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Jharkhand Assembly Election 2019: संथाल में सीटें बढ़ाने को कांग्रेस की किलेबंदी, जानें क्‍या है तैयारी

Jharkhand Assembly Election 2019 इस इलाके से आलमगीर आलम बादल पत्रलेख और डॉ. इरफान अंसारी विधायक हैं। कांग्रेस संख्या को दोगुना बनाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ रही है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 11:37 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: संथाल में सीटें बढ़ाने को कांग्रेस की किलेबंदी, जानें क्‍या है तैयारी
Jharkhand Assembly Election 2019: संथाल में सीटें बढ़ाने को कांग्रेस की किलेबंदी, जानें क्‍या है तैयारी

रांची, राज्य ब्यूरो। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव और कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर लगातार संथाल परगना में पार्टी की सीटें बढ़ाने के लिए प्रयास में जुटे हुए हैं। फिलहाल इस इलाके से आलमगीर आलम, बादल पत्रलेख और कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. इरफान अंसारी विधायक हैं। कांग्रेस संख्या को दोगुना बनाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ी है। आदिवासी बहुत क्षेत्रों में पार्टी का प्रभाव भी है और आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष बनने से माहौल भी बदला है। प्रमंडल स्तर पर पार्टी की रैलियों की तैयारी की गई है और इसका चुनाव पर असर पडऩा भी तय माना जा रहा है।

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कुल मिलाकर संथाल की सीटों के लिए कांग्रेस ने किलेबंदी भी कर ली है। लगातार सभाएं चल रही हैं। देवघर, दुमका और अन्य इलाकों में जनसभाओं का भी आयोजन किया जा रहा है। दूसरी ओर, कांग्रेस में टिकटों को लेकर भी लड़ाई शुरू हो चुकी है। सभी अपनी भागीदारी चाहते हैं। युवा कांग्र्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने युवाओं में आस जगा दिया है। उन्होंने यहां कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में युवाओं को टिकट दिया गया है। उसी तरह झारखंड विधानसभा चुनाव में योग्य युवाओं को टिकट मिलेगा। लेकिन इसके लिए उम्मीदवारों को जमीनी पकड़ मजबूत और क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता होनी

चाहिए।

कृष्णा अल्लावरू झारखंड के एकदिवसीय दौरे पर थे। वो खिजरी में आयोजित मेरा बूथ मेरा गौरव कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान युवा कांग्रेस के सभी जिलों के जिलाध्यक्ष, विधानसभा प्रभारी एवं विधानसभा अध्यक्षों ने अपने-अपने विधानसभा में चुनावी तैयारियों की रिपोर्ट रखी। अल्लावरू ने कहा कि हम जनता के मुद्दों के साथ चुनाव में जाएंगे। बेरोजगारी, किसान आत्महत्या, महिलाओं पर अत्याचार आदि कांग्र्रेस के चुनावी मुद्दे होंगे। इन मामलों के बीच कांग्रेस ढुलु प्रकरण को भी तूल देने में लगी हुई है।

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने आरोप लगाया कि ढुलु के खिलाफ मामले को सरकारी तंत्र ने कमजोर कर दिया और इसी कारण उन्हें कोर्ट से कम सजा मिली है। झारखंड के लोग अभी तक नहीं भूले हैं कि सरकार केस दर्ज होने में भी बाधा उत्पन्न कर रही थी। मुख्यमंत्री रघुवर दास और सरकार का नजरिया आरोपियों पर कार्रवाई के लिए अलग-अलग है। राज्य सरकार एक ओर राजनीति में आपराधिक छवि और दागी लोगों को बढ़ावा देने का काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी नेताओं को येन केन प्रकारेण राजनीतिक विद्वेष की भावना से फंसाने तथा प्रताडि़त करने की कोशिश की जा रही है।

लाल किशोर शाहदेव ने कहा कि झारखंड हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद भी पूर्व सांसद रवींद्र पांडेय और बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलु महतो के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी, लेकिन उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई नहीं हो रही है। दूसरी तरफ झारखंड विकास मोर्चा विधायक प्रदीप यादव पर प्राथमिकी दर्ज होते ही गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें कोर्ट से बेल लेना पड़ा। जिस मामले में ढुलु  महतो को 18 माह की सजा हुई है, उसी तरह के मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक अमित महतो को विधायकी गंवानी पड़ी। वहीं विपक्ष के नेता बंधु तिर्की एक मामले को लेकर अदालत परिसर गये थे, वहां से उनकी गिरफ्तारी की गई। शाहदेव ने कहा कि दोबारा सत्ता में आने के लिए बेताब भाजपा कोई भी काम करने को तैयार है।


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