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प्रधानमंत्री मोदी की 17 रैलियों में पूरा कर्नाटक समेटने की तैयारी

भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से 150 पर जीत का लक्ष्य निर्धारित किया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 30 Apr 2018 06:25 PM (IST)Updated: Tue, 01 May 2018 07:35 AM (IST)
प्रधानमंत्री मोदी की 17 रैलियों में पूरा कर्नाटक समेटने की तैयारी
प्रधानमंत्री मोदी की 17 रैलियों में पूरा कर्नाटक समेटने की तैयारी

ओमप्रकाश तिवारी, बेंगलुरु। भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से 150 पर जीत का लक्ष्य निर्धारित किया है। इतनी सीटों का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 17 रैलियों की योजना बहुत सोचसमझ कर तैयार की गई है।

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-एक मई को तीन रैलियां करेंगे प्रधानमंत्री

चुनाव घोषित होने के बाद पहली बार एक मई को प्रधानमंत्री की तीन रैलियां होने जा रही हैं। इनमें से एक रैली मध्य कर्नाटक में, दूसरी दक्षिण क्षेत्र एवं तीसरी हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में होगी। मध्य कर्नाटक के चामराज नगर जनपद में भाजपा हमेशा से कमजोर रही है। एससी/एसटी बहुल यह क्षेत्र चंदन तस्कर वीरप्पन के प्रभाव वाले कोल्लेगाल वन से सटा हुआ है। इसी क्षेत्र के दलित नेता श्रीनिवास प्रसाद राज्य की कांग्रेस सरकार से काबीना मंत्री पद से हटाए जाने के बाद भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

उन्होंने घोषणा की है कि वह चुनाव तो नहीं लड़ेंगे, लेकिन इस क्षेत्र से कांग्रेस को उखाड़ फेकेंगे। बता दें कि श्रीनिवास प्रसाद अटल की राजग सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। इसी क्षेत्र से मोदी की चुनावी रैलियों की शुरुआत कर भाजपा पूरे कर्नाटक के 16 फीसद दलितों में सेंध लगाने की तैयारी कर चुकी है।

मोदी की रैली दक्षिण के उडुपी में पहले दिन और मंगलुरु में आठ मई को होनी है। ये दोनों क्षेत्र सांप्रदायिक दृष्टि से अति संवेदनशील माने जाते हैं। इस क्षेत्र में पिछड़े वर्ग की संख्या अधिक है। साथ ही मुस्लिम एवं ईसाई आबादी जीत-हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यहां कांग्रेस और भाजपा की प्रतिद्वंद्विता पिछले कई चुनावों से रही है।

पिछले दो वर्षो में भाजपा, संघ एवं अन्य हिंदू संगठनों के करीब 25 कार्यकर्ताओं की जघन्य हत्याएं इसी क्षेत्र में हुई हैं। मारे गए ज्यादातर कार्यकर्ता पिछड़े समुदाय के थे। इस क्षेत्र में भाजपा एवं कांग्रेस की जीतहार का अंतर कम रहा है। भाजपा को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री की रैली से क्षेत्र में भाजपा को निर्णायक बढ़त मिल सकती है।

हैदराबद-कर्नाटक क्षेत्र की पहली रैली चिक्कोडी में एक मई को, दूसरी और तीसरी रैली तीन मई को कलबुर्गी और बेल्लारी में, चौथी रैली सात मई को रायचूर में और पांचवीं रैली विजयपुरा में आठ मई को होनी है। हैदराबाद-कर्नाटक में प्रधानमंत्री की इतनी रैलियां करवाकर भाजपा लिंगायत समुदाय के बीच पैठ मजबूत करने में कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहती।

छह महीने पहले मुख्यमंत्री सिद्दरमैया के मंत्रिमंडल ने लिंगायत समुदाय को हिंदू धर्म से अलग करवाने की मांग उठाई। और एक समिति बनाकर उसकी रिपोर्ट लागू करने की सिफारिश केंद्र सरकार के पास भेज दी। जाहिर है, मोदी अपनी रैलियों में लिंगायत विभाजन की इस राजनीति पर प्रहार करेंगे। जिसका प्रभाव उनके बगल में खड़े येद्दयुरप्पा के लिंगायत समुदाय पर अवश्य पड़ेगा।

मध्य कर्नाटक के चामराज नगर, तुमकूर, चित्रदुर्ग, मंड्या, कोलार एवं बेंगलुरु वोक्कालिंगा समुदाय के गढ़ माने जाते हैं। इन क्षेत्रों में बेंगलुरु को छोड़कर भाजपा अपेक्षाकृत कमजोर रही है। दूसरी ओर इस क्षेत्र में टकराव कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के बीच होता रहा है। भाजपा इस क्षेत्र में कांग्रेस एवं जनता दल (एस) के बीच पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। उसे उम्मीद है कि मोदी की रैलियां यदि उसके वोटबैंक में कुछ फीसद भी बढ़ोतरी कर सकीं, तो त्रिकोणीय संघर्ष में उसे कुछ सीटों का फायदा हो सकता है।


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