Jharkhand Assembly Election 2019: भाजपा को वर्चस्व बचाने, तो कांग्रेस को खाता खोलने की चुनौती Ground Report
Jharkhand Assembly Election 2019 दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में वर्तमान में पंद्रह में दस सीटों पर भाजपा का कब्जा है। आजसू व झाविमो ने यहां क्रमश दो और एक सीट जीती थीं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में भाजपा को वर्चस्व बचाने की चुनौती है, तो पिछले विधानसभा चुनाव में शून्य पर आउट होने वाली कांग्रेस को इस बार अलग हटकर इस प्रमंडल में खाता खोलने (हालांकि, उपचुनाव में कोलेबिरा सीट पर पार्टी की जीत हुई है) की। इस प्रमंडल में दो सीटें लाने के बावजूद बाद में अलग-अलग कारणों से सीटें खोने वाली आजसू को यहां इस बार नए सिरे से खाता खोलना है। एक सीट पर जीत के बावजूद पाला बदल के शिकार झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के साथ भी कमोबेश यही स्थिति है।
15 विधानसभा सीटों वाले इस प्रमंडल में फिलहाल भाजपा काफी सशक्त नजर आ रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने यहां से आठ सीटों पर जीत हासिल की थी। नेताओं के पाला बदलने के बाद पार्टी यहां और मजबूत हुई है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो पंद्रह सीटों में से दस सीटों पर इस पार्टी का कब्जा है। इनमें रांची, खूंटी, खिजरी, कांके, मांडर, सिसई, गुमला, सिमडेगा के अलावा हटिया और लोहरदगा सीटें शामिल हैं। इससे इन सीटों को बचाने की चुनौती भाजपा के पास है।
हालांकि, इस चरण में कई ईसाई बहुल सीटें भी हैं। इन सीटों पर भाजपा को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। पिछले विधानसभा चुनाव में इस प्रमंडल में कांग्रेस का खाता नहीं खुला था। हालांकि, कोलेबिरा में हुए उपचुनाव में कांग्रेस को एक सीट मिल गई। ऐसे में कांग्रेस की चुनौती खाता खोलने की है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को पिछले चुनाव में तीन सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
तमाड़ के विधायक विकास मुंडा के झामुमो में शामिल होने से इसकी वर्तमान सीटें बढ़कर चार हो गई हैं। दूसरी तरफ, इस प्रमंडल की दो सीटों लोहरदगा और तमाड़ में जीत हासिल करने वाली आजसू पार्टी दोनों सीटें नहीं रख सकी। यही हाल झाविमो के साथ हुआ। इस प्रमंडल में एकमात्र सीट हटिया जीतने वाली इस पार्टी के हाथ से यह सीट उस समय निकल गई, जब पार्टी के छह विधायक एक साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में चले गए।
तीन चरणों में होगा चुनाव
दक्षिणी छोटानागपुर की विधानसभा सीटों की बात करें, तो यहां की तीन विस सीटों पर पहले चरण में मतदान होना है। इनमें गुमला, विशुनपुर तथा लोहरदगा सीट शामिल हैं। दूसरे चरण में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की सात सीटों तमाड़, तोरपा, खूंटी, मांडर तथा सिसई, सिमडेगा तथा कोलेबिरा में मतदान होने हैं। तीसरे चरण में भी यहां की पांच सीटों पर मतदान होना है। इनमें सिल्ली, खिजरी, रांची, हटिया तथा कांके शामिल हैं।
दल बदल चुके हैं तीन विधायक
दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल स्थित विधानसभा क्षेत्रों में पिछला विधानसभा चुनाव जीतने वाले तीन नेता अपना दल बदल चुके हैं। हटिया से झाविमो के टिकट से चुनाव जीतने वाले नवीन जायसवाल परिणाम के तुरंत बाद कई विधायकों के साथ भाजपा में चले गए थे। इसी तरह, आजसू से निलंबन के बाद तमाड़ के विधायक विकास कुमार मुंंडा ने झामुमो की सदस्यता ग्रहण कर ली है। बता दें कि विशुनपुर के विधायक चमरा लिंडा के भी झामुमो को छोड़कर भाजपा में शामिल होना लगभग तय हो गया था। हालांकि, ऐन वक्त पर वे भाजपा में नहीं गए। लोहरदगा के विधायक सुखदेव भगत भी कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए।
लोहरदगा में भाजपा या आजसू, रोचक होगा निर्णय
लोहरदगा के वर्तमान विधायक सुखदेव भगत के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने से भाजपा और आजसू में सीट के बंटवारे को लेकर मामला रोचक हो गया है। आजसू पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन के तहत जिन 20 सीटों पर चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही है, उनमें लोहरदगा सीट भी प्रमुख है। आजसू का दावा इसलिए भी मजबूत है, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में लोहरदगा सीट आजसू के खाते में आई थी। पार्टी ने यहां से जीत भी हासिल की और कमल किशोर भगत यहां से दोबारा विधायक चुने गए थे। हालंाकि, एक मामले में सजा होने के बाद उनकी सदस्यता चली गई। बाद में यहां हुए उपचुनाव में आजसू के ही टिकट पर कमल किशोर भगत की पत्नी ने चुनाव लड़ा, जिसमें उनकी हार हो गई।
पिछले चुनाव में तीन सीटों पर हुआ था काफी नजदीकी मुकाबला
तोरपा में झामुमो के पौलूस सुरीन तथा भाजपा के कोचे मुंडा के बीच काफी नजदीकी मुकाबला हुआ था। इसी तरह, मांडर में भी भाजपा उम्मीदवार गंगोत्री कुजूर व तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार बंधु तिर्की (अब झाविमो में) रोचक मुकाबला हुआ था। लोहरदगा में भी आजसू के कमल किशोर भगत और कांग्रेस के बुद्धदेव भगत के बीच काफी नजदीकी मुकाबला हुआ था।
सबसे बड़ा सवाल, रांची सीट से भाजपा का उम्मीदवार कौन ?
रांची विधानसभा सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या इस बार भी भाजपा सीपी सिंह को टिकट देगी, या लोकसभा चुनाव की तरह कोई नया चेहरा उतारेगी? चर्चा मुख्यमंत्री रघुवर दास के भी यहां से चुनाव लडऩे के विचार की भी है।
दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल : किसे मिली थी कितनी सीट
भाजपा : 08
कांग्रेस : 00
झामुमो : 03
आजसू : 02
झाविमो : 01
झापा : 01
(नोट : विधानसभा चुनाव के बाद आजसू के विधायक कमल किशोर भगत की सदस्यता जाने के कारण लोहरदगा सीट पर हुए उपचुनाव में आजसू की हार हो गई। कांग्रेस के सुखदेव भगत ने यह सीट आजसू से वापस ले ली। वहीं, आजसू के टिकट पर चुनाव लडऩे वाले तमाड़ के विधायक विकास कुमार मुंडा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया गया। विकास हाल ही में झामुमो में शामिल हो चुके हैं। हटिया से झाविमो के टिकट पर चुनाव लडऩेवाले नवीन जायसवाल अभी भाजपा में हैं। )
विधानसभा सीटें :
तमाड़ :
विजेता : विकास कुमार मुंडा, आजसू (वोट प्रतिशत 42.87)
