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Jharkhand Election Result 2019: जोड़-तोड़ में जुटे दल, ऐसे चल रही कुनबा बचाने-जोड़ने की कवायद

Jharkhand Election Result 2019 आजसू प्रमुख सुदेश महतो सिल्ली में जमे रहे और वहीं से अपने विश्वस्त नेताओं से संपर्क में रहे। बाबूलाल ने फिलहाल भाजपा के साथ नहीं जाने का दावा किया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 01:54 PM (IST)Updated: Sun, 22 Dec 2019 05:41 PM (IST)
Jharkhand Election Result 2019: जोड़-तोड़ में जुटे दल, ऐसे चल रही कुनबा बचाने-जोड़ने की कवायद
Jharkhand Election Result 2019: जोड़-तोड़ में जुटे दल, ऐसे चल रही कुनबा बचाने-जोड़ने की कवायद

रांची, राज्य ब्यूरो। विधानसभा चुनाव की मतगणना समाप्त होने के बाद शनिवार को तमाम प्रमुख दलों के रणनीतिकार सीटों के जोड़-घटाव में जुड़े रहे। रांची में जहां मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने आवास पर वरिष्ठ भाजपा नेताओं से मुलाकात कर फीडबैक लिया। वहीं दुमका से वापस लौटने के बाद झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन अपने रणनीतिकारों संग बैठे और तमाम परिस्थितियों पर मंथन किया। कांग्रेस के नेताओं ने चुनावी समर में जूझ रहे अपने प्रत्याशियों के संबंध में फीडबैक लिया। देर रात तक यह कवायद चलती रही।

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आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो सिल्ली में जमे रहे और वहीं से अपने विश्वस्त नेताओं से संपर्क में रहे। उधर बाबूलाल मरांडी ने फिलहाल भाजपा के साथ नहीं जाने का दावा किया तो चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने विपक्षी महागठबंधन के नेताओं को संदेश भिजवाया कि जो विधायक चुनकर आएं उन्हें संभालकर रखें। उनका इशारा सरकार बनाने को लेकर होने वाली संभावित उठापटक से विपक्षी खेमे को महफूज रखने को लेकर था।

लालू का फरमान, नतीजे आते ही नए विधायकों को संभालकर रखो

रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाजरत राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने विपक्षी महागठबंधन खासकर राजद के प्रदेश नेतृत्व को हिदायत दी है कि नए विधायकों को संभालकर रखें। उनका अंदेशा यहां सरकार बनाने के लिए संभावित जोड़तोड़ को लेकर है। नेताओं ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वे निश्चिंत रहें। लालू प्रसाद झारखंड विधानसभा चुनाव के एक्जिट पोल को लेकर खासे उत्साहित हैैं।

राजद सुप्रीमो एक्जिट पोल से हैैं उत्साहित, मिलने गए नेताओं को दिया निर्देश

शनिवार को लालू से मिलने पहुंचे रांची से झामुमो की प्रत्याशी महुआ माजी, राजद प्रदेश अभय कुमार सिंह, राजद प्रदेश उपाध्यक्ष श्यामदास सिंह ने कहा कि वे काफी खुश हैैं और झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनने को लेकर भी पूरी तरह आश्वस्त हैैं। राजद के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह ने लालू प्रसाद यादव से मुलाकात के बाद कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर लालू यादव से गहनता से विचार-विमर्श हुआ। उन्होंने गठबंधन को संभावित बहुमत पर हर्ष जताया और बधाई दी। उन्होंने जीत रहे विधायकों को एकजुट रखने का भी निर्देश दिया।

भाजपा से हाथ मिलाने का सवाल नहीं उठता : बाबूलाल मरांडी

झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने सरकार बनाने को लेकर चल रही अटकलों के बीच भाजपा को पूरी तरह से ना कह दिया है जबकि झामुमोनीत विपक्षी गठबंधन के साथ जाने की संभावना से इन्कार नहीं कर रहे हैैं। यहां बिशप हाउस में आर्च बिशप फेलिक्स टोप्पो को क्रिसमस और नववर्ष की शुभकामनाएं देने पहुंचे बाबूलाल ने कहा कि भाजपा से हाथ मिलाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। भाजपा ने गैरवाजिब हथकंडा अपना कर मुझे राजनीतिक रूप से खत्म करने की कोशिश की। इसके अलावा क्या होगा, इसे जानने के लिए सभी को थोड़ा इंतजार करना होगा।

