Move to Jagran APP

Jharkhand Assembly Election 2019: कांग्रेस में दिग्गजों की चली, परिवार की दाल न गली

Jharkhand Assembly Election 2019. पहली बार पारिवारिक सदस्यों को टिकट देने से कांग्रेस बची। अंबा साहू के मामले में पार्टी के पास नहीं बचा था कोई विकल्प।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 08:09 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 08:09 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: कांग्रेस में दिग्गजों की चली, परिवार की दाल न गली
Jharkhand Assembly Election 2019: कांग्रेस में दिग्गजों की चली, परिवार की दाल न गली

रांची, [आशीष झा]। Jharkhand Assembly Election 2019 - उम्मीदवारों के चयन में कांग्रेस में दिग्गजों की तो चली लेकिन उनके परिवार की दाल न गली। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जिस प्रकार कई वरिष्ठ नेताओं पर परिवारवाद का आरोप लगाकर पार्टी छोड़ गए थे वह बातें कहीं न कहीं पार्टी में घर कर गई है। नतीजा यह हुआ कि सीनियर नेताओं को दो टूक कह दिया गया कि वे अपनी उम्मीदवारी तो कर सकते हैं लेकिन परिवार के लिए जिद नहीं।

loksabha election banner

यही कारण था कि उम्रदराज और बीमार चल रहे नेताओं राजेंद्र सिंह, मन्नान मल्लिक, ददई दुबे को टिकट तो दिया गया लेकिन उनके बच्चों और परिवार के बारे में चर्चा तक नहीं की गई। मुकदमों के कारण जेल में रह रहे पूर्व मंत्री योगेंद्र साहू और कई मुकदमे झेल रहीं पत्नी विधायक निर्मला देवी के झारखंड से बाहर रहने की हिदायत के कारण अब पुत्री अंबा को टिकट दिया गया। इसका एक अहम कारण है बड़कागांव में पार्टी के पास विकल्पों का अभाव होना है। सबसे बुरा हाल पार्टी के सीनियर नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय का हुआ है।

सुबोध हटिया या रांची से चुनाव लडऩा चाह रहे थे और उनके आवास पर हुई कांग्रेस नेताओं की बैठक में सर्वसम्मति से रांची सीट कांग्रेस के खाते में रखने की बात की गई थी लेकिन रांची सीट झामुमो के खाते में चली गई है और हटिया से अजयनाथ शाहदेव को टिकट दिया गया। पूर्व डिप्टी मेयर शाहदेव पहले भी इस क्षेत्र से झाविमो के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। पिछले चुनाव में रांची से झामुमो उम्मीदवार नंबर दो पर रहीं थीं और इसी के आधार पर झामुमो को रांची सीट दिया गया है।

परिवार के सदस्यों ने किया था आवेदन

राजेंद्र सिंह के पुत्र, सुबोधकांत सहाय के भाई और ददई दुबे के पुत्र समेत कई नए-पुराने नेताओं के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों ने भी टिकट के लिए आवेदन किया था। तमाम आवेदनों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने परिवारवाद को आगे बढऩे नहीं दिया।

कार्यक्रमों से दूर रह रहे सह प्रभारी उमंग सिंघार

झारखंड प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री उमंग सिंघार इन दिनों पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं। गठबंधन को लेकर सहयोगी दलों से चर्चा, उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया तक से उनकी दूरी जगजाहिर हो चुकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.