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केरल में केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ न्यायिक जांच दुर्भाग्यपूर्ण : राजनाथ सिंह

तस्करी के मामलों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा मुझे यह मालूम चला कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच कर रहा है और फिर केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ एक न्यायिक आयोग नियुक्त किया गया। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 04:58 PM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 04:58 PM (IST)
केरल में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में राजनाथ सिंह

 तिरुअनंतपुरम, एजेंसियां। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सोने और डॉलर की तस्करी मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) समेत केंद्रीय जांच एजेंसियों के खिलाफ न्यायिक जांच की सिफारिश करने का केरल सरकार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है और यह एक तरह से संविधान की संघीय व्यवस्था को चुनौती देना है। 

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केरल में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा-राजग उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे राजनाथ ने यहां कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) सभी समुदायों को भरोसे में लेने के बाद ही लागू की जाएगी। भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में यूसीसी का जिक्र किया है। सिंह ने रविवार को यहां पत्रकारों से कहा, 'हम सभी समुदायों को विश्वास में लेंगे और फिर आगे बढ़ेंगे। हम इस फैसले पर अडिग हैं।' 

रक्षा मंत्री ने कहा-ऐसा करना संविधान की संघीय व्यवस्था को चुनौती देना है

ईंधन की कीमतें बढ़ने पर उन्होंने कहा कि केंद्र ने सभी राज्यों से पेट्रोल पर राज्य शुल्ककम करने का अनुरोध किया था। तस्करी के मामलों पर उन्होंने कहा, 'मुझे यह मालूम चला कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच कर रहा है और फिर केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ एक न्यायिक आयोग नियुक्त किया गया। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसका मतलब है कि राज्य सरकार संविधान की संघीय व्यवस्था को चुनौती दे रही है। यह 100 प्रतिशत संविधान के खिलाफ है।' 

माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार ने हाल ही में ईडी समेत केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ न्यायिक जांच का आदेश देने का फैसला किया। उसने सोना तस्करी और डॉलर घोटाले में कथित तौर पर 'जांच को भटकाने' की बात कहकर यह आदेश दिया। इससे कुछ दिन पहले केरल अपराध शाखा ने कुछ ईडी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। सत्तारूढ़ माकपा नीत एलडीएफ और विपक्षी दल कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि 100 प्रतिशत साक्षरता के बावजूद केरल विभिन्न क्षेत्रों में अन्य राज्यों से पीछे है। 

उन्होंने कहा, 'इसकी मुख्य वजह है कि आजादी के सात दशकों बाद भी राज्य एलडीएफ और यूडीएफ के चंगुल से बाहर नहीं आ सका है। राज्य को नए राजनीतिक विकल्प की जरूरत है और केवल भाजपा यह दे सकती है। यूडीएफ और एलडीएफ मैत्री मैच खेल रहे हैं। यूडीएफ या एलडीएफ में से कोई भी जीते लेकिन अंत में केरल के लोगों की हार ही होती है। केरल में कांग्रेस और कम्युनिस्ट एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन दो हजार किलोमीटर दूर वे हमसे एक साथ लड़ रहे हैं।' 

सिंह ने कहा कि दोनों मोर्चे झूठे वादे कर रहे हैं और वे केरल के लोगों की आकांक्षाओं को समझने में नाकाम रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि वह हमेशा दिल्ली में मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय बनाने का आश्वासन देते हैं। संभवत: उन्हें नहीं मालूम कि मोदी जी ने 2019 में ही एकऐसा मंत्रालय बना दिया था। राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी वादा करती है कि वह राज्य में सत्तारूढ़ होने पर सबरीमाला मंदिर की परंपराओं और नियमों का पालन करने के लिए एक कानून लाएगी। 


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