Jharkhand Election 2019: बड़ा रोचक है यह चुनाव, भाई-भाई, पति-पत्नी और देवरानी-जेठानी हैं आमने-सामने Special Report
Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड में लोकतंत्र के महापर्व में रिश्तों की आहुति दी जा रही है। चुनावी रण में कहीं सामने देवरानी तो कहीं पति आ गए हैं।
रांची, [संदीप कुमार]। Jharkhand Assembly Election 2019 चुनाव को लोकतंत्र का महापर्व यूं ही नहीं कहते। ऐसा महापर्व जहां विचारधाराओं की लड़ाई होती है, इसके लिए हवन में रिश्तों की आहुति पड़ती है। झारखंड का विधानसभा चुनाव इसकी बानगी पेश कर रहा। यहां चुनावी मैदान में कहीं पति के सामने पत्नी ताल ठोंक रहीं तो कहीं देवरानी के सामने जेठानी। जीत की विजयमाला पहनने को भाई भी भाई को चुनौती दे रहा। एक और अनूठी लड़ाई सबका ध्यान खींच रही जहां चुनाव मैदान में प्रत्याशी को अपने पिता के हत्यारोपी और उसकी हत्या की सुपारी देने वाला आरोपी से लोहा लेना है।
झरिया में आमने-सामने दो बहुएं
धनबाद की झरिया विधानसभा सीट पर बाहुबली सूरजदेव सिंह के 'सिंह मेंशनÓ का वर्चस्व रहा है। वर्तमान में भाजपा के टिकट पर संजीव सिंह यहां के विधायक हैं। संजीव अपने चचेरे भाई नीरज सिंह की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं। भाजपा ने उनकी पत्नी रागिनी सिंह को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह को मैदान में उतारा है। यानि धनबाद के चुनावी महासमर में देवरानी और जेठानी आमने-सामने होंगी। रोचक यह कि बुधवार को अदालत ने संजीव को भी जेल से चुनाव लडऩे की इजाजत दे दी है। ऐसे में संभव है कि वह खुद भाजपा से मैदान में आ जाएं। जो भी हो रिश्तों की टकराहट का प्लॉट तो बुना जा चुका है।
भवनाथपुर में पति की लड़ाई पत्नी से
सात फेरे लेकर एक-दूसरे का साथ निभाने की कसम लेने वाले मनीष सिंह एवं उनकी पत्नी प्रियंका देवी भवनाथपुर सीट से आमने-सामने हैं। बतौर निर्दलीय प्रत्याशी दोनों ने बुधवार को नामांकन किया है। अब देखना रोचक होगा की वे अपने प्रचार में कैसे चुनावी हथियार से एक-दूसरे पर वार करते हैं।
मांडू में महाभारत की पटकथा
झामुमो के कद्दावर नेता रहे स्व. टेकलाल महतो के पुत्र जयप्रकाश पटेल अब भाजपा में हैं। कमल दल से वे इस बार चुनावी मैदान में होंगे, 2014 के चुनाव में उन्होंने झामुमो का तीर-धनुष लेकर विधानसभा में जनता की नुमाइंदगी की थी। मांडू इस बार महाभारत की पटकथा लिख रहा। यहां से झामुमो रामप्रकाश पटेल को उम्मीदवार बनाने की तैयारी में है। जयप्रकाश और रामप्रकाश भाई हैं।
तमाड़ में अनूठा त्रिकोण
रांची से 60 किमी दूर स्थित तमाड़ विधानसभा इस बार अनूठी लड़ाई का गवाह बनने जा रही। इस सीट से विधायक रहे ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) पार्टी के विकास सिंह मुंडा अब झामुमो का दामन थाम चुके हैं। झामुमो ने उन्हें अपना सिंबल भी दे दिया है। विकास पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा के पुत्र हैं। रमेश सिंह मुंडा की हत्या नक्सलियों ने एक कार्यक्रम के दौरान कर दी थी। राज्य पुलिस और फिर एनआइए की जांच में यह सामने आया कि रमेश सिंह मुंडा की हत्या पूर्व विधायक राजा पीटर ने करवाई थी।
राजा इस मामले में जेल में बंद हैं तो उन्होंने जिस खूंखार नक्सली सरगना कुंदन पाहन से रमेश की हत्या कराई थी वह भी सरेंडर करने के बाद सलाखों के पीछे कैद है। राजा पीटर और कुंदन पाहन दोनों को चुनाव आयोग से विधानसभा चुनाव लडऩे की अनुमति मिल गई है। शीघ्र ही दोनों तमाड़ सीट के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। ऐसे में विकास को चुनावी मैदान में अपने पिता के हत्यारोपी कुंदन पाहन और उनकी हत्या की सुपारी देने वाले राजा पीटर का सामना करना होगा।