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Jharkhand Election Result 2019: 65 पार का था नारा, महज 25 सीटों पर सिमटी भाजपा; अब विपक्ष में बैठेगी

Jharkhand Election Result 2019 छह माह पूर्व हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा को 57 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली थी। इस बार सबसे बड़े दल के रूप में भाजपा नहीं उभर सकी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 08:51 PM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 08:51 PM (IST)
Jharkhand Election Result 2019: 65 पार का था नारा, महज 25 सीटों पर सिमटी भाजपा; अब विपक्ष में बैठेगी
Jharkhand Election Result 2019: 65 पार का था नारा, महज 25 सीटों पर सिमटी भाजपा; अब विपक्ष में बैठेगी

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा 65 प्लस के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरी भाजपा को जनता ने विपक्ष में बैठने का जनादेश सुना दिया। यह भी महज संयोग है कि 2014 में उसे जितनी सीटें मिली थीं, उसका करीब 65 प्रतिशत ही हासिल हुआ। पिछले चुनाव में भाजपा को 37 सीटें हासिल हुईं थी, लेकिन इस बार भाजपा 30 तक भी नहीं पहुंच सकी। वहीं भाजपा को पीछे छोड़कर झामुमो सबसे बड़े दल के रूप में उभरा।

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करीब छह माह पूर्व हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 14 में से 12 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 57 और उसकी तत्कालीन सहयोगी आजसू को छह सीटों पर बढ़त हासिल हुई थी। इसी को आधार बना भाजपा ने 65 प्लस का लक्ष्य निर्धारित किया था,  लेकिन भाजपा लोकसभा चुनाव की इस बढ़त को कायम नहीं रख सकी।

50 लाख सदस्यों का दावा करने वाली भाजपा लोकसभा चुनाव के सापेक्ष 50 प्रतिशत सीटों पर भी जीत हासिल नहीं हुई। संगठन के स्तर पर भाजपा की तमाम कवायद को भी इस बार के चुनाव परिणाम ने बड़ा झटका दिया है। भाजपा ने 29,500 बूथों में से करीब 27 हजार बूथ पर अपनी सशक्त बूथ कमेटियों का गठन किया था। सभी बूथों पर पन्ना प्रमुख भी बनाए गए थे। विधानसभावार विधानसभा कोर कमेटियों का भी गठन किया गया था लेकिन परिणाम बता रहे हैं कि भाजपा की तमाम प्रयास कागजों पर अधिक थे।  

रघुवर के नेतृत्व को जनता ने दोबारा किया खारिज, खुद भी हारे 

झारखंड की जनता ने रघुवर दास के नेतृत्व को एक बार फिर खारिज कर दिया है। रघुवर खुद भी चुनाव हार गए। 2009 में रघुवर दास प्रदेश अध्यक्ष थे और उन्हीं के नेतृत्व में भाजपा ने चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में भाजपा की सीटों की संख्या 30 से घटकर 18 पर आ गई थी। दस साल बाद हुए विधानसभा चुनाव भी रघुवर दास के नेतृत्व में लड़ा गया। सत्ता और संगठन दोनों की कमान दोनों ही उनके हाथों में थी। इस चुनाव में भाजपा महज 25 के करीब दिख रही है। जबकि पिछले चुनाव में उसकी सीटों की संख्या 37 थीं। यह भी महज संयोग है रघुवर के नेतृत्व में लड़े गए दोनों चुनावों में भाजपा को 12 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। रघुवर ने भाजपा की हार की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली है।


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