वाजपेयी की विरासत से आस संजोए बैठा है कुमारकोम, जानें केरल की इस पर्यटन नगरी में क्या हैं असल मुद्दे
अटल बिहारी वाजपेयी के एक चर्चित चिंतन प्रवास का गवाह रहे खूबसूरत पर्यटक नगरी कुमारकोम को भी कोविड-19 महामारी की नजर लग गई है। जानें झील और बैक वाटर्स के साथ अपने मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य से जुड़ी इस नगरी में क्या हैं असल मुद्दे...
संजय मिश्र [केरल से लौटकर]। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के एक चर्चित चिंतन प्रवास का गवाह रहे खूबसूरत पर्यटक नगरी कुमारकोम को भी कोविड-19 महामारी की नजर लग गई है। शायद इसीलिए झील और बैक वाटर्स के साथ अपने मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य के सहारे हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने वाले कुमारकोम में कोविड की चुनौती की चर्चा ज्यादा है और केरल की चुनावी गरमी की बहस कम है। सरकार कोई भी बने इस नगरी को इंतजार है कि कोविड जाए और पर्यटक आएं।
होटलों के कमरे खाली
पांच सितारा लेक रिसोर्ट से लेकर दर्जनों छोटे-बड़े होटलों के अधिकांश कमरे खाली पड़े हैं। अपने नाव पर पांच सौ रुपये में ही दो घंटे बैक वाटर्स की पूरी सैर कराने का प्रस्ताव देते हुए एक ऐसे ही नाविक श्रीजित कहते हैं कि पर्यटकों का ऐसा सूखा यहां कभी नहीं रहा और वाजपेयी से हासिल प्रसिद्धि के बाद तो होटल से लेकर हर सुविधा बिना एडवांस बुकिंग के जुटाना आसान नहीं था। मगर अभी आधे डिस्काउंट ऑफर के बाद भी होटल से लेकर हाउस बोट के कमरे खाली ही हैं।
पूर्व पीएम वाजपेयी से जुड़ी है याद
यहां के सबसे प्रसिद्ध ताज कुमारकोम रिसोर्ट एंड स्पा के सेल्स एंड फ्रंट आफिस मैनेजर नोएल जैकब के अनुसार बीच में जब कोविड की गति काबू में थी तो लोगों ने छुट्टियों के लिए आना शुरू किया था लेकिन अभी इसमें काफी गिरावट आ गई है। नोएल उस समय भी इस होटल में ही थे जब पूर्व पीएम वाजपेयी दिसंबर 2000 में पहली बार यहां छुट्टी बिताने आए थे।
इन मुद्दों के हल की बात की थी वाजपेयी ने
इस रिसार्ट में ही वाजपेयी ने अपना एक प्रसिद्ध चिंतन लेख भी लिखा था जिसमें उन्होंने विरासत की समस्याओं के समाधान पर अपना नजरिया जाहिर करते हुए विशेष रूप से दो मसलों अयोध्या में राम मंदिर विवाद और जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ टकराव का जल्द हल निकाले जाने की बात कही थी। वाजपेयी ने जिस टेबल कुर्सी पर बैठकर यह चिंतन लेख लिखा था उसे ताज ने अपनी विरासत के हिस्से के तौर पर सहेज कर रखा हुआ है।
बड़ी हस्तियों के लिए पसंदीदा जगह
वाजपेयी के इस चिंतन प्रवास के बाद तो कुमारकोम जैसे देश-दुनिया की बड़ी हस्तियों के लिए अवकाश का पसंदीदा जगह बन गया। नोएल कहते हैं कि वाजपेयी के बाद इस रिसार्ट में तो श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल विक्रम सिंघे पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उद्योगपति कुमारमंगलम बिड़ला, इंदिरा नूई, शेखर कपूर, रजनीकांत सरीखे कई नामी गिरामी हस्तियां यहां छुटटी बिताने आ चुके हैं। उनके मुताबिक वाजपेयी के आने के कुछ ही समय बाद तब भारत दौरे पर आई पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कुछ खिलाड़ी, जिसमें वसीम अकरम भी शामिल थे इस रिसोर्ट में छुट्टी बिताने आए थे।
उम्मीदों के सहारे लोग
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी कुमारकोम में परिवार के साथ प्रवास पर आ चुके हैं। हालांकि राहुल और प्रियंका ने विश्राम के लिए एक दूसरे रिसार्ट को चुना था। पर्यटकों और बड़ी हस्तियों के देर-सबेर फिर से यहां आने की उम्मीद जाहिर करते हुए नोएल जैकब कहते हैं कि इसमें कोई संदेह नहीं कि कुमारकोम के पर्यटन की सबसे बड़ी विरासत वाजपेयी का प्रवास है और जब कोविड की गति रुकेगी तो यहां पर्यटन को ट्रैक पर लौटने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।