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Kolhan Jharkhand Election Result 2019 LIVE: कोई जीते या कोई हारे, इस बार कोल्हान रचेगा इतिहास

LIVE Kolhan Jharkhand Election Result 2019. कोई जीते या कोई हारे इस बार कोल्हान इतिहास रचेगा। रघुवर दास जीते तो लगाएंगे छक्का। मेनका सरदार सहिस दीपक को हैटिक की उम्मीद।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 08:15 AM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 01:56 PM (IST)
Kolhan Jharkhand Election Result 2019 LIVE: कोई जीते या कोई हारे, इस बार कोल्हान रचेगा इतिहास
Kolhan Jharkhand Election Result 2019 LIVE: कोई जीते या कोई हारे, इस बार कोल्हान रचेगा इतिहास

जमशेदपुर, जासं। Kolhan Jharkhand Election Result 2019आज दोपहर बाद का इंतजार कीजिए, जब सूर्य की रोशनी के साथ-साथ मतगणना का रूझान भी पता चलने लगेगा। शाम ढलते-ढलते यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि कौन विधानसभा क्षेत्र का ताज किसके सिर सजेगा। परिणाम चाहे जो हो, लेकिन यह तो तय है कि इस बार कोल्हान इतिहास रचेगा। इतिहास कई मायनों में।

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मुख्यमंत्री रघुवर दास जीत का छक्का लगा पाते हैं या नहीं, चंपई सोरेन लगातार पांचवीं बार जीत का सेहरा अपने सिर बांध पाते हैं या नहीं। वहीं अगर निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय बाजी मारते हैं तो यह पहला मौका होगा, जब जमशेदपुर पूर्वी से कोई निर्दलीय प्रत्याशी जीतेगा। वहीं पोटका से मेनका सरदार व जुगसलाई से रामचंद्र सहिस, चाईबासा से दीपक बिरुआ जीत की हैटिक लगाने को बेकरार हैं। इधर चक्रधरपुर भी प्रदेश की हॉट सीट में से एक है। यहां से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ चुनाव लड़ रहे हैं।

पोटका

 यहां विधायक मेनका सरदार की प्रतिष्ठा दांव पर है। भाजपा प्रत्याशी मेनका सरदार अगर इस बार चुनाव जीतती है वे लगातार तीन बार चुनाव जीतने वाली पहली महिला विधायक बनेगी। वर्ष 2009 में मेनका ने कांग्रेस के सुबोध सिंह सरदा करो 15710 मत से हराया था। इस वर्ष के चुनाव में मेनका को 44,095 थ्ता सुबोध को 28,385 मत प्राप्त हुए थे। वर्ष 2014 के चुनाव में मेनका को 68,191 मत मिले वहीं प्रतिद्वंदी झामुमो के संजीव सरदार को 61,485 मत प्राप्त हुए। इस चुनाव में 6706 मत से मेनका विजयी रही।

सरायकेला

 सरायकेला विधानसभा में झामुमो प्रत्याशी चंपई सोरेन वर्ष 2005 से लेकर वर्ष 2014 तक हुए तीन विधानसभा चुनाव में वे लगातार चुनाव जीत चुके हैं। लगातार चौथी जीत को लेकर वे इस बार भी आश्वस्त है। वर्ष 2005 के चुनाव में चंपई ने भाजपा के लक्ष्मण टुडू को 882, वर्ष 2009 के चुनाव में भी लक्ष्मण टुडू को 3246 तथा वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गणोश माहली को 1115 मतों से हराया।

जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र

झारखंड विधानसभा चुनाव का सबसे हॉट सीट जमशेदपुर पूर्वी है। इस सीट पर मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ उन्हीं के कैबिनेट में मंत्री रहे निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय मैदान में हैं।

1995 में भाजपा ने दिग्गज विधायक दीनानाथ पांडेय का टिकट काटकर रघुवर दास को टिकट दिया था। पहली बार चुनाव लड़ रहे रघुवर दास ने कांग्रेस के केपी सिंह को मात्र 1101 मत से पराजित किया था। 1995 में सबसे कम मत से जीतने वाले रघुवर दास ने 2009 में सबसे अधिक अंतर से जीत हासिल कर अपनी काबिलियत साबित की थी। 2009 में उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आनंद बिहारी दुबे को 70 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस बार जीत का छक्का लगा पाते हैं या नहीं।

जुगसलाई विधानसभा सीट

जुगसलाई से आजसू का किला ध्वस्त होगा या फिर मंत्री रामचंद्र सहित लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर इतिहास रचेंगे। सहिस ने वर्ष 2009 में भाजपा के रीतिका मुखी को 3482 मत से हराया था। सहिस का इस चुनाव में 42,810 मत प्राप्त हुए थे। वर्ष 2014 के चुनाव की बात करें तो सहिस को कुल 82,302 मत प्राप्त हुए थे। इस चुनाव में झामुमो के मंगल कालिंदी को सहिस ने 25,045 मतों से हराया था।

चाईबासा विधानसभा सीट

चाईबासा सीट पर झामुमो प्रत्याशी दीपक बिरुआ वर्ष 2009 एवं 2014 में चुनाव जीत चुके हैं। वे हैटिक की आस लगाये बैठे हुए है। उनके प्रतिद्वंदी के रूप में इस बार भाजपा के जेबी तुबिद कड़ी टक्कर देते आ रहे हैं। वर्ष 2009 के चुनाव में दीपक ने कांग्रेस प्रत्याशी बागुन सुंब्रई को 7548 मतों से हराया था। दीपक को कुल 30274 मत प्राप्त हुए थे। वहीं 2014 में दीपक को 68801 मत प्राप्त हुए थे। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सह पूर्व आइएएस अधिकारी जेबी तुबिद को उन्होंने 34715 मतों से हराया।

चक्रधरपुर विस सीट

झारखंड हॉट सीट में से एक चक्रधरपुर भी है। यहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ चुनाव लड़ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में वे चुनाव हार चुके हैं। इस कारण इस सीट पर सबकी नजरे हैं। लक्ष्मण ने इस सीट वर्ष 2009 में चुनाव जीत चुके हैं। इस वर्ष उन्होंने झामुमो के सुखराम उरांव को मात्र 290 मतों से हराया था। वर्ष 2014 में झामुमो प्रत्याशी शशिभूषण सामड ने जीत दर्ज की। लेकिन इस बार उन्हें झामुमो ने टिकट नहीं दिया है, वे झाविमो से चुनाव लड़ रहे हैं।


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