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Jharkhand Assembly Election 2019: वन कानून में बदलाव से संबंधित ड्राफ्ट पर झारखंड में तेज हुई राजनीति

Jharkhand Assembly Election 2019. फैसले को विपक्षी दलों ने बताया आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन। चुनाव में भाजपा को घेरने के लिए विपक्षी दल बना सकते हैैं मुद्दा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 09:50 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 07:00 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: वन कानून में बदलाव से संबंधित ड्राफ्ट पर झारखंड में तेज हुई राजनीति
Jharkhand Assembly Election 2019: वन कानून में बदलाव से संबंधित ड्राफ्ट पर झारखंड में तेज हुई राजनीति

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 - वन कानून में बदलाव से संबंधित ड्राफ्ट भले ही केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने वापस लिया हो, परंतु केंद्र के इस फैसले ने झारखंड में हलचल मचा दी है। झारखंड के प्रमुख विपक्षी दलों ने केंद्र के इस प्रयास को चुनाव को प्रभावित करने वाली कार्रवाई करार दिया है। झारखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य के स्थापना दिवस पर केंद्र स्तर से लिए गए इस फैसले की शिकायत झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने चुनाव आयोग से की है।

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झामुमो की दलील है कि राज्य में अनुसूचित जनजातियों की संख्या 26 फीसद से अधिक है, जिसका सीधा जुड़ाव जल, जंगल और जमीन से है। ऐसे में वन कानून में बदलाव से संबंधित ड्राफ्ट वापस लिया जाना सरासर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। प्रदेश कांग्रेस ने भी चुनाव के समय इस बदलाव पर नाराजगी जताई है। कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने दावा किया है कि मौजूदा परिदृश्य में भाजपा की जमीन झारखंड में खिसकती जा रही है।

उसके कृत्यों से उसकी लोकप्रियता घटती जा रही है। लिहाजा डबल इंजन की इस सरकार ने आदिवासियों को साधने के निमित्त इस तरह का कदम उठाया है। बताते चलें कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शुक्रवार को ड्राफ्ट वापसी की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पिछले मार्च में  इस ड्राफ्ट को राज्यों के पास मशविरा के लिए भेजा गया था, परंतु आदिवासियों के बीच उनके अधिकारों को लेकर भ्रम पैदा किया जाने लगा था। ऐसे में सरकार ने ड्राफ्ट को ही वापस लेना उचित समझा।

वह सरकार का ड्राफ्ट नहीं था, बल्कि उसे मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने तैयार किया था। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट को तैयार करने के पीछे उद्देश्य सिर्फ इतना था कि वनों से जुड़ी गतिविधियों में केंद्र और राज्य साथ-साथ काम करें। उधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से करने का दावा किया है।

पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह सिर्फ दिखावा मात्र है। भाजपा सिर्फ आदिवासियों के बीच भ्रम फैलाना चाहती है। हालांकि, भाजपा ड्राफ्ट में संशोधन को आदिवासियों के हित में किए जा रहे प्रयासों का अंग बताती है। पार्टी के मुताबिक अन्य दल सिर्फ भ्रम फैला रहे हैैं, जबकि भाजपा इसपर संवेदनशील है।


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