उपविजेता : गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर, निर्दलीय (वोट प्रतिशत 23.46)
पिछला चुनाव यहां से आजसू ने जीता था। लेकिन, विधायक विकास कुमार मुंडा फिलहाल झामुमो में शामिल हो गए हैं। महागठबंधन में झामुमो से उनकी सीट तय मानी जा रही है। आजसू भी एनडीए गठबंधन में इस सीट पर दावा कर रही है। पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर की पत्नी ने भी यहां से चुनाव लडऩे की घोषणा की है।
तोरपा :
विजेता : पौलुस सुरीन, झामुमो (वोट प्रतिशत 30.77)
उपविजेता : कोचे मुंडा, भाजपा (वोट प्रतिशत 30.73)
पिछले चुनाव में इस सीट पर सबसे कम अंतर से जीत हुई थी। झामुमो के पौलूस सुरीन ने महज 43 वोट से भाजपा के कोचे मुंडा को हराया था। इस बार भाजपा वहां मजबूत दावेदार के रूप में होगी। इस बार भी यहां भाजपा और झामुमो के बीच ही मुकाबले के आसार हैं।
खूंटी :
विजेता : नीलकंठ सिंह मुंडा, भाजपा (वोट प्रतिशत 39.25)
उपविजेता : जिदन होरो, झामुमो (वोट प्रतिशत 21.30)
वर्तमान ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा यहां से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। इस बार कांग्रेस यहां काफी जोर लगा रही है। अब देखना है कि महागठबंधन में यह सीट किसके खाते में जाती है।
सिल्ली :
विजेता : अमित कुमार, झामुमो (वोट प्रतिशत 55.71)
उपविजेता : सुदेश महतो, आजसू (वोट प्रतिशत 34.93)
यह दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की सबसे हॉट सीट है। पिछले चुनाव में झामुमो के अमित महतो ने लगातार चुनाव जीत रहे दिग्गज नेता सुदेश महतो को शिकस्त देकर सभी को अपनी ओर ध्यान आकृष्ट कराया था। एक मामले में सजा होने के कारण सदस्यता जाने के बाद हुए उपचुनाव में भी सुदेश को अमित महतो की पत्नी ने हराया। सुदेश के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का विषय बन गया है, इसलिए वे यहां काफी जोर लगा रहे हैं।
खिजरी :
विजेता : राम कुमार पाहन, भाजपा (वोट प्रतिशत 52.48)
उपविजेता : सुंदरी तिर्की, कांग्रेस (वोट प्रतिशत 16.46)
इस सीट से लगातार चुनाव जीतने वाले सावना लकड़ा के जेल जाने के बाद कांग्रेस यह सीट बचा नहीं पाई थी। पहली बार चुनाव लडऩेवाले वर्तमान विधायक रामकुमार पाहन ने कांग्रेस प्रत्याशी सुंदरी तिर्की को बड़े अंतर से हराया। इस बार भी यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबले की संभावना है।
रांची :
विजेता : सीपी सिंह, भाजपा (वोट प्रतिशत 64.38)
उपविजेता : महुआ मांजी, झामुमो (वोट प्रतिशत 24.81)
राजधानी होने के कारण यह इस प्रमंडल की सबसे हॉट सीट है। इस सीट पर भाजपा का ही वर्चस्व रहा है। झामुमो के यहां से एक बार फिर महुआ मांजी पर ही भाग्य आजमाने की चर्चा है।
हटिया :
विजेता : नवीन जायसवाल, झामिवो (वोट प्रतिशत 40.45)
उपविजेता : सीमा शर्मा, भाजपा (वोट प्रतिशत 36.77)
इस सीट पर हार के बाद भी यह सीट भाजपा के खाते में ही है। नवीन जायसवाल वर्तमान में यहां विधायक हैं। बड़ा सवाल है कि इस बार भाजपा नवीन जायसवाल या सीमा शर्मा में किसे टिकट देती है।
कांके :
विजेता : जीतू चरण राम, भाजपा (वोट प्रतिशत 55.73)
उपविजेता : सुरेश कुमार बैठा, कांग्रेस (वोट प्रतिशत 26.92)
