Move to Jagran APP

Jharkhand Assembly Election 2019: झामुमो 42, कांग्रेस 30 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर मुहर

Jharkhand Assembly Election 2019 हेमंत के आवास पर पहुंच कांग्रेस नेताओं ने बनाया फॉर्मूला देर रात तेजस्वी यादव भी आए। राजद को 5-8 सीटें मिलेंगी फ्रेंडली फाइट पर होगी सख्‍ती।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 09:07 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 12:13 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: झामुमो 42, कांग्रेस 30 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर मुहर
Jharkhand Assembly Election 2019: झामुमो 42, कांग्रेस 30 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर मुहर

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019  झारखंंड में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बीच सीट बंटवारे पर चल रही रस्साकशी के बावजूद गठबंधन पर दोनों दलों के बीच सहमति बन गई है। झामुमो के दावे को स्वीकार करते हुए कांग्रेस ने 42 सीटें उनके हिस्से में रहने देने का मन बना लिया है। इसके साथ ही यह भी इशारा कर दिया है कि कांग्रेस भी 30 सीटों पर लड़ेगी हालांकि अपने सहयोगी पार्टियों को इसी में हिस्सेदारी भी दे सकती है। अभी तक राजद को अधिकतम सात सीटें मिलने के आसार दिख रहे हैं। दो सीटें मास्र्कवादी समन्वय समिति (मासस) के लिए भी छोडऩे पर सहमति बनी है। अब महागठबंधन में बाबूलाल मरांडी के लिए कुछ नहीं बचा है। माकपा और भाकपा भी गठबंधन से बाहर ही रहेंगी। शुक्रवार को इस मसले पर औपचारिक घोषणा होगी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह विशेष तौर पर रांची पहुंच रहे हैं और वे हेमंत सोरेन व तेजस्वी यादव के साथ सीट बंटवारे की घोषणा संयुक्त रूप से संवाददाताओं को संबोधित कर सकते हैं। 

loksabha election banner

झामुमो को गठबंधन में बड़ा भाई मानने पर कांग्रेस के राजी होने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि गठबंधन में कोई बड़ा-छोटा नहीं है। हम सभी रघुवर दास सरकार को हटाने के संकल्प के साथ चुनाव मैदान में जा रहे हैं। 

हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस नेतृत्व झारखंड में झामुमो के साथ गठबंधन में ज्यादा खिंचाव का जोखिम नहीं लेना चाहती। इसीलिए पहले 35 सीटों पर दावा ठोक रही पार्टी ने अब लचीलेपन का संकेत दिया है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी खुद गठबंधन को सिरे चढ़ाने की कसरत पर नजर रख रही हैं और झारखंड के कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह से निरंतर जानकारी ले रही हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम को हेमंत सोरेन के साथ सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति बनाने का जिम्मा सौंपा गया था जिसे उन्होंने बखूबी पूरा किया। 

बाबूलाल मरांडी की जेवीएम के गठबंधन से बाहर होने की मुख्य वजह सीट बंटवारे का पेंच ही रहा है। मरांडी किसी सूरत में 15 सीट से कम पर राजी नहीं होते। साथ ही पिछली बार जेवीएम के जीते विधायकों के चुनाव बाद तत्काल पाला बदलकर भाजपा में जाने की घटना को लेकर भी महागठबंधन इस बार सतर्क था। इसीलिए कांग्रेस-झामुमो ने मरांडी को मनाने की ज्यादा पहल नहीं की है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.