Jharkhand Election Result 2019: ओवैसी की पार्टी AIMIM झारखंड में साबित हुई वोटकटवा
Jharkhand Election Result 2019 रैलियों की भीड़ को एआइएमआइएम वोट में तब्दील नहीं कर सकी 11 सीटों पर आजमाई किस्मत नोटा के बराबर वोट भी नहीं ला सकी...जानिए
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Election Result 2019 असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआइएमआइएम) झारखंड में वोटकटवा साबित हुई। ओवैसी ने जिन 11 विधानसभा क्षेत्रों से प्रत्याशी उतारा, वहां उसे नोटा के बराबर मत (1.36) भी हासिल नहीं हो सका। संबंधित सीटों पर झारखंड की जनता ने उसे महज 1.16 फीसद मत ही दिया। ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि एआइएमआइएम की चुनावी रैली में उमड़ी भीड़ को वोट में तब्दील करने में ओवैसी सफल नहीं हुए। बताते चलें कि एआइएमआइएम ने गढ़वा, विश्रामपुर, हजारीबाग, बरकट्ठा, बोकारो, मधुपुर, डुमरी, धनवार, सारठ, जमशेदपुर पश्चिमी और राजमहल से प्रत्याशी उतारा था। इससे इतर, उसने लातेहार, लोहरदगा, रांची, और जमशेदपुर पूर्वी से भी पर्चा दाखिल किया था, परंतु तकनीकी गड़बडिय़ों के कारण संबंधित सीटों के नामांकन रद हो गया था।
डुमरी में सर्वाधिक और राजमहल में मिले सबसे कम मत
ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम को डुमरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सर्वाधिक 24,132 मत मिले थे, जबकि राजमहल में सबसे कम 862 मत मिले। इससे इतर, गढ़वा में 6,221, हजारीबाग में 8,919, बोकारो में 5,401, मधुपुर में 9,866, सारठ में 12,830, बरकट्ठा में 18,416 तथा जमशेदपुर पश्चिमी में 8,005 मत प्राप्त हुए। मतों के मामले में संबंधित सीटों पर जीत के अंतर पर गौर करें, तो ओवैसी की पार्टी प्रतिद्वंद्विता में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे प्रत्याशियों को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने में सफल नहीं रही।
दो सीटों पर उप विजेताओं को पहुंचाया नुकसान
निर्वाचन आयोग की ओर से विधानसभावार जारी आंकड़ों के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि विश्रामपुर में ओवैसी की पार्टी को 6.14 फीसद मत हासिल हुआ था। जबकि, यहां उप विजेता रहे बीएसपी के राजेश मेहता को विजयी उम्मीदवार रामचंद्र चंद्रवंशी से 4.52 फीसद कम मत मिले थे। अगर एआइएमआइएम को मिले मत उप विजेता के पक्ष में स्थानांतरित होती, तो स्थिति बदल सकती है। इसी तरह, धनवार में 14.5 फीसद मत ओवैसी की पार्टी को मिले थे। यहां विजेता और उप विजेता के बीच जीत का अंतर 9.25 फीसद मतों से रहा। यहां ओवैसी की पार्टी को मिले मत उप विजेता के पक्ष में स्थानांतरित हो जाने से विजेता की परेशानी बढ़ सकती थी।