Jharkhand Election Result 2019: जंगल और जमीन से छेड़छाड़ भाजपा को पड़ा महंगा, फिसला झारखंड
Jharkhand Election Result 2019 कोल्हान की एक भी आदिवासी सीट नहीं बचा सकी भाजपा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरीखे दिग्गज भी नहीं बदल सके आदिवासियों का मन।
खास बातें
- आदिवासी वोटरों को साधने में असफल रहे भाजपाई
- जल, जंगल और जमीन के साथ छेड़छाड़ पड़ा महंगा
- कोल्हान में एक भी सीट बचा पाने में सफल नहीं रही भाजपा
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Election Result 2019 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, स्मृति ईरानी जैसे दर्जनों दिग्गज भाजपाइयों के तूफानी दौरे और आदिवासी वोटरों को साधने की भाजपा की कोशिश को झारखंड के मतदाताओं ने खारिज कर दिया। जनादेश 2019 ने कहीं न कहीं यह साफ कर दिया कि जल, जंगल और जमीन से सीधा जुड़ाव रखने वाले आदिवासियों के हितों से छेड़छाड़ की कोशिश किसी भी दल को महंगी पड़ सकती है। सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के प्रयास, भू-अर्जन कानून के उप नियमों में छेड़छाड़ और वनाधिकार कानून में फेरबदल की कोशिश ने कहीं न कहीं भाजपा को काफी नुकसान पहुंचाया है।
अलबत्ता नुकसान की आशंका भांपकर भाजपा के दिग्गजों ने बाद में डैमेज कंट्रोल की लाख कोशिश की, परंतु आदिवासियों के मन से जल, जंगल और जमीन छिन जाने के भय को वे नहीं निकाल सकी। दूसरी ओर विपक्ष ने इसे मूल चुनावी मुद्दा बनाया और आदिवासियों को साधने में सफल रहे। इसका सीधा असर भाजपा पर पड़ा। अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित कुल 28 वैसी सीटें जिस पर भाजपा का कब्जा था, वह गंवा बैठी। कोल्हान में तो उसने सारी की सारी सीटें ही गंवा डाली।
बताते चलें कि 2014 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी बहुल कोल्हान और संताल परगना प्रमंडल की कई विधानसभा सीटें भाजपा ने झटक ली थी। 2014 के चुनाव में सर्वाधिक नुकसान कांग्रेस को हुआ था। झामुमो को भी कुछ सीटें तब गंवानी पड़ी थी। दुमका भी इसमें से एक था, जहां पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लुइस मरांडी के हाथों मात खानी पड़ी थी। 2019 के चुनाव में स्थित पलट गई। अपनी सीटें बरकरार रखते हुए झामुमो ने भाजपा के कब्जे वाली आदिवासी सीटों में से पांच तथा जबकि कांग्रेस ने चार सीटें झटक लीं।