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Jharkhand Election 2019: विधानसभा चुनाव पर नक्सलियों का साया, शांतिपूर्ण मतदान पुलिस के लिए चुनौती

Jharkhand Assembly Election 2019. झारखंड के 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं। प्रथम चरण के चुनाव के पूर्व ही नक्सलियों की धमक से खुफिया सक्रियता की पोल खुल गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 02:00 AM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 02:00 AM (IST)
Jharkhand Election 2019: विधानसभा चुनाव पर नक्सलियों का साया, शांतिपूर्ण मतदान पुलिस के लिए चुनौती
Jharkhand Election 2019: विधानसभा चुनाव पर नक्सलियों का साया, शांतिपूर्ण मतदान पुलिस के लिए चुनौती

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में विधानसभा चुनाव पर नक्सली हिंसा का डर मंडरा रहा है। नक्सल प्रभावित 19 जिलों में शांतिपूर्ण मतदान पुलिस के लिए चुनौती है। प्रथम चरण के चुनाव के पूर्व ही लातेहार में नक्सलियों की धमक ने खुफिया सक्रियता की पोल खोलकर रख दी है। लातेहार के जिस पुलिस इंस्पेक्टर मोहन पांडेय को नक्सल मामलों का विशेषज्ञ व नक्सल विरोधी अभियान का बड़ा खिलाड़ी बताकर स्थानांतरण रोकने की अनुशंसा की गई थी, उसी पुलिस इंस्पेक्टर के थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने शुक्रवार की रात एक एएसआइ व तीन जवानों की शहादत लेकर पुलिस की खुफिया तंत्र को खुली चुनौती दे दी।

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हालांकि, डीजीपी कमल नयन चौबे ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बातचीत में यह संकेत दे दिया है कि शीघ्र ही शहादत का बदला लिया जाएगा। नक्सलियों के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई तेज होगी। भारत निर्वाचन आयोग ने भी राज्य के 19 जिलों को नक्सल प्रभावित बताया था और इस चुनाव को संवेदनशील बताते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की बात कही थी।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में क्वालिटी फोर्स लगाने की बात हुई थी और गश्त की जिम्मेदारी गृह रक्षकों के भरोसे दिए जाने पर लातेहार की पुलिसिंग पर भी बड़ा सवाल उठ रहा है। गृह रक्षक इसके लिए प्रशिक्षित भी नहीं हैैं। जबकि, नक्सल क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों को हाइवे गश्ती में न लगाकर गृह रक्षकों को लगाया जाना बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

झारखंड में पांच चरणों में चुनाव होना है। अभी पहले चरण में ही नक्सलियों की धमक ने झारखंड पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ा दी है। नक्सलियों का गढ़ कहा जाने वाला गढ़वा, पलामू, लातेहार से सटे बूढ़ा पहाड़, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, खूंटी का इलाका सारंडा वन क्षेत्र, रांची-सरायकेला खरसांवा व पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला का इलाका हमेशा से ही नक्सलियों का सुरक्षित जोन रहा है।

ये है 13 जिले जो अति नक्सल प्रभावित हैं

गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लातेहार, पलामू, पश्चिमी सिंहभूम, बोकारो, हजारीबाग, चतरा, रांची, गढ़वा, लोहरदगा व सिमडेगा।

अन्य नक्सल प्रभावित जिले

दुमका, पूर्वी सिंहभूम, रामगढ़, गोड्डा,  पाकुड़ व धनबाद।

इस चुनाव में भी मतदानकर्मियों की होगी हेली ड्रॉपिंग

लोकसभा चुनाव-2019 की तरह विधानसभा चुनाव-2019 में भी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदानकर्मियों की हेली ड्रॉपिंग होगी। इसके लिए झारखंड पुलिस ने भारत निर्वाचन आयोग से आठ हेलीकॉप्टर की मांग की है, ताकि मतदानकर्मियों को सुरक्षित ले जाया जा सके।

पूर्व के चुनावों में यहां-यहां हो चुकी है नक्सली वारदातें

  1. लोकसभा चुनाव-2019 में नक्सलियों ने सरायकेला-खरसांवा में भाजपा के चुनावी कार्यालय को उड़ा दिया था।
  2. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में दुमका के शिकारीपाड़ा में नक्सलियों ने चुनाव संपन्न कराकर लौट रही पोलिंग पार्टी की गाड़ी को उड़ा दिया था। इसमें पांच पुलिसकर्मी व तीन अन्य नक्सलियों के हमले में मारे गए थे।
  3. लोकसभा चुनाव -2019 में पलामू के हरिहरगंज में माओवादियों ने भाजपा के चुनावी कार्यालय को उड़ा दिया था।
  4. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में दुमका के शिकारीपाड़ा में नक्सलियों ने बीएसएफ के दो जवानों की हत्या कर उनके हथियार लूट लिए थे।

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