रामचंद्र बैठा की जगह पर टिकट हासिल करने वाले जीतू चरण राम ने यहां कांग्रेस प्रत्याशी को बड़े अंतर से हराया था। लेकिन, हाल के समय में विधायक को अपने ही क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपा यहां से प्रत्याशी बदल सकती है।
मांडर :
विजेता : गंगोत्री कुजूर, भाजपा (वोट प्रतिशत 28.50)
उपविजेता : बंधु तिर्की, तृणमूल कांग्रेस (वोट प्रतिशत 24.50)
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की गंगोत्री कुजूर ने पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की का हराकर बड़ा उलटफेर किया था। हालांकि, इस बार यहां का समीकरण बदल गया है।
सिसई :
विजेता : दिनेश उरांव, भाजपा (वोट प्रतिशत 31.02)
उपविजेता : जीगा वी होरो, झामुमो (वोट प्रतिशत 29.21)
पिछले चुनाव में वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने इस सीट पर अपनी वापसी की थी। झारखंड में एक मिथक है कि स्पीकर चुनाव नहीं जीतते। अब देखना है कि इस बार यह मिथक टूट पाता है या नहीं।
गुमला :
विजेता : शिवशंकर उरांव, भाजपा (वोट प्रतिशत 38.89)
उपविजेता : भूषण तिर्की, झामुमो (वोट प्रतिशत 35.78)
पिछले चुनाव में यहां भाजपा और झामुमो में काफी नजदीकी मुकाबला हुआ था। इस बार भाजपा यहां प्रत्याशी बदल सकती है। झामुमो अपना प्रत्याशी बरकरार रख सकता है।
विशुनपुर :
विजेता : चमरा लिंडा, झामुमो (वोट प्रतिशत 37.95)
उपविजेता : समीर उरांव, भाजपा (वोट प्रतिशत 30.58)
झामुमो के चमरा लिंडा ने यहां भाजपा के उम्मीदवार को शिकस्त दी थी। हाल ही में चमरा के भाजपा में शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन ऐन वक्त पर वे इसे टाल गए। समरी उरांव के राज्यसभा सदस्य बनने के कारण भाजपा इस बार यहां नया प्रत्याशी देगी।
सिमडेगा :
विजेता : विमला प्रधान, भाजपा (वोट प्रतिशत 33.38)
उपविजेता : मेनन एक्का, झापा (वोट प्रतिशत 31.03)
भाजपा के विमला प्रधान ने यहां दूसरी बार जीत हासिल की थी। हालांकि, पूर्व मंत्री एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का के साथ काफी नजदीकी मुकाबला हुआ था। इसी तरह का मुकाबला इस बार भी देखने की संभावना है।
कोलेबिरा :
विजेता : एनोस एक्का, झापा (वोट प्रतिशत 39.59)
उपविजेता : मनोज नागेशिया, भाजपा (वोट प्रतिशत 25.74)
दूसरी बार चुनाव जीतने वाले एनोस एक्का ने एक मामले में सजा होने के बाद सदस्यता खो दी थी। उपचुनाव में उनकी पत्नी की भी हार हो गई। फिलहाल यह सीट कांग्रेस के खाते में है। एनोस इस बार यहां अपनी पत्नी को उम्मीदवार बना सकते हैं।
लोहरदगा :
विजेता : कमल किशोर भगत, भाजपा (वोट प्रतिशत 38.81)
उपविजेता : सुखदेव भगत, कांग्रेस (वोट प्रतिशत 38.41)
भाजपा और आजसू के गठबंधन में यह सीट फंस रही है। आजसू इस सीट पर अपना दावा कर रही है, जबकि वर्तमान विधायक सुखदेव भगत के कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने से उन्हें टिकट मिलना तय माना जा रहा है। ऐसे में आजसू को यह सीट छोडऩी पड़ सकती है। यदि ऐसा होता है, तो पूर्व विधायक कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं। महागठबंधन में यह सीट मिलने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के स्वयं यहां से चुनाव लडऩे की चर्चा है।