Jharkhand Election 2019: मोदी ने संताल और संतालों की भावनाओं को सहलाया, जल-जंगल और जमीन की सुरक्षा की गारंटी
चुनाव प्रचार के प्रथम से लेकर चाैथे चरण तक मोदी के भाषणों में आदिवासी तो थे लेकिन उस तरह नहीं जिस तरह पांचवें चरण में दिखे। दुमका की सभा में मोदी के भाषण के केंद्र में आदिवासी थे।
दुमका, जेएनएन। Jharkhand Assembly Election 2019 के चुनाव प्रचार के दाैरान पांचवीं बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को झारखंड की उपराजधानी दुमका में थे। यह उनका झारखंड में पांचवां दाैरा और आठवीं सभा थी। झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में मोदी 25 नवंबर, 2019 को गुमला से चुनाव प्रचार अभियान का श्रीगणेश किया। उसी दिन मोदी ने पलामू के डालटेनगंज में रैली की। दूसरे चरण में 3 दिसंबर को मोदी ने खूंटी और जमशेदपुर में चुनावी सभा की। तीसरे चरण में 9 दिसंबर को मोदी ने बरही और बोकारो में तथा चाैथे चरण में 12 दिसंबर को धनबाद में चुनाव प्रचार के रण में उतरे।
संताल में बदला मोदी के भाषण का ट्रैक
चुनाव प्रचार के प्रथम चरण से लेकर चाैथे चरण तक मोदी के भाषणों में आदिवासी तो थे लेकिन उस तरह नहीं जिस तरह पांचवें चरण में दिखे। दुमका हवाईअड्डा पर भाजपा की सभा में मोदी के भाषण के दो केंद्र बिंदु थे-एक आदिवासी और दूसरा नागरिकता संशोधन विधेयक। मोदी ने आदिवासियों की भावनाओं को जमकर सहलाया। खुद को आदिवासियों का सेवक बताते हुए यह समझाया कि वे आदिवासियों के लिए क्या-क्या करना चाहते हैं? इसके वाजिब कारण थे। दुमका आदिवासी बहुल इलाका है। संताल में आदिवासी और वनवासी बहुतायत में हैं। झारखंड में सबसे ज्यादा झारखंड मुक्ति मोर्चा का जनाधार संताल में ही है। इस क्षेत्र में विधानसभा की 18 सीटें हैं। अंतिम चरण में 20 दिसंबर को संताल की 16 सीटों पर चुनाव होना है। ऐसे में संताल और संतालों को साधने के लिए मोदी के भाषण में आदिवासियों के लिए कर गुजरने का जोश और जज्बा था।
मेरा जीवन बनाने में आदिवासियों का खास योगदान
संतालों को साधने के लिए प्रधानमंत्री ने संताली भाषा में लोगों का अभिवादन किया। पीएम ने कहा कि जहां भी जा रहा हूं वहां की जनसभा पहले की रैली का रिकॉर्ड तोड़ देती है। जहां भी नजर जा रही है, लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। आपके मोबाइल की फ्लेश लाइट बता रही है कि कितनी दूर तक आप विराजमान हैं। आज मौसम भी ज्यादा ठंडा है, दोपहर को ही शाम जैसा माहौल हो गया है। आपकी ऊर्जा बता रही है कि यह हमारे लिए सौभाग्य है। बहनों और बेटियों का यह उत्साह हमारी शक्ति है। मोदी ने खुद को आदिवासियों का सेवक बताया। कहा-मैं आपका सेवक बनकर आपका काम करता हूं। आपके बीच आकर मैं अपने काम का हिसाब आपकी चरणों मे रखता हूं। मेरा जीवन बनाने में आदिवासियों का खास योगदान रहा है। आपकी सेवा के लिए देश की सेवा के लिए हमें यह समर्पण ही उनसे अलग पहचान देती है।
कांग्रेस और झामुमो ने झारखंड को दी पिछड़े की पहचान
मोदी ने कहा कि संताल का झारखंड का सबसे पिछड़ा इलाका है। मोदी ने पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा को जिम्मेदार ठहराया। कहा- जिस झारखंड को JMM और कांग्रेस ने पिछड़ेपन का प्रतीक बनाया। उसी झारखंड को हम बदलते भारत की नई पहचान से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। बीते 5 वर्षों में देश की सबसे बड़ी और करोड़ों लोगों का जीवन बदलने वाली योजनाओं की शुरुआत यहीं (दुमका) से हुई है। झारखंड के आदिवासी बच्चों को पढ़ाई के लिए ज्यादा दूर ना जाना पड़े, इसके लिए भाजपा हर ब्लॉक में एकलव्य मॉडल स्कूल बना रही है। झारखंड में IIT, AIIMS जैसे उच्च शिक्षा के, इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की पढ़ाई के संस्थान खुलें, ये काम भी भाजपा ने किया है।
