरोजगार युवकों व किसानों के हित में कार्य करने का है। यहां पर माकपा, कांग्रेस, तृणमूल व भाजपा के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला है।

जम्मू-कश्मीर ( 2/6 )
जम्मू संभाग की संसदीय सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच गढ़ बचाने के लिए टक्कर है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू संभाग की ऊधमपुर-डोडा और कश्मीर संभाग में श्रीनगर-बडगाम संसदीय सीट पर चुनाव है। श्रीनगर-बडगाम सीट सूबे से लेकर दिल्ली तक की सियासत को प्रभावित करते हुए प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से भारत-पाक संबंधों को भी तय करने में अहम भूमिका निभाता है। ऊधमपुर-डोडा सीट पर 2014 के चुनाव में गुलाम नबी आजाद को हराकर सांसद बने प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह जीत दोहराने के लिए मैदान में हैं। कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह डॉ. कर्ण सिंह के पुत्र हैं। इस सीट से भाग्य आजमा रहे दो बार कांग्रेस के सांसद रहे चौधरी लाल सिंह और तीन बार रामनगर के विधायक रहे हर्षदेव सिंह भी चुनौती बढ़ा रहे हैं। वहीं, श्रीनगर-बडगाम सीट पर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला मैदान में हैं। 2014 के चुनावों में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के तारिक हमीद करा ने इसी सीट पर उन्हें हराकर नेकां की सियासत की चूलें हिला दी थीं।

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छत्तीसगढ़ ( 3/11 )
नक्सली खतरे के बीच भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। भाजपा को अपनी तीन सीटों की हिफाजत करनी है।

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नईदुनिया, रायपुर : छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण में शामिल तीनों सीटों कांकेर, राजनांदगांवमहासमुंद के चुनाव पर नक्सली खौफ का साया है। भाजपा विधायक की नक्सली हमले में हत्या व चार जवानों के शहीद होने की घटना के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। तीनों सीटें भाजपा के कब्जे में हैं।

कांकेर : आदिवासी आरक्षित इस सीट पर कोंडागांव, धमतरी और बलोद जिले की भी विधानसभा की सीटें शामिल हैं। बीते तीन आम चुनाव से कांग्रेस यहां जीत के लिए तरस रही है। पार्टी ने इस बार बीरेश ठाकुर को मैदान में उतारा है। आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ते रहे हैं। भाजपा ने मोहन मंडावी को टिकट दिया है।

महासमुंद : कांग्रेस ने इस सीट से लगातार दूसरी बार अभनपुर से विधायक चुने गए धनेंद्र साहू को टिकट दिया है। साहू पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व अविभाजित मध्य प्रदेश से लेकर राज्य की पहली सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इस बार मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज थे। उधर, भाजपा ने यहां से चुन्नीलाल साहू को टिकट दिया है। साहू पार्टी के पूर्व विधायक हैं। बसपा के टिकट पर यहां से धानसिंह कोसरिया भाग्य आजमा रहे हैं।

राजनांदगांव : पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र भी यही है। इस सीट पर सबकी निगाहें रहेंगी। कांग्रेस ने यहां से अपने पूर्व विधायक भोलाराम साहू को टिकट दिया। साहू 2013 में खुज्जी सीट से विधायक चुने गए थे। 2018 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। वहीं भाजपा ने रमन के सांसद पुत्र अभिषेक सिंह का टिकट काटकर संतोष पाण्डेय के रूप में नए चेहरे पर दांव लगाया है।

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ओडिशा ( 5/21 )
कंधमाल, बलांगीर, बरगढ़, सुंदरगढ़ और आस्का पर वोट पड़ेंगे। भाजपा की ओर से कंधमाल में खारवेल स्वांई है।

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जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : पांचों सीटों पर बीजद और भाजपा की लड़ाई को कांग्रेस व वामदल त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में हैं। सुंदरगढ़ सीट की बात करें तो यहां भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम को बीजद के टिकट पर कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हेमानंद बिश्वाल की बेटी सुनीता तथा कांग्रेस के टिकट पर आदिवासी नेता व बीरमित्रपुर विधायक जार्ज तिर्की टक्कर दे रहे हैं। बलांगीर में लड़ाई भाभी और देवर की है। भाजपा की संगीता कुमारी सिंहदेव बीजद के कलिकेश नारायण सिंह की भाभी लगती हैं। कलिकेश ने पिछली बार जीत हासिल की थी तो संगीता 1999, 2000 तथा 2004 में लोकसभा का चुनाव जीत चुकी हैं। 65 करोड़ की मालकिन संगीता राज्य की सबसे अमीर प्रत्याशियों में शामिल हैं। वह प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष कनकवधर्न सिंहदेव की धर्मपत्नी हैं। कांग्रेस ने समरेंद्र मिश्र को टिकट दिया है जो इंग्लैंड में एमबीएम कर भारत लौटे हैं और राजनीति में दांव आजमा रहे हैं। कंधमाल से बीजद ने अपने राज्यसभा सदस्य अच्युतानंद सामंत को मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा ने बीजद के पूर्व नेता खारवेल स्वांई के भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें यहां से पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के टिकट पर मनोज आचार्य मैदान में हैं। मुकाबला कड़ा है।

असम की पांच सीटें : करीमगंज, सिलचर, मंगलाडोई, ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट, नौगांव।
कर्नाटक की 14 सीटें : उदुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्गा, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु मध्य, बेंगलुरु दक्षिण, चिक्काबल्लापुर, कोलार।
महाराष्ट्र की 10 सीटें : बुलढाना, अकोला, अमरावती, हिंगोली, नांदेड़, परभणी, बीड, उस्मानाबाद, लातूर, सोलापुर।
मणिपुर की एक : आंतरिक मणिपुर ’ त्रिपुरा : त्रिपुरा पश्चिम ’ पुडुचेरी : पुडुचेरी
तमिलनाडु की 38 सीटें : तिरुवल्लूर, चेन्नई नॉर्थ, चेन्नई साउथ, चेन्नई सेंट्रल, श्रीपेरंबदुर, कांचीपुरम, अराकोनम, कृष्णागिरी, धर्मपुरी, तिरुवन्नामलाई, अरानी, विलुपुरम, कल्लाकुरिची, सलेम, नमक्कल, इरोड, तिरुप्पुर, नीलगिरी, कोयम्बटूर,पोलाची, डिंडीगुल, करुर, तिरुचिरापल्ली, पेरांबलूर, कुडालोर, चिदंबरम, मायिलादुथराई,नागापट्टिनम, थंजावुर, शिवगंगा, मदुरई, थेनी, विरुधुनगर, रमनाथापुरम, थूथूकुडी, टेनकासी, तिरुनेलवेली, कन्याकुमारी। एक सीट वेल्लोर पर मतदान स्थगित कर दिया गया है।

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