Move to Jagran APP

कर्नाटक का रण: सरकार बनाने को लेकर फंसा पेंच, जानिए- क्या है संभावित सियासी समीकरण

कांग्रेस इस तरह पिछड़ी कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के मिशन में उसने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल (एस) को सरकार बनाने के लिए समर्थन का एलान कर दिया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 15 May 2018 08:04 PM (IST)Updated: Wed, 16 May 2018 10:59 AM (IST)
कर्नाटक का रण: सरकार बनाने को लेकर फंसा पेंच, जानिए- क्या है संभावित सियासी समीकरण
कर्नाटक का रण: सरकार बनाने को लेकर फंसा पेंच, जानिए- क्या है संभावित सियासी समीकरण

बेंगलुरु, प्रेट्र/आइएएनएस। कर्नाटक से होकर दक्षिणी राज्यों में सत्ता का विजयरथ दौड़ाने के लिए जोर लगा रही भाजपा 'प्रवेश द्वार' पर पहुंच गई है। राज्य विधानसभा चुनाव के मंगलवार को घोषित नतीजों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि, वह बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल नहीं कर सकी। अब तक के नतीजों में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78, जदएस को 38 और अन्य को दो सीटें मिली हैं।

loksabha election banner

प्रदेश की सत्ता की दौड़ में पिछड़ी कांग्रेस ने भाजपा को सरकार बनाने से दूर रखने के मिशन में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जदएस को समर्थन का एलान कर दिया और देवगौड़ा के पुत्र एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया। इसे जदएस ने बिना देर किए स्वीकार कर लिया। कुमारस्वामी ने तत्परता दिखाते हुए राज्यपाल वजूभाई वाला को पत्र लिखकर सूचित किया कि उन्होंने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का समर्थन स्वीकार कर लिया है।

बाद में वह कांग्रेसी नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने भी पहुंचे। लेकिन दोनों पार्टियों के मिलकर सरकार बनाने की तैयारी में पेंच फंस गया। कांग्रेस के कुछ लिंगायत विधायकों ने कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने का विरोध कर दिया है। खबर यह भी आ रही है कि कांग्रेस अपने विधायकों को पार्टी छोड़ने के डर से आंध्र प्रदेश या पंजाब भेजने की योजना बना रही है।दूसरी ओर, भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येद्दयुरप्पा भी सरकार बनाने दावा करने शाम को राज्यपाल से मिलने पहुंचे। उनका कहना है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का पहला मौका भाजपा को मिले।

पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने स्थिति संभालने के लिए दिल्ली से तीन वरिष्ठ नेताओं को बेंगलुरु भेजा है। इस तरह अब सबकी नजरें राज्यपाल के रुख पर हैं। सूत्रों ने बताया है कि राज्यपाल आधिकारिक तौर पर पूरे नतीजे घोषित होने के बाद ही कोई अगला कदम उठाएंगे।
10 मंत्री हारे
 निवर्तमान मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था। वह बादामी सीट से तो जीत गए, लेकिन अपनी परंपरागत सीट चामुंडेश्वरी भारी अंतर से हार गए। इसी तरह उनके करीबी सहयोगी एचसी महादेवप्पा भी नरसीपुरा से हार गए। दोनों को जदएस के प्रत्याशियों ने पराजित किया। चुनाव हारने वाले आठ अन्य मंत्रियों में रामनाथ राय, एच. अंजनेया, डॉ. शरन प्रकाश रुद्रप्पा पाटिल, एसएस मल्लिकार्जुन, कागोदू थिमप्पा, बसवराज रायरेड्डी, रुद्रप्पा लमानी और प्रमोद मध्वराज शामिल हैं। इन सभी को भाजपा उम्मीदवारों ने शिकस्त दी।

विभाजनकारी जातिवाद खारिज

-बाकी देश की तरह कर्नाटक की महान भूमि ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ, पारदर्शी और विकासोन्मुख शासन पर दृढ़ विश्वास व्यक्त किया है। इस जनादेश से साफ है कि कर्नाटक ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार, वंशवादी राजनीति और विभाजनकारी जातिवाद को खारिज कर दिया है।- अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष

विकास के एजेंडे को मिला समर्थन
-भाजपा के विकास के एजेंडे को लगातार समर्थन देने और भाजपा को राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनाने के लिए मैं कर्नाटक के बहनों और भाइयों को धन्यवाद देता हूं।- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

कांग्रेस को वोट देने वालों को धन्यवाद
-इन चुनावों में जिन्होंने भी कांग्रेस को वोट दिया, उन सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद। हम आपके समर्थन की सराहना करते हैं और हम आपके लिए लड़ेंगे।- राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष

कर्नाटक विधानसभा : दलीय स्थिति

कुल सीटें : 224

चुनाव हुए : 222

बहुमत का अांकड़ा : 112

भाजपा : 104

कांग्रेस : 78

जदएस + : 38

अन्य : 02 

 सरकार गठन का संभावित गणित :

कांग्रेस + जदएस+ : 116

भाजपा : 104 (8 की जरूरत, कहां से आएंगे स्थिति स्पष्ट नहीं)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.