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Jharkhand Election 2019: इस चुनाव में पानी की तरह बह रहा पैसा, उड़नखटोले पर हर दिन लाखों उड़ा रहीं पार्टियां

Jharkhand Assembly Election 2019 चुनाव प्रचार के लिए चार प्रमुख दलों ने किराए पर सात हेलीकॉप्टर ले रखे हैं जिसमें एक घंटे के उड़ान पर 80 हजार से 1.20 लाख तक का खर्च आता है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 09:29 AM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 12:57 PM (IST)
Jharkhand Election 2019: इस चुनाव में पानी की तरह बह रहा पैसा, उड़नखटोले पर हर दिन लाखों उड़ा रहीं पार्टियां
Jharkhand Election 2019: इस चुनाव में पानी की तरह बह रहा पैसा, उड़नखटोले पर हर दिन लाखों उड़ा रहीं पार्टियां

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 मिशन 2019 फतह करने के लिए चुनाव प्रचार के विभिन्न माध्यमों पर राजनीतिक पार्टियां पानी की तरह पैसे बहा रही है। हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल भी इसी का एक हिस्सा है। कम समय में अधिक से अधिक चुनावी सभा करने की होड़ में राष्ट्रीय तो राष्ट्रीय क्षेत्रीय पार्टियों ने भी किराए का हेलीकॉप्टर ले रखा है। बहरहाल, झारखंड के सुदूर क्षेत्रों तक अपनी पहुंच सुनिश्चित कराने तथा मतदाताओं को लुभाने के लिए पार्टियों की हवाई दौरे की रफ्तार अचानक तेज हो गई है। इन हवाई दौरों पर हर दिन औसतन 20 से 25 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। जैसे-जैसे यह अभियान रफ्तार पकड़ेगा, खर्च का औसत भी बढ़ता जाएगा। 

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बताते चलें कि आवश्यकता आधारित चुनाव प्रचार के लिए भाजपा ने चार, जबकि झाविमो, झामुमो और आजसू ने एक-एक हेलीकॉप्टर किराए पर ले रखा है। हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने वाली कंपनियों के साथ हुए करार के मुताबिक संबंधित दलों को सीट के हिसाब से एक घंटे के उड़ान के एवज में 80 हजार से लेकर 1.20 लाख रुपये तक देने पड़ रहे हैं। अधिकतर उड़ाने 10.30 से शाम 4.30 बजे के बीच हो रही हैं। अगर संबंधित पार्टियां औसतन तीन घंटे की भी उड़ान भरती हैं, तो उसे औसतन प्रति हेलीकॉप्टर प्रति दिन तीन लाख रुपये के हिसाब से 21 लाख रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। 

रांची से प्रमुख शहरों की हवाई दूरी

हजारीबाग 80 किलोमीटर, चतरा 110, कोडरमा 130, दुमका 223, देवघर 190, धनबाद 130, गिरिडीह   138, बोकारो 95, जमशेदपुर 110, पलामू 150, गुमला 90, लोहरदगा    71, साहिबगंज 310 तथा रांची से  सिमडेगा तक की हवाई दूरी 117 किलोमीटर है। समुद्र तट से न्यूनतम 3000 से अधिकतम 7000 फीट की ऊंचाई पर उडऩे वाले इन हेलीकाप्टरों की औसत स्पीड 180 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा है।

सुरक्षात्मक दृष्टि से डबल इंजन हेलीकॉप्टर पर अधिक भरोसा

केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत गृह मंत्रालय की ओर से सूचीबद्ध अन्य वीआइपी यात्रियों के लिए डबल इंजन वाले हेलीकॉप्टर ही मान्य है। सुरक्षा की दृष्टि से मंत्रालय स्तर से इस तरह की व्यवस्था की गई है। सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर से ऐसे महत्वपूर्ण लोगों को हवाई यात्रा कराने पर संबंधित कंपनियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। 

एक घंटे में जल जाते हैं 80 से 200 लीटर एटीएफ

हेलीकॉप्टर में इंधन की खपत उसमें सवार यात्रियों की संख्या पर निर्भर है। हेलीकॉप्टर में जितनी अधिक सीटें होंगी, इंधन की उतनी ही आवश्यकता होगी। सामान्य तौर पर 1+1 (एक पायलट व एक यात्री), 1+3, 1+4, 1+5 और 2+6 (दो पायलट व एक छह यात्री) सीट वाले हेलीकॉप्टर प्रचलन में है। एक घंटे की उड़ान भरने में सीट के हिसाब से 80 से लेकर 200 लीटर एवियेशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की जरूरत होती है।


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