बाबूलाल बोले, भाजपा ने मुझे खत्म करने के लिए सारे हथकंडे अपनाये

शुरुआती रुझान से यह तय हो गया है कि लोगों में भाजपा के प्रति नाराजगी है। कुछ भी हो, मगर झारखंड में फिर से भाजपा की सरकार नहीं बन सकती है। विपक्षी महागठबंधन से हाथ मिलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, मगर किसी संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। बिशप हाउस से वापसी के बाद वे पार्टी कार्यालय में जमे रहे। इस दौरान कांके, हटिया और रांची के अलावा कई अन्य विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों ने उनसे मुलाकात की। 

फीडबैक लेते रहे रघुवर, मिलने वालों का लगा रहा तांता

विधानसभा चुनाव की समाप्ति के बाद भाजपा कार्यालय में शनिवार को सन्नाटा देखा गया। हालांकि इसके विपरीत मुख्यमंत्री आवास में आने-जाने वालोंं का तांता लगा रहा। संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह सहित कई नेताओं ने सीएम ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री से मिलने वालों में मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, अमर कुमार बाउरी और नवीन जायसवाल भी शामिल थे।

भाजपा के संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह भी मिले, मंत्रियों-विधायकों से भी मुलाकात

भाजपा कार्यालय में संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने पार्टी नेताओं से औपचारिक मुलाकात की। दोपहर बाद हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल और लातेहार विधायक प्रकाश राम ने धर्मपाल सिंह से मिले। महामंत्री दीपक प्रकाश और कार्यालय प्रभारी हेमंत दास हमेशा की तरह मौजूद दिखे। युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष समेत मोर्चा पदाधिकारियों ने कुछ देर के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। भाजपा प्रत्याशियों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को भरोसा दिलाया कि हर हाल में पार्टी की सरकार बनेगी

दुमका से लौटे हेमंत, बनाई रणनीति

एक्जिट पोल के नतीजे से उत्साहित झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन शनिवार को दिनभर व्यस्त रहे। सुबह उन्होंने दुमका में कार्यकर्ताओं और संगठन के वरीय पदाधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने वहां स्ट्रांग रूम का दौरा किया और कार्यकर्ताओं को चौकसी बरतने के निर्देश दिए। देर शाम वे दुमका से वापस लौटे और विश्वस्तों के साथ अपने आवास में मंत्रणा की।

हेमंत ने प्रत्याशियों से की बातचीत, परिणाम पर साथी दलों से मंत्रणा

हेमंत सोरेन ने झामुमो के प्रत्याशियों से फीडबैक लिया और उन्हें ताकीद की कि वे मतगणना के दिन किसी प्रकार की कोताही न करें। स्ट्रांग रुम की लगातार निगरानी करें। उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी प्रकार की गड़बड़ी की तत्काल सूचना दें और निर्वाचन आयोग में भी शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने फोन पर कांग्रेस और राजद के नेताओं से बातचीत की। रविवार को उनकी विपक्षी गठबंधन के प्रमुख नेताओं संग बैठक हो सकती है।

एक्जिट पोल से हैरत में आजसू, नहीं है विश्वास

विधानसभा चुनाव के एक्जिट पोल के अनुसार आए संभावित नतीजे को लेकर आजसू पार्टी हैरत में है। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को विश्वास नहीं हो रहा है कि पार्टी को इतनी कम सीट मिलेगी। इस बार दहाई का आंकड़ा पार करने की उम्मीद लगाए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर अनुमान को बिल्कुल गलत ठहराया है। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने भी ट्विट कर कहा है कि पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक परिणाम को लेकर एकदम आश्वस्त और उत्साहित हैं। कहा है कि मेहनत, निष्ठा, कर्म, वचन के आगे अटकल और अनुमान नहीं टिकते। उन्हें विश्वास है कि परिणाम के बाद राजनीतिक परिदृश्य बदलेगा और आजसू पार्टी धुरी बनकर रहेगी।

आजसू को उम्मीद, नतीजे के बाद धुरी बनकर उभरेगी पार्टी 

इधर, शनिवार को पार्टी कार्यालय में लगभग सन्नाटा ही रहा। जो भी कार्यकर्ता उपस्थित थे उनके बीच एक्जिट पोल को लेकर ही चर्चा होती रही। कुछ कार्यकर्ताओं का यह भी मानना था कि जिस तरह उन्होंने अपने क्षेत्र में मेहनत की, उसका परिणाम मात्र एक्जिट पोल के नतीजे के अनुरूप ही नहीं आएगा। कार्यकर्ता विभिन्न सीटों पर जीत या हार का गणित भी लगाते रहे। दूसरे दलों की स्थिति पर भी पर भी चर्चा होती रही।


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