Jharkhand Election 2019: बागी सरयू की बददुआ, भाजपा 15 सीटों पर सिमटेगी; राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा
Jharkhand Assembly Election 2019 माना जा रहा है कि उनके इस्तीफे को लेकर उत्पन्न विवाद के बाद अब वे राज्यपाल से मिलकर उन्हें त्यागपत्र सौपेंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा के बागी सरयू राय ने भारतीय जनता पार्टी को जमकर बददुआ दी है। मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी सीट से चुनाव लड़ रहे उनके कैबिनेट के खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में 15 से भी कम सीटें जीतेगी। इस दौरान राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
हालांकि भारतीय जनता पार्टी सरयू राय को पहले ही छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा कर चुकी है। बीते दिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने सरयू राय समेत 20 नेताओं को पार्टी से निकाले जाने की जानकारी दी थी। इधर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने मंत्री सरयू राय के इस्तीफे संबंधी पत्र को मुख्यमंत्री रघुवर दास को नियमानुसार कार्रवाई के लिए भेज दिया है। सरयू राय ने आज ही राजभवन में राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा है।
सरयू राय का भाजपा पर प्रहार
सरयू राय ने अपनी पुरानी पार्टी बीजेपी को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि झारखंड में भाजपा 65 पार नहीं जाएगी। 65 के बाद का अंक आ जाए यही बहुत है। उन्होंने कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य हैं, जिसे हटाने की शक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पास है। रांची के नामकुम में एक महिला की जमीन हड़पने के आरोप को उन्होंने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह राजनीतिक षड्यंत्र है। राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष के इस मामले में कड़े रूख पर सरयू ने कहा कि महिला आयाग उन्हें तलब करता है या वे आयोग की अध्यक्ष को अदालत में खड़ा करते हैं, यह आने वाला वक्त
जमशेदपुर पूर्वी सीट से जीत रही जनता
देश-दुनिया के लिए हॉट सीट बनी झारखंड विधानसभा चुनाव की जमशेदपुर पूर्वी सीट से अपनी जीत के प्रति सरयू राय आश्वस्त दिख रहे हैं। यहां के मुकाबले और चुनाव में जीत को लेकर वे कितने आश्वस्त हैं, के सवाल पर सरयू ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि वहां जनता चुनाव लड़ रही है और सूचना है कि वह जीत रही है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने उन्हें चुनाव में समर्थन दिया है, लिहाजा वे हेमंत के समर्थन में संताल जाएंगे।
अच्छा होता कि मुख्यमंत्री स्वयं उन्हें मंत्रिमंडल से निकाल देते
शुक्रवार को उन्होंने औपचारिक तौर पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा सौंपने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि वे भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ रहे थे। ऐसे में उनका नैतिक दायित्व इस्तीफा देना था। सयू ने कहा कि 17 नवंबर को ही उन्होंने फैक्स से इस्तीफा राजभवन को भेज दिया था जो शायद राज्यपाल को नहीं मिल पाया। उन्होंने यह भी कहा कि अच्छा होता कि मुख्यमंत्री स्वयं उन्हें मंत्रिमंडल से निकाल देते।
भाजपा 15 से भी कम सीटों पर चुनाव जीत पाएगी
आनेवाले चुनाव परिणाम पर उन्होंने कहा कि भाजपा 15 से भी कम सीटों पर चुनाव जीत पाएगी। सरयू राय ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के मामले उन्होंने जो उठाए हैं उन्हें चुनाव के बाद जारी रखेंगे। शुक्रवार को करीब दस बजे वे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर सरयू ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा है कि उनके इस्तीफे को लेकर उत्पन्न विवाद के बाद उन्होंने राज्यपाल से मिलकर उन्हें औपचारिक तौर पर त्यागपत्र सौंपा। बताते चलें कि भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लडऩे का निर्णय किया था।
मैंने कुछ नहीं छिपाया, किसी महिला से जमीन नहीं खरीदी : सरयू
जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ रहे सरयू राय पर जमीन हड़पने का आरोप लगा है। रांची की एक महिला ने आरोप लगाया है कि सरयू राय ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। यही नहीं, वह जब भी इसका विरोध करती है, उसे मारने-पीटने की धमकी दी जाती है। इस संबंध में पूछने पर सरयू राय ने बताया कि उन्होंने किसी महिला से जमीन नहीं खरीदी है। कुछ छिपाया भी नहीं है। इस जमीन का उल्लेख चुनाव आयोग में दर्ज शपथ पत्र में भी किया गया है।
जमीन हड़पने के आरोप पर सरयू राय ने कहा, शपथ पत्र में भी किया है उल्लेख
सरयू ने बताया कि मैंने यह जमीन सीबीआइ के तत्कालीन डीआइजी राकेश अस्थाना व पत्रकार रहे हरिवंश जी से लिया था। कायदे से महिला को कोई शिकायत है तो इन लोगों के खिलाफ करना चाहिए था। सरयू ने कहा कि वे शुक्रवार को इस संबंध में विस्तृत जानकारी दे देंगे। इससे पहले उन्होंने कहा कि महिला द्वारा इस तरह के आरोप की जानकारी मिलने से मैं भी हतप्रभ हूं। अचानक यह मामला कहां से आ गया और चुनाव के दौरान किसके कहने पर महिला आरोप लगा रही है, यह जांच का विषय है। यदि उसकी जमीन है, तो उसने पहले क्यों इस तरह की बात क्यों नहीं रखी। बहरहाल, वे शुक्रवार को पूरी स्थिति स्पष्ट कर देंगे। यदि यह जमीन अवैध होती तो मैं शपथ पत्र में इसका उल्लेख क्यों करता।
दिल्ली से बुलावे की खबर नहीं
सोशल मीडिया पर गुरुवार को एक खबर तेजी से वायरल हुई कि सरयू राय को दिल्ली से बुलावा आया है। यही नहीं, उसमें यह भी कहा गया कि संघ के कोई बड़े कार्यकर्ता पत्र लेकर रांची आ रहे हैं। इस संबंध में पूछने पर सरयू राय ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है, ना उनके पास कोई सूचना पहुंची है। शायद रास्ते में होगा, मिलेगा तभी कुछ बता सकेंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ही मुझे हटा सकते हैं
प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित किए जाने की खबर से हड़कंप मचा है। इसी क्रम में यह कहा जा रहा है कि सरयू राय तो भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य हैं। ऐसे में क्या प्रदेश अध्यक्ष उन्हें हटा सकते हैं। सरयू ने कहा कि उन्हें हटाने का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष को है।