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Jharkhand Assembly Election 2019: झारखंड में बरकरार रही है झामुमो की धमक, झाविमो व आजसू भी प्रतिष्ठा बचाने में सफल

Jharkhand Assembly Election 2019. झारखंड की क्षेत्रीय पार्टियों में हेमंत सोरेन की पार्टी की जीत का ग्राफ बढ़ता रहा है। राजद-जदयू शून्य पर आ पहुंचा है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 02:00 AM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 02:00 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: झारखंड में बरकरार रही है झामुमो की धमक, झाविमो व आजसू भी प्रतिष्ठा बचाने में सफल
Jharkhand Assembly Election 2019: झारखंड में बरकरार रही है झामुमो की धमक, झाविमो व आजसू भी प्रतिष्ठा बचाने में सफल

रांची, [विनोद श्रीवास्तव]। झारखंड की राजनीति में झामुमो ही इकलौता ऐसा दल है, जिसकी धमक राज्य गठन के बाद से ही बरकरार रही है। राज्य गठन के बाद हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की जीत का ग्राफ लगातार बढ़ता रहा है। इससे इतर, जदयू और राजद जैसी क्षेत्रीय पार्टियों की जीत का ग्राफ गिरता गया। और तो और, 2014 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों दलों का सूपड़ा ही साफ हो गया।

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इसी के सापेक्ष, झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) और आजसू भी अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने में सफल रहे। इससे इतर, भाजपा गिर-गिरकर संभलती रही और 2014 में रिकार्ड 37 सीटें फतह की। 2014 में अगर किसी भी दल को सर्वाधिक नुकसान हुआ तो वह कांग्रेस रही, पिछले चुनाव में उसने आठ सीटें गंवा दी।

कांग्रेस ने 2005 में 41 सीटों पर अपनी दस्तक दी थी। तब नौ सीटों पर जीत का सेहरा उसके सिर बंधा था। 2009 में उसने लंबी छलांग लगाई और जीत का यह आंकड़ा बढ़कर 14 पहुंच गया। 2014 के चुनाव में उसने आठ सीटें गंवा दी।

हर चुनाव में एक-एक सीट बढ़ाता गया झामुमो

राज्य गठन के बाद 2005 में पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में उसने 17 सीटों पर जीत हासिल की। 2009 में जीत का यह ग्राफ बढ़कर 18 और 2014 के चुनाव में 19 हो गया। संबंधित चुनावों में झामुमो ने क्रमश: 49, 78 और 79 विधानसभा सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई थी। झामुमो को इन चुनावों में क्रमश: 24.04, 15.79 व 20.93 फीसद मत हासिल हुआ था।

झाविमो-आजसू की बची रही साख

झामुमो के ही समकक्ष क्षेत्रीय दलों में शुमार झाविमो और आजसू भी इन चुनावों  में अपनी साख बचाने में सफल रहा। महज तीन वर्ष पुरानी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस के साथ 20 सीटों पर गठबंधन और पांच सीटों पर फ्रेंडली लड़कर झाविमो ने 2009 में 11 सीटें हासिल की, तो 2014 में अकेले चुनाव लड़कर आठ सीटों पर परचम लहराया। इसी तरह, आजसू ने क्रमश: 2005, 2009 और 2014 के चुनाव में दो, पांच और पांच सीटें जीतकर अपनी साख बरकरार रखी।

जदयू-राजद हुआ सर्वाधिक बेहाल

2005 में जदयू ने 18 सीटों पर चुनाव लड़कर छह सीटें फतह की थी। 2009 में उसने चार सीटें गंवा दी। 2014 के मोदी लहर में झारखंड से उसका सूपड़ा ही साफ हो गया। राजद की बात करें तो 2005 में उसने 51 सीटों पर चुनाव लड़कर सात सीटें हासिल की। 2009 में यह आंकड़ा पांच पर सिमट गया और 2014 में राजद शून्य पर आ गया।

पिछले विधानसभा चुनावों में झामुमो की स्थिति

वर्ष - सीट

2005 - 17

2009 - 18

2014 - 19

पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की स्थिति

वर्ष - सीट

2005 - 09

2009 - 14

2014 - 06

पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा की स्थिति

वर्ष - सीट

2005 - 30

2009 - 18 

2014 - 37

पिछले विधानसभा चुनावों में झाविमो की स्थिति

वर्ष - सीट

2005 - --

2009 - 11 

2014 - 08

नोट : झाविमो का गठन वर्ष 2006 में हुआ था।

पिछले विधानसभा चुनावों में आजसू की स्थिति

वर्ष - सीट

2005 - 02

2009 - 05 

2014 - 05

पिछले विधानसभा चुनावों में जदयू की स्थिति

वर्ष - सीट

2005 - 06

2009 - 02 

2014 - 00

पिछले विधानसभा चुनावों में राजद की स्थिति

वर्ष - सीट

2005 - 07

2009 - 05 

2014 - 00


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