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Jharkhand Assembly Election 2019: विधायक संजीव जेल में करवटें बदल गुजार रहे रात, नतीजों की फिक्र में बढ़ी बेचैनी

ढाई साल से ज्यादा समय से धनबाद जेल में बंद विधायक संजीव सिंह को भाजपा ने टिकट नहीं दिया। भाजपा ने झरिया विधानसभा से टिकट दिया विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह को।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 12:37 PM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 12:37 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: विधायक संजीव जेल में करवटें बदल गुजार रहे रात, नतीजों की फिक्र में बढ़ी बेचैनी
Jharkhand Assembly Election 2019: विधायक संजीव जेल में करवटें बदल गुजार रहे रात, नतीजों की फिक्र में बढ़ी बेचैनी

धनबाद, जेएनएन। धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के आरोप में जेल में बंद झरिया के विधायक संजीव सिंह की बेचैनी बढ़ गई है। पहले से ही अवसाद से ग्रस्त संजीव सिंह झरिया विधानसभा क्षेत्र में 16 दिसंबर को मतदान के बाद से जेल में सो नहीं पा रहे हैं। वह रातभर करवटें बदल-बदल कर समय जाया कर रहे हैं। उन्हें झरिया विधानसभा चुनाव के नतीजों का बेसब्री से इंतजार है।

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जेल से विधायक ने पत्नी रागिनी सिंह को लड़ाया चुनावः ढाई साल से ज्यादा समय से धनबाद जेल में बंद विधायक संजीव सिंह को भाजपा ने टिकट नहीं दिया। भाजपा ने झरिया विधानसभा से टिकट दिया विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह को। झारखंड विधानसभा चुनाव के चाैथे चरण में 16 दिसंबर को झरिया विधानसभा क्षेत्र में मतदान संपन्न हुआ। 23 दिसंबर को मतगणना होगी। उसके बाद ही पता चलेगा कि विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह को चुनाव में सफलता मिली या नहीं?

दिवंगत नीरज सिंह की पत्नी से मुकाबलाः झरिया विधानसभा क्षेत्र में विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णिमा नीरज सिंह से है। पूर्णिमा नीरज सिंह के पति नीरज सिंह की हत्या का आरोप विधायक संजीव सिंह पर है। नीरज की हत्या के आरोप में ही संजीव सिंह जेल में बंद हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में झरिया में संजीव सिंह और नीरज सिंह क्रमशः भाजपा और कांग्रेस के टिकट पर आमने-सामने थे। संजीव को जीत और नीरज को हार मिली। चुनाव के ढाई साल बाद नीरज की हत्या कर दी गई। अब दोनों की पत्नी आमने-सामने है। नीरज की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी। वह संजीव की पत्नी को चुनाव हरा कर अपने पति का बदला लेना चाहती है।

परिणाम को लेकर विधायक बेचैनः 16 दिसंबर को मतदान के बाद झरिया की चुनावी तस्वीर साफ नहीं है। मतदान के दाैरान मतदाताओं के जो रूझाने देखने को मिले उससे भ्रम की स्थित है। धनबाद जेल गेट तक मुलाकातियों के माध्यम से जो खबरें पहुंच रही हैं, वे मिली-जुली हैं। कुछ लोग रागिनी का बढ़त बता रहे हैं तो कुछ पूर्णिमा का। कुछ का कहना है कि कांटे की लड़ाई है। इसी कारण विधायक बेचैन हैं। वह चाहते हैं कि उनकी पत्नी की जीत हो। चुनाव प्रचार के दाैरान जेल से ही उन्होंने अपनी पत्नी की जीत के लिए जो कुछ बन पड़ा किया।

झरिया की जनता का जताया आभार : जेल में बंद विधायक संजीव सिंह मंगलवार को पेशी के लिए कोर्ट में आए थे। इस दाैरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि भले ही चुनाव के दौरान वह जेल में बंद थे। लेकिन अखबार एवं अन्य माध्यमों से जो उन्हें जानकारी मिली, वह काफी उत्साहित करने वाली है। उन्होंने कहा कि झरिया की जनता ने बेखौफ होकर मतदान किया है। बेहतर झरिया बनाने के लिए उन्होंने एक बार फिर से भाजपा पर भरोसा जताया है। इसके लिए उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं समेत झरिया की जनता को धन्यवाद दिया।


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