Jharkhand Assembly Election 2019 : झारखंड की सबसे हॉट सीट पर रघुवर को तीन व्यूह तोड़ने की चुनौती
Jharkhand Election 2019. मुख्यमंत्री रघुवर दास निर्दलीय सरयू राय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ तथा झाविमो के अभय सिंह के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला होता नजर आ रहा।
जमशेदपुर, विश्वजीत भट्ट। Jharkhand Assembly Election 2019 1967 के विधानसभा चुनाव से अस्तित्व में आई जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट इस चुनाव में झारखंड की सबसे हॉट सीट बन चुकी है। यहां मुख्यमंत्री के सामने उन्हीं की कैबिनेट में कद्दावर मंत्री रहे सरयू राय ने बगावत का बिगुल फूंककर मैदान में डटे हैं। एक पखवारे से इस मुद्दे पर सूबे का राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है।
वहीं यहां इस सीट से पहली बार कोई मुख्यमंत्री चुनाव लड़ रहा है। इस कारण यहां के लोग भी इस चुनाव को खास मान रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव बल्लभ और झारखंड विकास मोर्चा से अभय सिंह भी इस सीट पर ताल ठोक रहे हैं। रघुवर दास लगातार इस सीट से छठी बार विधानसभा का सदस्य बनने के लिए इस सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में उतरे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री रहते यह उनका पहला चुनाव है।
रोज बन-बिगड़ रहे समीकरण
लगातार पांच बार इस क्षेत्र से विधायक रहे रघुवर दास ने 2014 के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार आनंद बिहारी दुबे को 70157 वोटों के अंतर से हराया था। इस बार हर रोज समीकरण बन-बिगड़ रहे हैं। विपक्ष की अपनी तैयारी तो थी ही, सरयू राय भी कई तरह के समीकरण बना और बिगाड़ रहे हैं। कुल मिलाकर कहें तो फिलवक्त इस सीट पर चारों उम्मीदवार मुख्यमंत्री रघुवर दास, निर्दलीय सरयू राय, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ तथा झाविमो के अभय सिंह के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला होता नजर आ रहा है।
क्षेत्र के तीन बड़े मुद्दे
रोजगार: टाटा मोटर्स सहित उसकी सहयोगी कंपनियां ही रोजगार का मुख्य साधन है, लेकिन आठ महीने से टाटा मोटर्स में हो रहे ब्लॉक क्लोजर ने बेराजगारी को हद तक बढ़ा दिया है।
मालिकाना हक: लंबे समय में इस इलाके की बस्तियों में मालिकाना हक देने के नाम पर चुनाव लड़े और जीते जा रहे हैं। इस भाजपा ने लीज देने की घोषणा कर दी है तो विपक्षी इसी को मुद्दा बनाने की पूरी तैयारी किए बैठे हैं।
स्वास्थ्य सेवा: जमशेदपुर पूर्वी समेत पूरे कोल्हान के लिए एमजीएम अस्पताल ही एक मात्र सहारा है। इस अस्पताल की बदहाली, डॉक्टरों की कमी और अव्यवस्था भी बड़ा मुद्दा है।
इनकी सुनें
- मुख्यमंत्री के प्रयास इस क्षेत्र में महिला विश्वविद्यालय और प्रोफेशनल ट्रेनिंग सेंटर का कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। क्षेत्र की सभी बस्तियों में पीपीपी मोड पर पेयजल आपूर्ति शुरू कराई गई है। मोहरदा जलापूर्ति से 40 किमी पाइप लाइन बिछी है। सात हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट लगाई गई है। कंपनी और गैर कंपनी इलाके समानता लाने के 90 प्रतिशत काम हो चुके हैं।
- पवन अग्रवाल सीएम के विधायक प्रतिनिधि
- एक परिवार के आतंक के साए में जीने को मजबूर जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र की जनता खुद को ठगा हुआ भी महसूस कर रही है। उसे पिछले पांच साल के दौरान भय दिया गया। भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद दिया गया। नहीं दिया गया वह मालिकाना हक जिसके लिए वह पांच चुनावों में एक नेता को जिताती आई है। क्षेत्र की जनता को भय से मुक्ति और वाजिब हक दिलाने के लिए मैं मैदान में आ गया हूं।
-सरयू राय, निर्दलीय प्रत्याशी
- जमशेदपुर में कंपनियां बंद हो रही हैं। यहां की कंपनियां खड़गपुर जा रही हैं। कोल्हान का सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम बदहाल है। मुख्यमंत्री ने एक बार भी एमजीएम का दौरा क्यों नहीं किया? पूरे झारखंड में 14000 स्कूल बंद हो गए। जिले में 300 स्कूल बंद हुए। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मैं मालिकाना हक देने में असमर्थ हूं। मैं अपने विकास मॉडल को लेकर आया हूं, इसलिए जनता मेरे साथ है।
-गौरव बल्लभ, कांग्रेस प्रत्याशी
- कुशासन और झूठे आश्वासनों से पूर्वी की जनता त्रस्त है। विकास का एक काम नहीं हुआ है। इस इलाके के 70 प्रतिशत क्षेत्र में कंपनियां विकास कार्य करती हैं। बाकी 30 प्रतिशत क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं है। मालिकाना के नाम 25 साल तक इस क्षेत्र से रघुवर दास जीतते रहे अब यह हक देने से मुकर रहे हैं। मैं इस क्षेत्र के लिए 15 वषों से संघर्ष कर रहा हूं। इसलिए जनता मेरे साथ है।
-अभय सिंह, झाविमो प्रत्याशी