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Jharkhand Assembly Election 2019: झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी, तिथियां दूर; नवंबर-दिसंबर में पड़ेंगे वोट

सोमवार को राज्‍य के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी विनय कुमार चौबे ने चुनावी तैयारियों को परखा। इस दौरान अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी गई।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 01:15 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 08:55 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी, तिथियां दूर; नवंबर-दिसंबर में पड़ेंगे वोट

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड में विधानसभा चुनाव की पूरी तैयारी है। लेकिन, तिथियां अब भी दूर हैं। कहा जा रहा है कि नवंबर-दिसंबर में वोट डाले जाएंगे। सोमवार को राज्‍य के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी विनय कुमार चौबे ने चुनावी तैयारियों को परखा। इस क्रम में अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी गई। बता दें कि महाराष्‍ट्र और हरियाणा के साथ झारखंड में विधानसभा चुनाव कराने के कयासों पर विराम लगाते हुए बीते दिन चुनाव आयोग के मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त सुनील अरोड़ा ने इन दोनों राज्‍यों में 21 अक्‍तूबर को वोटिंग कराने की घोषणा की थी।

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मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में बोलते झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय चौबे।

संशय खत्म, झारखंड में समय पर होंगे विधानसभा चुनाव

महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा होते ही झारखंड विधानसभा चुनाव की तिथियों को लेकर व्याप्त संशय समाप्त हो गया है। अब यह तय है कि झारखंड में नियत समय नवंबर-दिसंबर में ही चुनाव होंगे। राज्य विधानसभा का कार्यकाल पांच जनवरी को समाप्त हो रहा है। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव आयोग झारखंड में भी हरियाणा और महाराष्ट्र के साथ ही चुनाव करा सकता है।

पांच जनवरी को समाप्त हो रहा है झारखंड विधानसभा का कार्यकाल

2014 में 25 नवंबर, दो दिसबंर, नौ दिसंबर, 14 दिसंबर और 20 दिसंबर को पांच चरणों में मतदान हुआ था, जबकि मतों की गणना 23 दिसंबर को हुई थी। चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी, उसे 37 सीटें हासिल हुईं थी। झारखंड के छठे मुख्यमंत्री के तौर पर बतौर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 28 दिसंबर को अपना कार्यभार ग्रहण किया था। इस बार भी आयोग चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा इन्हीं तिथियों के आसपास कर सकता है। अधिसूचना दीपावली के बाद जारी होने की संभावना है।

पांच साल पूरा करनेवाले पहले सीएम होंगे रघुवर

अलग राज्य बनने के बाद पहली बार कोई सरकार अपना कार्यकाल पूरा करने जा रही है। इसके पूर्व बनी तमाम सरकारें गठबंधन टूटने के कारण बदलती रही हैं। पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से लेकर अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन, मधु कोड़ा आदि कोई भी पांच साल पूरा नहीं कर सका। 2014 में पहली बार गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बने रघुवर दास के नाम यह उपलब्धि जाती है।


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