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Jharkhand Election 2019: नक्सली हमले के बाद निर्वाचन आयोग गंभीर, भेजा स्पेशल पुलिस आब्जर्वर

Jharkhand Assembly Election 2019. मणिपुर के डीजीपी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे एमके दास। भारत निर्वाचन आयोग ने इससे संबंधित आदेश शनिवार की सुबह जारी कर दिया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 07:03 PM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 10:26 PM (IST)
Jharkhand Election 2019: नक्सली हमले के बाद निर्वाचन आयोग गंभीर, भेजा स्पेशल पुलिस आब्जर्वर
Jharkhand Election 2019: नक्सली हमले के बाद निर्वाचन आयोग गंभीर, भेजा स्पेशल पुलिस आब्जर्वर

रांची, राज्य ब्यूरो। भारत निर्वाचन आयोग ने लातेहार में शुक्रवार की रात बड़े नक्सली हमले में एक एएसआइ व तीन जवानों की शहादत की घटना को गंभीरता से लिया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए यहां शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव के लिए 1977 बैच के सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी मृणाल कांति दास को झारखंड में स्पेशल पुलिस ऑब्जर्वर बनाया है।

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शनिवार को नियुक्ति संबंधित आदेश जारी होने के साथ ही स्पेशल पुलिस ऑब्जर्वर आनन-फानन में रांची पहुंचे। उन्होंने राज्य के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की। भारत निर्वाचन आयोग ने जारी निर्देश में कहा है कि झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 में नक्सलियों की चुनौती सबसे बड़ी है। सेवानिवृत्त आइपीएस मृणाल कांति दास चुनाव के मद्देनजर नक्सली चुनौती की समीक्षा करेंगे और सुरक्षा को लेकर जरूरत पडऩे पर विशेष प्रतिनियुक्ति भी करेंगे।

इधर, रांची पहुंचते ही मृणाल कांत दास ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे, राज्य पुलिस के नोडल पदाधिकारी एमएल मीणा तथा सीआरपीएफ, झारखंड के आइजी संजय लाटकर के साथ बैठक की। बैठक में स्पेशल पुलिस आब्जर्वर ने लातेहार में हुई घटना की पूरी जानकारी पुलिस पदाधिकारियों से ली। साथ ही, घटना के बाद उठाए गए कदम से अवगत हुए। उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा को लेकर तैयार की गई योजना की भी जानकारी ली।

इस क्रम में उन्होंने कई आवश्यक निर्देश भी दिए। उन्होंने सुरक्षा से संबंधित सभी मुद्दों पर दोनों पुलिस पदाधिकारियों के साथ गहन समीक्षा की। केंद्र से मिले अद्धसैनिक बलों व राज्य पुलिस की तैनाती से संबंधित योजनाओं पर भी उन्होंने चर्चा की। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग प्रतिबद्ध है। इधर, बताया जाता है कि भारत निर्वाचन आयोग ने इस घटना के बाद राज्य के पदाधिकारियों से फोन पर  मामले की जानकारी ली तथा कई आवश्यक निर्देश दिए।

मणिपुर के डीजीपी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे

1977 बैच के आइपीएस अधिकारी मृणाल कांति दास की गिनती तेज तर्रार पुलिस अधिकारी के रूप में होती है। वे मणिपुर पुलिस में डीजीपी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी प्रतिभा को देखते हुए लोकसभा चुनाव 2019 में त्रिपुरा व मिजोरम के लिए स्पेशल पुलिस ऑब्जर्वर बनाया गया था।


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