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केरल में आनलाइन दुष्प्रचार, डर से प्रत्याशी खामोश, इंटरनेट मीडिया पर चल रहे आक्रामक अभियान

Kerala Assembly Election 2021 केरल विधानसभा चुनाव में कई प्रत्याशियों के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर आक्रामक आनलाइन दुष्प्रचार की खबरें सामने आई हैं। फेक प्रोफाइल और कुछ नए प्रोफाइल बनाकर इस अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 12:51 AM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 12:51 AM (IST)
केरल में आनलाइन दुष्प्रचार, डर से प्रत्याशी खामोश, इंटरनेट मीडिया पर चल रहे आक्रामक अभियान
केरल विधानसभा चुनाव में कई प्रत्याशियों के खिलाफ आक्रामक आनलाइन दुष्प्रचार की खबरें सामने आई हैं।

कोझिकोड, जेएनएन। केरल विधानसभा चुनाव में कई प्रत्याशियों के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर आक्रामक आनलाइन दुष्प्रचार की खबरें सामने आई हैं। माना जा रहा है कि चुनाव में प्रत्याशियों के चयन में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद इसका एक बड़ा कारण है। पहले से ही मौजूद कई फेक प्रोफाइल के अलावा फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर कुछ नए प्रोफाइल बनाकर प्रत्याशियों के खिलाफ दुष्प्रचार के इस अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है।

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कार्रवाई से बच रही पुलिस

खास बात यह है कि कुछ प्रोफाइल राज्य के कुछ राजनीतिक दलों के सदस्यों के प्रोफाइल से मेल खाते हैं, लेकिन पुलिस अभी तक इस मामले में कुछ खास कार्रवाई नहीं कर सकी है। प्रत्याशी भी इस मामले में पुलिस से लिखित शिकायत करने से बच रहे हैं ताकि उनके खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर हमला और तेज न हो जाए।

सीएम के खिलाफ लड़ रही प्रत्याशी भी शिकार

इस आनलाइन दुष्प्रचार की शिकार केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन के खिलाफ चुनाव लड़ रही प्रत्याशी भी हैं। हालांकि उनके खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले फेक प्रोफाइल सीपीआई (एम) पार्टी के कार्यकर्ताओं जैसे लग रहे हैं, लेकिन ये प्रोफाइल बनाने वालों का पता लगाने के लिए अभी खास प्रयास नहीं किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, इन फेक प्रोफाइल के जरिए इस महिला प्रत्याशी पर मुख्यमंत्री के खिलाफ नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है।

फेसबुक, इंस्टाग्राम के साथ व्हाट्सएप संदेश भी शामिल

इसी तरह रिवोल्यूशनरी मार्कसि‍स्‍ट पार्टी आफ इंडिया की प्रत्याशी रीमा के खिलाफ भी इंटरनेट मीडिया पर ऐसा ही दुष्प्रचार अभियान छेड़ा गया है। हालांकि रीमा ने अभी तक पुलिस से इसकी शिकायत नहीं की है, लेकिन उनकी पार्टी इस मसले पर कानूनी राह लेने पर विचार कर रही है। इस अभियान में व्हाट्सएप संदेशों की भी मदद ली जा रही है।

आक्रामक दुष्प्रचार का डर

एक प्रत्याशी की प्रचार टीम के सदस्य का कहना है कि अधिक आक्रामक दुष्प्रचार के डर से अधिकांश प्रत्याशी शांत हैं और पुलिस भी कड़ी कार्रवाई नहीं कर रही है। इसका एक कारण किसी भी प्रत्याशी की तरफ से अभी तक पुलिस को कोई लिखित शिकायत न होना भी है। 


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