मोदी ने कहा कि झारखंड के 20 जिले ऐसे है जहां कांग्रेस और उसके साथी, बरसों से शासन के बावजूद बुनियादी सुविधाएं तक नहीं पहुंचा पाए। ये भाजपा की ही सरकार है, जिसने झारखंड के इन 20 जिलों को पिछड़े के बजाय आकांक्षी घोषित किया। JMM लंबे समय से कांग्रेस की सहयोगी रही। दिल्ली, बिहार और फिर झारखंड में भी सरकारों में हिस्सा रही। इतने वर्षों में इन्होंने झारखंड की पहचान के साथ पिछड़ा शब्द जोड़ दिया। इन्होंने आप पर खर्च होने वाला पैसा लूटा और आप को पाई-पाई के लिए मोहताज रखा। भाजपा की सरकार आपको पूछे बगैर, आपकी अनुमति के बगैर कोई भी कदम नहीं उठा सकती। जनहित, जनभावना और आपकी इच्छा ही हमारे लिए सर्वोपरि है। झारखंड के लोगों के लिए, अपने आदिवासी भाइयों-बहनों के जीवन को आसान बनाने के लिए, भाजपा के ये प्रयास हमारी नीयत औऱ हमारे सेवाभाव के सबूत हैं। यही सेवाभाव, आपके जल, जंगल और जमीन के अधिकार को सुरक्षित करने की गारंटी देता है।
झामुमो-कांग्रेस की प्राथमिकता में पानी, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा नहीं
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले यहां जो मुख्यमंत्री थे, वो 30-35 हज़ार घरों के निर्माण का दावा करते थे और उसको ही बहुत बड़ी उपलब्धि बताते थे। अब हम इस संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि देश के हर गरीब के पास अपना पक्का घर हो। ये तमाम सेनानी, ये तमाम शहीद, परिवार हित से ऊपर उठकर, समाज के हित में, राष्ट्र के हित में खड़े हुए। भाजपा ऐसे ही संस्कारों को धारण करती है, उनको सम्मान देने का काम करती है। कल्पना कीजिए, अगर बाबा तिलका मांझी सिर्फ अपना हित ही सोचते तो क्या समाज के लिए इतना कुछ कर पाते? अगर सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो, सिर्फ अपना लाभ ही देखते तो क्या अंग्रेजों से मुकाबला कर पाते। बिजली से लेकर सड़क, स्वास्थ्य और पढ़ाई लिखाई से वंचित रहने वाले आदिवासी क्षेत्र के लोग इसलिए वंचित रहे हैं क्योंकि जेएमएम और कांग्रेस के लिए यह सब कभी प्राथमिकता में नहीं रहा। हर गांव तक बिजली पहुंचाने का काम भाजपा ने किया। अब हर गांव को सड़क से जोड़ने का काम भाजपा कर रही है। इसी तरह इस क्षेत्र को रेलवे से जोड़ने और दुमका हवाईअड्डे को सुधारने का काम भी भाजपा सरकार कर रही है।
JMM और कांग्रेस के पास झारखंड के विकास का न कोई रोडमैप है, न इरादा
प्रधानमंत्री ने कहा है कि झारखण्ड का तेज विकास तभी संभव हो पाएगा जब वादों वाली नहीं, इरादों वाली भाजपा सरकार हो। आपका हर वोट विधायक और मुख्यमंत्री नहीं तय करेगा बल्कि मेरे लिए भी प्रदेश में आसानी से काम करने का रास्ता बनाएगा, मुझे आपकी सेवा करने का मौका देगा। बटन दबाने में गलती मत करना वर्ना झारखण्ड के किसानों को भी मध्यप्रदेश और राजस्थान के किसानों की तरह यूरिया के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ेगी और खानी पड़ेंगी लाठियां। गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़े, शोषित वंचित, श्रमिक, किसान, माताएं और युवाओं के हित में चलने वाली योजनाएं तभी ठीक से आगे बढ़ पाएंगी, जब दिल्ली और रांची में एक ही सोच और समझ वाली सरकार होगी। JMM और कांग्रेस के पास झारखंड के विकास का न कोई रोडमैप है, न इरादा है और न भूतकाल में कभी कुछ किया है।
पहली बार संथाली भाषा को मिला राज्यसभा में स्थान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस अब देश का भलाई नहीं सोचती। वह अपनी राजनीति बचाने में जुटी है। भाइयों और बहनों कल्पना कीजिए कि बाबा तिलका मांझी, सिद्धो कान्हो, चांद भैरव, सिर्फ अपना भलाई सोचते तब क्या ये अंग्रेज हमारे देश से जाते। भाजपा ऐसी संस्कारों को धारण करती है, हम उन्हें सम्मान देते हैं। इन आदिवासी सेनानियों को अमर बनाने के लिए भाजपा सरकार लगातार नई योजनाएं बना रही हैं। देश भर में हम आदिवासी सेनानियों के नाम पर संग्रहालय बना रहे हैं। जनजातीय संस्कृति काे संरक्षित करने के लिए हम संताली भाषा को समृद्ध कर रहे हैं। इस पर शोध भी चल रहा है। खुश हूं कि राज्यसभा में संताली भाषा में भाषण हुआ। संताली भाषा को सम्मान देने के लिए उपराष्ट्रपति का अभिवादन करता हूं।