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Jharkhand Assembly Election 2019: इस खास रथ से 'जन आशीर्वाद' ले रहे CM रघुवर दास, जानें इसकी खासियत

जन आशीर्वाद यात्रा पर निकले झारखंड के मुख्‍यमंत्री रघुवर दास का जन आशीर्वाद रथ तमाम अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यह रथ सभा स्‍थल पर पहुंचते ही सभा के मंच का रूप ले लेता है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 02:08 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 10:18 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: इस खास रथ से 'जन आशीर्वाद' ले रहे CM रघुवर दास, जानें इसकी खासियत
Jharkhand Assembly Election 2019: इस खास रथ से 'जन आशीर्वाद' ले रहे CM रघुवर दास, जानें इसकी खासियत

रांची, [प्रदीप सिंह]। झारखंड में अभी तक विधानसभा चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा नहीं हुई है। पहले कयास लगाया जा रहा था कि महाराष्ट्र और हरियाणा के साथ राज्य में चुनाव समय से पहले होंगे, लेकिन केंद्रीय निर्वाचन आयोग की घोषणा के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में चुनाव नीयत समय पर ही नवंबर-दिसंबर माह में होंगे। 2014 में विधानसभा चुनाव के परिणाम की घोषणा 23 दिसंबर को हुई थी और मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 27 दिसंबर को शपथ ली थी।

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फिलहाल मुख्यमंत्री रघुवर दास खास तकनीकी सुविधाओं से युक्त बस से जन आशीर्वाद योजना के तहत रोजाना आधा दर्जन से अधिक जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। वे फिलहाल संताल परगना के दौरे पर हैं। अपने मैराथन दौरे के क्रम में वे लोगों से सीधे संवाद भी करते हैं। इस दौरान उनका फोकस राज्य सरकार की उपलब्धियों पर है।

वे बताते हैं कि कैसे सरकार ने सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारा है। वे अपनी सभाओं में विरोधी दल खासकर झारखंड मुक्ति मोर्चा पर भी लगातार प्रहार भी कर रहे हैं। इसकी वजह संताल परगना मेंं झारखंड मुक्ति मोर्चा का विशेष प्रभाव है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने यहां अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया था।

हालिया लोकसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन को भी दुमका सीट से हार का सामना करना पड़ा। पिछले विधानसभा चुनाव में उनके पुत्र हेमंत सोरेन को दुमका विधानसभा क्षेत्र से हार का मुंह देखना पड़ा था। मुख्यमंत्री जिस रथ से अभियान चला रहे हैं वह खास सुविधाओं से युक्त है। वह पूरी तरह से हाइड्रोलिक सिस्टम पर आधारित है।

बटन दबाते ही मुख्यमंत्री की सीट छत की ओर चली जाती है। वे लोगों को संबोधित करते हैं। बस में आठ लोगों के बैठने की व्यवस्था है। इसका सीट सोफे की तरह है। इसे खोलकर बर्थ का रूप दिया जा सकता है। यानी सफर के दौरान बस की सीट पलंग जैसा आराम देगी। रथ में टीवी स्क्रीन और कंप्यूटर लगा है। यह पूरी तरह वाइ-फाइ सुविधाओं से लैस है। बस में आडियो सिस्टम लगाता है। एक स्वीच दबाते ही साउंड बाक्स खुल जाता है। सफर के दौरान जहां साउंड सिस्टम की व्यवस्था नहीं रहती, वहां इसका उपयोग किया जाता है। यात्रा में कम से कम झटका लगे, इसके लिए भी खास प्रावधान है।

क्या विशेष है रथ में

  • -पूरी तरह से हाइड्रोलिक सिस्टम पर काम करता है बस।
  • -बस के सीट हैं सोफे की तरह, इन्हें पूरा खोलकर बर्थ का रूप दिया जा सकता
  • है। पलंग जैसा मिलेगा आराम।
  • -रथ में लगा है टीवी स्क्रीन और कंप्यूटर।
  • -पूरी तरह से वाइ-फाइ सुविधाओं से लैस है रथ।
  • -बस में लगा है आडियो सिस्टम, स्वीच दबाते ही खुल जाता है साउंड बाक्स।
  • -आटोमेटिक बस में हाइलोड्रिक के जरिए छत तक चली जाती है सीट।
  • -सफर के दौरान कम से कम झटका लगे, इसके लिए है खास प्रावधान।
  • -मुख्यमंत्री फिलहाल रोज कर रहे आधा दर्जन से अधिक सभाएं, लोगों से सीधे संवाद भी।

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